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North Eastern Railway: गोरखपुर में साफ हो रहा नालियों में बहने वाला पानी, 24 रेलवे स्टेशन ईको फ्रेडली बनने की राह पर

गोरखपुर स्थित कोचिंग डिपो में तो 100 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा क्षमता का इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट से नालियों में बहने वाला पानी भी साफ होने लगा है। ऐसे में एनजीटी ने इन्वायरमेंट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आइएसओ प्रमाण पत्र तथा सीटीओ प्रमाण पत्र प्रदान किया है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 02:07 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 06:23 PM (IST)
North Eastern Railway: गोरखपुर में साफ हो रहा नालियों में बहने वाला पानी, 24 रेलवे स्टेशन ईको फ्रेडली बनने की राह पर
गोरखपुर रेलवे स्‍टेशन का फाइल फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के मानकों का पालन कर पूर्वोत्तर रेलवे के 24 स्टेशन ईको फ्रेंडली (पर्यावरण मित्र) बनने की राह पर चल पड़े हैं। इन स्टेशनों ने न सिर्फ एनजीटी के मानकों का पालन किया है बल्कि कंस्टेंट टू आपरेट अंडर एयर एंड वाटर (सीटीओ) एक्ट का भी अनुपालन किया है। गोरखपुर स्थित कोचिंग डिपो में तो 100 क्यूबिक मीटर प्रति घंटा क्षमता का इंफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट से नालियों में बहने वाला पानी भी साफ होने लगा है। ऐसे में एनजीटी ने इन्वायरमेंट मैनेजमेंट सिस्टम के तहत आइएसओ प्रमाण पत्र तथा सीटीओ प्रमाण पत्र प्रदान किया है।

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प्लास्टिक की छंटाई कर बन रहे कुर्सी व अन्‍य सामान

पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए स्टेशन प्रबंधनों ने निर्धारित सभी मानकों को लगातार पालन किया है। इसका असर दिखने भी लगा है। गोरखपुर जंक्शन को ही लें। स्टेशन पर कचरे को इकट्ठा करने का ही नहीं बल्कि उसकी छंटाई की भी व्यवस्था सुनिश्चित है। प्लास्टिक के कचरे की छंटाई के लिए फर्म नामित है। जो प्लास्टिक की छंटाई कर उसका उपयोग कुर्सी व अन्य संसाधन बनाने में करती है। जैविक कचरा (खाद्य सामग्री आदि) के लिए जगह- जगह बायो कंपोस्टर मशीनें लगी हैं। जो कचरे से खाद भी बनाती हैं। प्लेटफार्मों की गंदगी को साफ करने के लिए स्व'छ सारथी मशीनें चल रही हैं। चयनित स्टेशनों के अलावा वाराणसी मंडल के देवरिया और भटनी तथा इज्जतनगर मंडल के काशीपुर भी प्रमाण पत्र हासिल करने की राह पर चल रहे हैं।

इन स्टेशनों को मिला प्रमाण पत्र

लखनऊ मंडल में गोरखपुर, लखनऊ, बादशाह नगर, गोंडा, बस्ती, खलीलाबाद और मनकापुर। वहीं वाराणसी मंडल में बनारस, आजमगढ़, बलिया, गाजीपुर सिटी, बेल्थरारोड, छपरा, मऊ, सिवान और खुरासन रोड। जबकि इज्जतनगर मंडल में काठगोदाम, बरेली सिटी, हल्द्वानी, कन्नौज, कासगंज, लालकुआं, फर्रुखाबाद और पीलीभीत को प्रमाण पत्र मिला है। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह का कहना है कि प्रदूषण को कम करने तथा पर्यावरण को संरक्षित करने की दिशा में रेलवे निरंतर प्रयासरत है। पूर्वोत्तर रेलवे में 24 स्टेशनों को प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा जल एवं वायु के क्षेत्र में सहमति प्रदान की गई है। विद्युतीकरण के बाद डीजल से होने वाले वायु प्रदूषण में भी कमी आई है।


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