बतकही : प्यार छिपाने को उठा ले गए डीवीआर Gorakhpur News
पढ़ें गोरखपुर से सतीश कुमार पांडेय का साप्ताहिक कालम बतकही---
सतीश कुमार पांडेय, गोरखपुर। उत्तरी क्षेत्र में सीओ कार्यालय में तैनात दीवान के प्रेम-संबंध की चर्चा पूरे शहर में है। हो भी क्यों न, दीवान ने ऐसा कारनामा ही कर दिया है। जिस महिला से वह प्यार करते हैं, 10 दिन पहले उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे अस्पताल ले गए। अपना परिचय देने के बाद अस्पताल के प्राइवेट कक्ष में प्रेमिका को भर्ती कराकर तीमारदारी में जुट गए। बाद में डॉक्टर ने महिला को आइसीयू में शिफ्ट कर दिया। आइसीयू वार्ड खाली होने की वजह से दीवान जी वहां पहुंचकर अपनी दीवानगी का प्रदर्शन करने लगे। उनका कारनामा वार्ड में लगे सीसी कैमरे के जरिए अस्पताल के रिसेप्शन के पास लगे एलसीडी पर दिखने लगा। बाहर निकलने के बाद दीवान की नजर एलसीडी पर पड़ी, तो बहुत नाराज हुए। कारनामा सार्वजनिक न हो जाए, इसलिए सीसी कैमरे का डीवीआर खोलकर उठा ले गए। खबर लगने के बाद एसएसपी ने जांच शुरू करा दी है।
बिना घूस दिए नहीं होगा काम
पुलिस महकमे में नियुक्ति पाने के बाद 30 साल तक दारोगा जी ने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया। किसी से उन्होंने न तो रिश्वत ली और न ही दी। मातहतों के साथ ही परिवार के लोगों को नैतिकता का पाठ पढ़ाते रहे। छह माह पहले दारोगा जी सेवानिवृत्त हो गए। पुलिस विभाग के लोग उनकी ईमानदारी से परिचित थे, लिहाजा बिना किसी अटकलबाजी के पेंशन के कागजात तैयार होकर संबंधित विभाग में पहुंच गए। दारोगा जी इस गलतफहमी में थे कि वहां भी काम आराम से हो जाएगा, लेकिन बाबुओं से सामना हुआ, तो उनका माथा ठनक गया। फाइल आगे बढ़ाने के लिए बाबू सुविधा शुल्क मांगने लगे। रिश्वत लेने और देने में विश्वास न रखने वाले दारोगा जी ने उनकी बात अनसुनी कर दी। इसके बाद बाबुओं ने उनकी फाइल में कमियां निकलनी शुरू कर दी। करीब एक महीने से वह कमियां दूर करने में लगे हैं।
प्रेमी को छुड़ाने के लिए बनी मां
रात में रेलवे स्टेशन पर मौज-मस्ती कर रहे ऑटो चालक को पुलिस ने पकड़ लिया। चालक नशे में धुत्त था। महामारी अधिनियम के तहत केस दर्ज करने के लिए दारोगा ने पूछताछ शुरू की, तो उसने नाम-पता गलत बता दिया। इसी बीच चालक के मोबाइल पर उसकी प्रेमिका का फोन आया। क्रास चेक करने के लिए सिपाही ने फोन रिसीव कर चालक के पकड़े जाने की जानकारी दी। प्रेमिका ने उसका सही नाम-पता बता दिया। भेद खुलने पर ऑटो चालक माफी मांगने लगा। घरवालों से बात कराने के लिए कहने पर उसने प्रेमिका के पास फोन कर घरवालों को बताने को कहा। कुछ देर बाद अनजान नंबर से उसके मोबाइल पर फोन आया। सिपाही ने फोन रिसीव किया, तो बात करने वाली युवती खुद को ऑटो चालक की मां बताकर उसे छोडऩे की सिफारिश करने लगी, लेकिन सिपाही ने उसकी आवाज पहचान ली। डांटने पर युवती ने फोन काट दिया।
व्यापारियों से दारोगा मांग रहा एसी
चौरीचौरा सर्किल में हाईवे किनारे की पुलिस चौकी पर 15 दिन पहले बतौर प्रभारी तैनात दारोगा को बहुत गर्मी लग रही है। गाडिय़ों के शोर शराबे से भी वह बहुत परेशान हैं। गर्मी से निजात पाने के लिए उन्होंने चौकी के सिपाहियों के साथ हाईलेवल की मीङ्क्षटग की, जिसमें सर्वसम्मति से तय हुआ कि चौकी में एसी लगवा दिया जाए। इसके बाद रुपये को लेकर पेच फंस गया। आपस में चंदा लगाने की बात पर कोई तैयार नहीं हुआ। तय हुआ कि स्थानीय व्यापारियों से एसी लगवाने को कहा जाए। कारखास सिपाहियों की सलाह पर दारोगा ने कस्बे के व्यापारियों को तलब कर एसी का इंतजाम करने का फरमान सुना दिया। व्यापारियों ने कोरोना संक्रमण के चलते व्यापार चौपट होने की दलील देते हुए एसी की व्यवस्था करने में असमर्थता जतायी, लेकिन चौकी प्रभारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं हैं, जिसकी वजह से व्यापारी चिंता में पड़ गए हैं।