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साप्‍ताहिक कालम: साहब ससुराल कैसे जाऊंगी Gorakhpur News

गोरखपुर के साप्‍ताहिक कालम में इस बार पुलिस विभाग को फोकस किया गया है। पुलिस और फरियादियों पर आधारित यह रिपोर्ट यह बताती है कि पुलिस में अभी कोई खास बदलाव नहीं हुआ है। आप भी पढ़ें गोरखपुर से सतीश कुमार पांडेय का साप्‍ताहिक कालम बतकही---

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 07 May 2021 07:30 AM (IST)
साप्‍ताहिक कालम:  साहब ससुराल कैसे जाऊंगी Gorakhpur News
साप्‍ताहिक कालम के लिए एसएसपी कार्यालय का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। पंचायत चुनाव में पुलिसकर्मियों की छुट्टी रद कर दी गई।जिनके घर शादी थी उन्हें एक से दो दिन की छुट्टी बड़ी मुश्किल से मिली।जिले में तैनात महिला सिपाही की अप्रैल के आखिरी सप्ताह में तिलक व तीन मई को शादी थी।तिलक में घर जाने के लिए उसने प्रार्थना पत्र दिया लेकिन यह कहते हुए छुट्टी नहीं दी गई कि उसका क्या काम है।तिलक में घरवाले कामकाज देख लेंगे। शादी में चली जाना।शादी में घर जाने के लिए उसने छुट््ी मांगी तो अधिकारियों ने तीन मई तक की अवकाश स्वीकृत कर दी गई।महिला सिपाही को जब जानकारी हुई तो परेशान हो गई। पुलिस कार्यालय पहुंचकर पेशकार और बाबुओं को अपनी परेशानी बताने लगी।उसकी शादी है केवल शामिल होने कि छुट्टी मिली है।अगले दिन विदाई है ससुराल कैसे जाउंगी।अधिकारियों को जब इसकी जानकारी हुई तो अपनी गलती का एहसास हुआ।शादी के बाद सुसराल जाने के लिए महिला सिपाही की छुट्टी बढ़ाई।  

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सुविधा शुल्क मांग रहा दारोगा 

जिले के सबसे महत्वपूर्ण थाने पर तैनात दारोगा के भ्रष्टाचार और कदाचार के कई किस्से सामने आ चुके हैं।लेकिन रसूख की वजह से अधिकारी हर बार उसे अभयदान देते है।वह क्षेत्रीय साहब का खास भी है, जरूरत के हिसाब से उनकी खातिरदारी करता है। पिछले दिनों थाने में दहेज उत्पीडऩ का केस दर्ज हुआ। जिसकी विवेचना थानेदार ने दारोगा को सौंप दी।एफआइआर की कापी हाथ लगते ही दारोगा के बांछे खिल गए।जांच से पहले उसने नाम, घटाने और बढ़ाने का गणित शुरू कर दिया।बयान लेने लिए पीडि़त पक्ष को थाने बुलाया तो संवेदना जताने के साथ ही अपनी जिज्ञासा भी जाहिर कर दी।उनकी बात सुनकर पीडि़त परिवार हैरान हो गया।उत्तरी क्षेत्र के एक थाने पर तैनाती के दौरान अपने इसी कृत्य की वजह से दारोगा हटाया गया था। कुछ दिन पहले बदमाश के घर पार्टी में शामिल होने का मामला सामने आने पर भी वह सुर्खियों में आया था।लेकिन एक कहावत है अल्ला मेहरबान तो गदहा भी पहलवान।दारोगा के साथ भी कुछ ऐसा ही है।

तांत्रिक के चंगुल से पत्नी को छुड़ाइए

ड्राइवर को संदेह है कि गांव के रहने वाले तांत्रिक ने उसकी पत्नी और बेटे को अपने वश में कर लिया है। वह जो कहता है पत्नी और बेटा वही करते हैं। उसकी बात को अनसुनी कर देते हैं। ड्राइवर ने यह बात पहले गांव के लोगों को बताई। पंचायत करके समाधान करने को कहा, हल न निकलने पर पुलिस आफिस पहुंच गया। प्रार्थना पत्र देकर बताया कि तांत्रिक के चंगुल में फंसे पत्नी और बेटे ने घर से निकाल दिया है। विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी देेते हैं।उनकी प्रताडऩा से मैं सड़क पर आ गया हूं। शिकायत करने पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। तंत्रमंत्र की जानकारी रखने वाला अगर जांच करे तो सच्‍चाई मालूम हो जाएगी। पुलिस परेशान है कि इस मामले का निस्तारण कैसे करे। ड्राइवर पिछले छह माह से पुलिस कार्यालय पहुंचकर पत्नी और बेटे को तांत्रिक के चंगुल से मुक्त कराने के लिए प्रार्थना पत्र देता है। सुनवाई न होने का आरोप लगा अब अखबार के दफ्तरों की चक्कर लगा रहा।

जी का जंजाल बनी डिजिटल सुनवाई

कोरोना संक्रमण से पुलिसकर्मी बचे रहे इसके लिए कप्तान ने डिजिटल सुनवाई की व्यवस्था कर दी।सभी थाने का वाट््सएप नंबर और ईमेल आइडी जारी कर दी। अखबार में खबर प्रकाशित होते ही जिले के अधिकांश थानेदारों के खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा। थाने में कार्यालय के बाहर नोटिस चस्पा करने के साथ ही प्रार्थना पत्र देने के लिए एक बाक्स टंगवा दिया।अब अगर कोई समस्या बताने के लिए फोन करता है तो उठता ही नहीं है। थाने पहुंचने पर गार्ड बाक्स में प्रार्थना पत्र डालने की सलाह देकर लौटा देता है। जनसुनवाई की नई प्रणाली अब फरियादियों को भारी पडऩे लगी है।बेलीपार क्षेत्र में रहने वाली संध्या पिछले 10 दिन से थाने व पुलिस कार्यालय का चक्कर लगा रही है। पट्टीदारों ने पीटकर परिवार के साथ घर से निकाल दिया है।डायल 112 पर सूचना देने पर पुलिस पहुंची तो थाने जाने को कहा। वहां जाने पर कोरोना संक्रमण का हवाला देकर गेट से ही लौटा दिया गया। वाट्सएप पर प्रार्थना पत्र भेजने पर कोई रिस्पांस नहीं मिलता है।ऐसे बहुत सारे फरियादी हैं जो प्रार्थना पत्र लेकर टहल रहे हैं।


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