नहरों में लगाया जा रहा है वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम, जलस्तर की सटीक जानकारी देगा सेंसर
महराजगंज जिले में अब नहरों का जलस्तर सेंसर बताएगा। जिसके लिए बड़ी नहरों में वाटर लेवल मानिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। जो भारत नेपाल सीमा के झुलनीपुर से निकलने वाली कई महत्वपूर्ण छोटी बड़ी नहरों पर बने पुल पर इसे लगा दिया गया है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। महराजगंज जिले में अब नहरों का जलस्तर सेंसर बताएगा। जिसके लिए बड़ी नहरों में वाटर लेवल मानिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। जो भारत नेपाल सीमा के झुलनीपुर से निकलने वाली कई महत्वपूर्ण छोटी बड़ी नहरों पर बने पुल पर इसे लगा दिया गया है। मापन यंत्र में लगे सेंसर के जरिए पल-पल के जलस्तर की जानकारी विभाग को मिलेगी। यही नहीं इस सिस्टम से जुड़े अधिकारियों के मोबाइल पर जलस्तर की जानकारी भी आती रहेगी।
माइक्रो प्रोसेसर और जीपीएस पर आधारित है सिस्टम
सिंचाई विभाग गोरखपुर सहायक अभियंता जेके मल्ल ने बताया कि इस सिस्टम को 100 क्यूसेक से अधिक क्षमता वाले नहर तेरह चार नहर, झुलनीपुर नहर पुल, मधुबनी नहर की शाखा सात पांच पुल, बसुली नहर के सिधावे पुल, पकड़ी रजवाहा नहर के हरदी पुल, गनेशपुर तथा बुधना नहरों के पुलों पर लगाया गया है। भविष्य में सभी अन्य पुलों पर वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम को लगाए जाने की योजना है।
एक जगह सिस्टम लगाने में खर्च हो रहे 70 हजार रुपये
इस सिस्टम में बैट्री, रडार, वाटर लेवल सेंसर, सिम कार्ड सहित अन्य टेक्निकल चीजें लगी हैं। इस एक सिस्टम को लगाने में करीब 70 हजार रुपये की लागत लग रही है। वही सिस्टम लगा रहे नेशनल हाइड्रो प्रोजेक्ट (एनएचपी) के जूनियर इंजीनियर अरुण कुमार ने कहा कि यह तकनीकी प्रणाली माइक्रो प्रोसेसर और जीपीएस पर आधारित है। सेंसर की मदद से यह नहरों के जलस्तर को ऑटोमेटिक मॉनिटर करता रहता है।
आटोमेटिक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम से ये होगा फायदा
सिंचाई खंड प्रथम के सहायक अभियंता राजेश गुप्ता ने कहा कि इस सिस्टम से हर मानसून में नहरों के पुलों और बांधों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। प्रतिदिन वाटर लेवल की मानिटरिंग की जा सकती है। जलस्तर डेंजर लेवल पर पहुंचने से पहले अलर्ट का संदेश आने लगता है। इससे 24 घंटे सातों दिन का डेटा उपलब्ध मिलेगा। इससे जिला मुख्यालय और मण्डल मुख्यालय के अलावा लखनऊ कार्यालय से भी मॉनिटरिंग की जा सकती है।
इस तरह काम करता है सिस्टम
सिंचाई खंड प्रथम के जूनियर इंजीनियर जगवीर प्रजापति ने बताया कि नहरों के जलस्तर को मापने की पारंपरिक गेज पद्धति को खत्म किया जा रहा है। उसकी जगह आधुनिक वाटर लेवल मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। सेंसर युक्त यह सिस्टम सौर ऊर्जा से संचालित होता है। यह सेंसर ट्रैक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ा होता है। जब जलस्तर खतरे के निशान से बढ़ता या घटता है तो स्वत: संबंधित इंजीनियर व अधिकारियों को एसएमएस भेजता है।