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यायावर : चौकी के समीप झोपडिय़ों में 'ओपेन बार Gorakhpur News

पढ़ें गोरखपुर से कौशल त्रिपाठी का साप्‍ताहिक कॉलम यायावर---

By Satish ShuklaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 04:45 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 04:45 PM (IST)
यायावर : चौकी के समीप झोपडिय़ों में 'ओपेन बार Gorakhpur News
यायावर : चौकी के समीप झोपडिय़ों में 'ओपेन बार Gorakhpur News

कौशल त्रिपाठी, जेएनएन। महानगर में नियमों की अनदेखी करने की होड़ मच गई है। सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने-पिलाने पर प्रतिबंध है, लेकिन नागरिकों संग कतिपय जिम्मेदार भी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। यही कारण है कि महानगर स्थित एक पुलिस चौकी के समीप सड़क किनारे दर्जनभर झोपडिय़ां बार में तब्दील हो गई हैं। इन झोपडिय़ों में सुबह से लेकर देर रात तक पीने-पिलाने का दौर चल रहा है। इस ओपेन बार में खुलेआम जाम टकराने के बावजूद पुलिस मूकदर्शक रहती है। बताते हैं, मोहद्दीपुर से पैडलेगंज, रुस्तमपुर, ट्रांसपोर्ट नगर होते हुए नौसढ़ जाने वाले इस मार्ग पर स्थित शराब की सरकारी दुकानों के दूसरी तरफ झोपडिय़ों में खुले बार को चौकी पुलिस का संरक्षण है। वहीं दुकानों पर भी शौकीनों की जेब कट रही है। प्रति बोतल दस रुपये अधिक वसूले जा रहे हैं। इसके चलते कई बार विवाद की स्थिति आ जाती है। इसके बावजूद जिम्मेदार कार्रवाई नहीं करते।

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इस कोरोना ने खराब की हालत

वर्तमान में कोरोना का भय सिर चढ़कर बोल रहा है। दूध व दवा लेने घर से निकलने पर स्वजन ऐसे देखते हैं, मानो बाइक से मौत के कुएं में जा रहे हैं। दुकानदार दूध देता है, तो पैकेट ऐसे पकड़ते हैं, जैसे गांजा खरीद रहे हों। दुकानदार के हाथ का स्पर्श अथवा किसी का कंधा टकराने पर जनाजे का परिदृश्य आंखों के सामने नाचने लगता है। दुकानदार द्वारा वापस किया गया पैसा तत्काल सैनिटाइज करने के बाद भी मन से भय नहीं निकल रहा है। साहब इस कोरोना ने शहर के करीब 80 फीसद लोगों की हालत खराब कर दी है। इसके बीच करीब 20 फीसद लोग बिंदास होकर महानगर में बाइक से फर्राटा भर रहे हैं और खुद के साथ आम नागरिकों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। तेजी से बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अनावश्यक घूमने वालों पर रोक न लगाने की चहुंओर चर्चा हो रही है।

ओवरलोड यात्री वाहन संक्रमण फैला रहे साहब

जिले में संचालित ओवरलोड यात्री वाहन कोरोना संक्रमण फैला रहे हैं। गोरखपुर से खजनी वाया सिकरीगंज, कौड़ीराम, सहजनवां, चौरीचौरा व पिपराइच से कचहरी संग शहर में संचालित वाहनों में सीट से अधिक यात्री ढोए जा रहे हैं। तीन में पास आटो पर 11, सात में पास जीप में 15 यात्री ठूसे जा रहे हैं। वाहनों में डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हानेे से भी संक्रमण बढ़ रहा है। प्रशासन ने डेढ़ माह पहले भाड़ा दोगुना कर आटो में तीन, जीप में पांच यात्री बैठाने का फरमान जारी किया था, लेकिन फरमान को दरकिनार कर वाहन संचालक मनमानी कर रहे हैं। अभी हाल में शहर से आटो से खजनी गया। भाड़ा 25 की जगह 50 रुपये दिए, लेकिन आटो वाले ने 11 सवारी ठूस ली। मजबूरी थी क्या करते। रास्ते भर कोरोना से बचाव के लिए भगवान को याद करते रहे। लोगों का जीवन संकट में डालने वालों पर कार्रवाई कब होगी।

यह तो जनधन की बर्बादी है साहब

महानगर में बारिश के चलते होने वाले जलजमाव को दूर करने के लिए लाखों रुपये खर्च कर हाईवे के किनारे नालों का निर्माण कराया गया। इन नालों के जरिए गंदे पानी की निकासी हो रही थी कि विकास को धार देने के लिए सड़क सिक्स लेन में पास हो गयी। सिक्स लेन सड़क बनने से निश्चित तौर पर महानगर के नागरिकों को जाम की समस्या से छुटकारा मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। इन सबके बीच महानगर से गंदे पानी की निकासी के लिए हाल ही में बने नाले अब तोड़े जा रहे हैं, जिससे सिक्स लेन सड़क का निर्माण सुचारु रूप से हो सके। नाला तोडऩे को लेकर चहुंओर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। नागरिकों का कहना है कि जब नालों को तोडऩा ही था, तो बनवाया क्यों? नाले का निर्माण कराकर तोडऩा तो जनधन की बर्बादी है साहब। इसके लिए जिम्मेदारों पर कार्रवाई की दरकार है।


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