Move to Jagran APP

Water logging : यहां आदमी ही नहीं पौधों पर भी संकट, पानी में 'सूख' गए 50 हजार पौधे Gorakhpur News

बरसात से आदमी ही नहीं बल्कि पेड़ पौधे भी परेशान हैं। जलजमाव से परेशान लोग अपना घर छोड़कर अपना जीवन बचा लेंगे लेकिन पेड़ पौधों के जीवन पर संकट है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 14 Jul 2019 03:34 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jul 2019 09:37 AM (IST)
Water logging : यहां आदमी ही नहीं पौधों पर भी संकट, पानी में 'सूख' गए 50 हजार पौधे Gorakhpur News
Water logging : यहां आदमी ही नहीं पौधों पर भी संकट, पानी में 'सूख' गए 50 हजार पौधे Gorakhpur News

गोरखपुर/देवरिया, जेएनएन। यहां भारी बरसात से आदमी ही नहीं बल्कि पेड़ पौधे भी परेशान हैं। जलजमाव से परेशान लोग अपना घर छोड़कर अपना जीवन बचा लेंगे लेकिन पेड़ पौधों के जीवन पर संकट है। देवरिया जिले के गौरी बाजार में वन विभाग द्वारा पौधशाला में रोपित एक लाख बीस हजार पौध पानी में पूरी तरह डूब चुके हैं। 50 हजार सागौन के पौधों का अस्तित्व मिटने के कगार पर है। यदि ऐसा हुआ तो पौधराेपण का लक्ष्य पूरा करने में दिक्कत आएगी। हालांकि विभाग इसको बचाने की पुरजोर कोशिश कर रहा है।

loksabha election banner

गोरखपुर-देवरिया मार्ग के किनारे पौधशाला है। यहां विभिन्न प्रकार के पौधों की प्रजातियों की नर्सरी है। इस वर्ष भी नर्सरी में 1.2 लाख पौध तैयार किए गए हैं, जिसमें सागौन के 50 हजार एवं शीशम, अर्जुन, सहजन इत्यादि प्रजातियों के 70 हजार पौधे लगभग तैयार हो चुके हैं। पिछले दो-दिनों में हुई तेज बारिश के कारण पूरी नर्सरी जलमग्न हो गई। शनिवार की सुबह से ही वनकर्मी पौधों को बचाने की जुगत में लग गए, लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है। पौधे अगर नष्ट हुए तो पौधराेपण का दायरा तो सिमटेगा ही विभाग को भी लाखों का नुकसान उठाना पड़ेगा।

दस रुपये है एक पौधे की कीमत

नर्सरी में लगे एक पौधे की कीमत दस रुपये है। यदि इन पौधों को बचाने का प्रयास वन विभाग को लगभग आठ से दस लाख रुपये की क्षति उठानी पड़ेगी। साथ ही इन पौधों को रोपने की विभाग का  मंशा पर पानी फिर जाएगा।उल्लेखनीय है कि विभाग द्वारा स्थापित पहले भटौली बुजुर्ग की नर्सरी और अब देवगांव की इस नर्सरी से पौधरोपण के बड़े-बड़े लक्ष्य पूरे किए गए हैं। जो पर्यावरण संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण भी है।

क्या कहते हैं रेंजर

वन रेंजर अनिल त्रिपाठी ने बताया कि पौधे चारों तरफ से पानी मे डूब चुके हैं। हमलोग पौधों को बचाने की कोशिश में लगे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.