सीएम सिटी गोरखपुर में एक सप्ताह से पानी के लिए त्राहि-त्राहि
गोरखपुर के बसंत विहार जीडीए कॉलोनी के लोग ट्यूबवेल खराब होने के कारण पांच दिन से पानी की किल्लत झेल रहे हैं। बर्तन व कपड़े धुलने के लिए भी लोगों को पानी खरीदना पड़ रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर के शाहपुर के बसंत विहार जीडीए कॉलोनी के लोग ट्यूबवेल खराब होने के कारण पांच दिन से पानी की किल्लत झेल रहे हैं। बर्तन व कपड़े धुलने के लिए भी लोगों को पानी खरीदना पड़ रहा है। पांच दिन पहले ट्रांसफार्मर जला तो बुधवार की दोपहर ठीक हुआ। इसके बाद ट्यूबवेल खराब हो गया, जिसे अब तक नहीं बनवाया जा सका है। कॉलोनी के लोगों का कहना है कि नगर निगम के अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया, लेकिन आपूर्ति बहाल नहीं हुई। लोगों को बताया गया कि मोटर जल गया है और शुक्रवार की दोपहर तक आपूर्ति बहाल हो जाएगी।
दोपहर तक पानी न आने पर लोगों ने फिर जलकल के अधिकारियों को कॉल किया तो शनिवार की दोपहर तक आपूर्ति बहाल करने का आश्वासन दिया गया, लेकिन देर रात तक घरों में पानी नहीं पहुंचा। कालोनी के लोगों ने नगर निगम के अधिकारियों से फिर संपर्क किया तो बताया गया कि पंप को बनाया जा रहा है लेकिन सोमवार तक पानी की आपूर्ति शुरू नहीं हो पाई। 200 परिवार चार दिनों से पानी की बूंद-बूंद के लिए तरह रहा है और अधिकारी सिर्फ आश्वासन दे रहे हैं। कॉलोनी की पूजा श्रीवास्तव एवं मनोज मिश्रा ने बताया कि एक सप्ताह से घर में पानी नहीं आ रहा है जिससे काफी परेशानी हो रही है।
बशारतपुर व बेतियाहाता में भी पानी को तरसे लोग
उधर, पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होने एवं ट्रांसफार्मर जलने से शहर के कई हिस्सों में हजारों लोग पानी के लिए तरस गए। बशारतपुर, एसएन सिंह चौराहा, शक्तिनगर, शाहपुर समेत आसपास के इलाके में पानी की सप्लाई पूरी तरह से ठप है। इससे हजारों लोगों की दिनचर्या प्रभावित हुई। जलकल के अधिकारियों ने फरियाद नहीं सुनी तो लोगों ने महापौर सीताराम जायसवाल से गुहार लगाई, तब जाकर पानी का टैंकर बशारतपुर पूर्वी पहुंचा। दूसरी तरफ बेतियाहाता स्थित कमिश्नर कंपाउंड में लगे ट्रांसफर के जलने से आसपास के इलाके में पानी की आपूर्ति ठप है। मेडिकल कॉलेज रोड पर पीडब्ल्यूडी सड़क का चौड़ीकरण कर रहा है।
जेसीबी से गड्ढा खोदते वक्त चार स्थानों पर पाइप लाइन टूट गई। सुबह लोगों की आंखें खुली तो टोटी सूखे हुए थे। करीब पांच हजार घरों में पानी की सप्लाई ठप होने से पानी के लिए हाहाकार मचने लगा। स्थानीय लोगों ने जलकल के अधिकारियों को फोन मिलाया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला। इसी बीच कुछ लोगों ने महापौर को कॉल कर पानी न आने की बात कही। महापौर ने टैंकर भिजवाया तब जाकर कुछ लोगों की जरूरत पूूरी हो सकी। बेतियाहाता एवं आसपास के लोग पानी की किल्लत झेल रहे हैं।
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