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Lockdown in Gorakhpur: मुंबई में फंसे बेटों ने वीडियो काल कर किया पिता का अंतिम दर्शन Gorakhpur News

पिता के बिगड़े सेहत की खैरियत के लिए बेटे दूर से ही दुआ करते रहे पर सफलता नहीं मिली। मंगलवार की रात उनका निधन हो गया। वेे तीनो चाहकर भी मुंबई से नहीं आ सके।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 16 Apr 2020 05:37 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 09:04 AM (IST)
Lockdown in Gorakhpur: मुंबई में फंसे बेटों ने वीडियो काल कर किया पिता का अंतिम दर्शन Gorakhpur News
Lockdown in Gorakhpur: मुंबई में फंसे बेटों ने वीडियो काल कर किया पिता का अंतिम दर्शन Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। तीन बेटों के पिता लियाकत को अपनों के हाथ की मिट्टी भी नसीब नहीं हुई। तीनों बेटे परिवार सहित मुंबई में रहते हैं। उनके बीमार होने की खबर पर वे गांव आने को तैयार हुए, लेकिन ऐनवक्त  देश में लॉकडाउन की घोषणा हो गई।

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पिता के बिगड़े सेहत की खैरियत के लिए बेटे दूर से ही दुआ करते रहे पर सफलता नहीं मिली। मंगलवार की रात उनका निधन हो गया। पिता के निधन की खबर सुनकर तीनो बेटे छटपटाकर रह गए। वह चाहकर भी नहीं आ सके।

कुशीनगर के मठिया गांव का है मामला

कुशीनगर जिले के तमकुही विकास खंड के गांव गंगुआ मठिया निवासी लियाकत (63) के तीन बेटे नसरुल्लाह, ऐतुल्लाह व इश्तेयाक परिवार के साथ मुंबई के ठाणे जिले के बोइसर में रहते हैं। यहां घर का निर्माण कार्य चल रहा है। छोटा बेटा इश्तेयाक मार्च के पहले सप्ताह में घर आया हुआ था और छत डलवाने के लिए जल्द ही लौटने की बात कह कर वापस मुंबई चला गया।

तीनो बेटे घर आने की तैयारी में थे

तीनों बेटे घर वापस आने की तैयारी में थे कि बीते 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हो गई। इधर लियाकत की तबीयत बिगड़ने लगी। आस-पास के लोगों ने यथासंभव मदद की, पर उचित देखभाल के अभाव में उनका स्वास्थ्य निरंतर गिरता चला गया और मंगलवार को उनका निधन हो गया।

ग्रामीणों को बताई मजबूरी

गांव के लोगों ने पिता की मौत की खबर उनके बेटों को दी तो वे अवाक रह गए। तीनों को झटका लगा। वहां से आने के लिए काफी प्रयास किया, पर लाकडाउन होने के कारण वह नहीं आ पाए। उन्‍होंने अपनी मजबूरी ग्रामीणों को बताई।

वीडियो काल कर पढ़ी नमाज

ग्रामीणों को जब पता चल गया कि लियाकत के बेटे जनाजे में शामिल नहीं हो पाएंगे तो बुधवार को जनाजे का कार्यक्रम तय किया गया। लोगों ने गांव स्थित कब्रिस्तान में उन्हें मिट्टी दी। इससे पूर्व उनके तीनों बेटों ने वीडियोकाल के जरिये जनाजे की नमाज पढ़ी और ऊपर वाले से उनके लिए दुआ मांगी।


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