नौकायन आइए, दिखाते हैं बाइक स्टंट Gorakhpur News
गोरखपुर से इस बार के साप्ताहिक कालम में पुलिस विभाग को केंद्रित किया गया है जिसमें उनकी कार्य प्रणाली पर फोकस करते हुए रिपोर्ट लिखी गई है। आप भी पढ़े गोरखपुर से कौशल त्रिपाठी का साप्ताहिक कालम यायावर कालम---
गोरखपुर, जेएनएन। नौकायन के नाम पर मनोरम दृश्य देखने के लिए सुबह रामगढ़ ताल के पास भीड़ होती है, लेकिन वहां करीब दर्जन भर युवा, लोगों के लिए मुसीबत बन गए हैं। अपनी और लोगों की जान जोखिम में डालकर यह बाइक पर स्टंट दिखाते हैं। अक्सर सैर सपाटे के लिए आने वाले बड़े साहब भी कई दिनों से यह कलाकारी देख रहे हैं। सुबह की शुद्ध हवा के चक्कर में कई पुलिस कर्मी तो माह भर से यह तमाशा देख रहे हैं। फुल स्पीड में आड़े-तिरछे बाइक चलाने में युवाओं को मजा आता है, लेकिन उनका स्टंट टहलने वालों के लिए सजा बन गया है। दो दिन पहले पैडलेगंज से नौकायन की ओर जा रही युवती के बगल से स्टंट करने वाला फुल स्पीड में निकला, तो भयभीत युवती गिरते-गिरते बची। काफी शिकायतें पहुंचने के बाद बड़े साहब के निर्देश पर कुछ बाइक सीज की गई हैं, लेकिन दहशत बरकरार है।
रोती सड़क, सिसकते राहगीर
आपको रोती हुई सड़क देखनी है, तो पं.हरिहर प्रसाद दुबे मार्ग पकड़ कर रुस्तमपुर आइए। इस मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे आपको अस्पताल पहुंचाने के लिए तत्पर दिखेंगे। गिरने से बच भी गए, तो फर्राटा भरने की साध पूरी नहीं होगी। हजारों लोगों की तरह इस मार्ग का रोज उपयोग करने वाले सुखराम चाचा को एक माह से समझ में नहीं आ रहा है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क। हिचकोले खाते वाहन इस मार्ग पर आए दिन पलटते हैं। बाइक वाले कमर दर्द और शाकर टूटने से तबाह हो गए हैं। अगल-बगल रहने वालों ने बताया कि आंबेडकर चौक से दाउदपुर काली मंदिर होकर रुस्तमपुर जाने वाली यह सड़क पिछले छह माह से अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रही है। इसका प्रतिदिन उपयोग करने वाले राहगीर सिसक रहे हैं। कई बार शिकायत के बाद भी इस मार्ग की मरम्मत न होने की चहुंओर चर्चा हो रही है।
खाकी की मनमानी से बढ़ी परेशानी
थाना वाले साहब की मनमानी से फरियादियों की परेशानी बढ़ रही है। उन्हें मित्र पुलिस अब शत्रु नजर आने लगी है, क्योंकि लूट, दुष्कर्म व छेडख़ानी का केस दर्ज कराने में अब पीडि़तों को पसीने छूटने लगे हैं। जिले के अधिकांश थानों के साहब जांच के बाद केस लिखने का भरोसा दिलाते हैं, लेकिन यह नहीं बताते कि जांच कितने दिन में पूरी होगी। दक्षिणांचल के एक थाना क्षेत्र में लूट का केस 12वें दिन दर्ज हुआ, जबकि छेडख़ानी के 12 केस 15 दिन बाद भी नहीं लिखे गए हैं। कोर्ट का आदेश है कि छेड़खानी व दुष्कर्म के मामले में केस तुरंत दर्ज किया जाए, लेकिन उसका भी पालन नहीं हो रहा है। चौरीचौरा सर्किल के एक थाने के साहब ने हाल में ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए पशु तस्कर को थाने से छोड़ दिया। खेदू चाचा चिंतित हैं कि बड़े साहब भी मनमानी पर रोक नहीं लगा रहे हैं।
मुफ्तखोरी से परेशान सब्जी वाले
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए सरकार संकल्पित है। इसके लिए हरसंभव उपाय भी कर रही है, लेकिन सरकार की इस नेक मंशा पर दो विभागों के जिम्मेदार पानी फेर रहे हैं। दोनों विभागों के कतिपय कर्मचारियों की मुफ्तखोरी से शास्त्री चौक व आंबेडकर चौराहे के आसपास सब्जी व फल बेचने वालों की परेशानी बढ़ गई है। शाम को नगर निगम के कर्मचारी पहुंचते हैं। भूमि को अपना बताकर प्रति दुकानदार 50 रुपये वसूलते हैं और सबसे महंगी सब्जी मुफ्त में ले जाते हैं। रात में करीब आठ बजे वर्दीधारी पहुंचते हैं। धौंस देकर प्रति ठेला 50 से 100 रुपये लेते हैं और मुफ्त में सब्जी न देने पर पीटते हैं। अभी दो दिन पहले शास्त्री चौक पर मुफ्त में सब्जी न देने पर ठेले वाले को पीट रहे वर्दीधारी का एक नागरिक ने विरोध किया तो उसने उन्हें भी धमकाया। अपशब्दों से नवाजा और जेल भेजने की धमकी दी।