दारोगा की प्रेम कहानी से मचा हंगामा Gorakhpur News
गोरखपुर के साप्ताहिक कालम में इस बार पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली पर फोकस करती हुई रिपोर्ट दी गई है। उनकी दिनचर्या उनके हाव भाव पर आधारित रिपोर्ट पठनीय है। आप भी पढ़ें गोरखपुर से सतीश कुमार पांडेय का साप्ताहिक कालम-बतकही---
सतीश कुमार पांडेय, गोरखपुर। उत्तरी क्षेत्र के थाने पर तैनात रहे दारोगा की प्रेम कहानी सामने आने पर पुलिस महकमे में हंगामा मच गया है। सिपाही, दारोगा के साथ ही अधिकारियों के जुबान पर इसी की चर्चा है। थाने पर तैनात दारोगा का अपने मातहत से गहरी दोस्ती थी। दोनों लोग फोन पर घंटो एक दूसरे से बात करने के साथ ही चैङ्क्षटग करते थे। किसी के सामने अपनी दोस्ती जाहिर नहीं होने देते। लेकिन चोर की दाढ़ी में तिनका कहां छिपने वाला था। थाने में तैनात दारोगा व सिपाहियों को उनके रिश्ते की खबर लग गई। जिसके बाद सभी दोनों लोगों की गतिविधि पर नजर रखने लगे। 31 दिसंबर की रात में थाना परिसर के आवास में मातहत के साथ नए साल का जश्न मना रहे थे। दूसरे पुलिसकर्मियों की सूचना पर थानेदार ने पकड़ लिया। जिसके बाद हंगामा मच गया। अधिकारियों को जानकारी हुई तो उन्होंने थानेदार को जमकर लताड़ लगाई। आनन - फानन में दारोगा का तबादला जिले के पश्चिमी छोर वाले थाने पर कर दिया गया। शादीशुदा दारोगा के कारनामे की चर्चा पूरे जोर - शोर से महकमे में हो रही है।
साहब से किसने की हाथापाई
पिछले दिनों शहर में एक अजीब घटना हो गई। वीआइपी दौरा के दौरान एक महकमे के बड़े साहब अपनी कार से मोहद्दीपुर की तरफ जा रहे थे। वीआइपी के आने की सूचना वायरलेस सेट पर प्रसारित होने के बाद डयूटी पर लगे सिपाहियों ने गाडिय़ों का आवागमन रोक दिया। 10 मिनट रुकने के बाद साहब ने अपनी कार आगे बढ़ा दी। सिपाही ने रोका तो अपना परिचय देकर बहस करने लगे। लेकिन उसने एक न सुनी और आगे जाने से रोक दिया। यह बात साहब को बहुत नागवार लगी। अपना रुतबा दिखाते हुए उन्होंने कार आगे बढ़ा दी। जिसके बाद सिपाही ने आगे बढ़कर उन्हें रोक लिया। बहस होने पर उनकी तरफ हाथ बढ़ा दिया। मौके पर तो साहब चुप रहे लेकिन आवास पर लौटने के बाद पुलिस अधिकारियों को मामले की जानकारी देते हुए चौराहे पर खड़े सिपाही को ढूंढने लगे। सीओ व थानेदार ने भी खोजबीन शुरू की। शहर के थानो में तैनात सिपाहियों से पूछा जाने लगा कि साहब से किसने हाथापाई की लेकिन आज तक पता नहीं चला।
पुलिस परीक्षा में हुआ शक्ति परीक्षण
पुलिस भर्ती परीक्षा के दौरान जिले के प्रशासनिक व शिक्षा विभाग के एक अधिकारी में ठन गई। जिसके बाद कौन किससे बड़ा है इसको लेकर शक्ति परीक्षण शुरू हो गया। किसका अधिकार ज्यादा है इसे जानने के लिए कानून की किताबें निकल गई। दो दिन तक चले मंथन के बाद विधि विशेषज्ञ जब तक निष्कर्ष पर पहुंचे तब तक परीक्षा ही समाप्त हो गई। अधिकारियों के बीच तकरार की शुरूआत भर्ती परीक्षा का कापी व पेपर रखने के लिए जगह न देने पर हुई। प्रशासन वाले साहब ने सुरक्षा की ²ष्टि से पेपर को शिक्षा विभाग के हाल में रखने का फैसला लिया था। इसकी जानकारी शिक्षा विभाग के साहब को हुई तो नाराज हो गए। यह बताते हुए आदेश मानने से इन्कार कर दिया कि वह उनके मातहत नहीं है। पेपर रखने के लिए हाल नहीं देंगे। अधिकारियों को इसकी जानकारी हुई तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया। हाल की चाभी लेने के लिए अपनी ओर से उन्होंने पूरी कोशिश की लेकिन शिक्षा विभाग वाले साहब नहीं माने। जिसके बाद दूसरी जगह व्यवस्था करनी पड़ी।
सूचना न देने से नाराज हैं साहब
लखनऊ से बिहार जा रहे पशु तस्करों को उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टीम ने पड़ोस के जिले में पकड़ लिया। जिले के अधिकारियों के साथ ही थानेदार को इसकी जानकारी कार्रवाई के बाद हुई। यह बात साहब को बहुत नागवार लगी। उच्चाधिकारियों के पास फोन कर नाराजगी जाहिर करने लगे। उनको गुस्सा इस बात का था कि स्पेशल टीम उनके ऊपर भी संदेह कर रही है इसलिए कार्रवाई से पहले जानकारी नहीं दी। अधिकारियों ने ऊपर बात की तो पता चला कि स्पेशल टीम को पशु तस्करों के खिलाफ होने की वाली कार्रवाई की जानकारी किसी को न देने के निर्देश हैं। उसके बाद साहब का गुस्सा शांत हुआ। इस घटना के दो दिन बाद स्पेशल टीम ने पशु तस्करी में लिप्त देवरिया जिले में तैनात एक सिपाही को भी पकड़ लिया। जिसके बाद महकमे में हड़कंप मच गया। हाईवे के थानों पर लंबे समय से तैनात पुलिसकर्मियों का तबादला करने की तैयारी चल रही है।