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तीन दिसंबर को होगी मतगणना, टेबल पर फंसा परिणाम तो यहां होगा फैसला Gorakhpur News

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय में तीन दिसंबर को सुबह आठ बजे से मतों की गिनती की जाएगी। इसके लिए 14 मतगणना टेबल तथा एक रिटर्निंग आफिसर (आरओ) टेबल बनाया गया है। तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 06:30 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 06:30 PM (IST)
तीन दिसंबर को होगी मतगणना, टेबल पर फंसा परिणाम तो यहां होगा फैसला Gorakhpur News
गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन क लिए प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

उमेश पाठक, गोरखपुर। गोरखपुर-फैजाबाद खंड शिक्षक निर्वाचन के लिए मतगणना की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के वाणिज्य संकाय में तीन दिसंबर को सुबह आठ बजे से मतों की गिनती की जाएगी। इसके लिए 14 मतगणना टेबल तथा एक रिटर्निंग आफिसर (आरओ) टेबल बनाया गया है। मतगणना टेबलों पर प्रथम वरीयता के मतों की गिनती होगी, इससे यदि फैसला नहीं हुआ तो दूसरी वरीयता के मत आरओ टेबल पर गिने जाएंगे। हर मतगणना टेबल पर चार कर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।

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समझिए मतगणना की गणित

शिक्षक निर्वाचन की प्रकृति अन्य चुनावों से अलग है। एक मतदाता एक से अधिक लोगों को वोट दे सकता है लेकिन उसे अपनी वरीयता तय करनी होती है। इसी कारण इसकी गिनती की गणित भी थोड़ी अलग हो जाती है। मतगणना में समय भी अधिक लगता है। हर केंद्र से मतपेटिका लाकर मतगणना टेबल पर खोली जाएगी। वैध एवं अवैध मतों को अलग किया जाएगा। वैध मतों की संख्या के अनुसार इलेक्टोरल कोटा बनाया जाएगा। यानी जितने वैध मत होंगे, वही इलेक्टोरल कोटा होगा। जीतने वाले प्रत्याशी को इलेक्टोरल कोटा के 50 फीसद से एक मत अधिक पाना होगा। यदि प्रथम वरीयता के मतों से यह संख्या पूरी हो गई तो मतगणना वहीं समाप्त कर दी जाएगी, अन्यथा दूसरी वरीयता के मतों की गणना भी हाेगी। आमतौर पर दूसरी वरीयता के मतों की गिनती में ही 50 फीसद से अधिक मत का वांछित आंकड़ा कोई न कोई प्रत्याशी प्राप्त कर लेता है। कभी-कभी प्रत्याशी प्रथम वरीयता के मतों में हार जाते हैं लेकिन दूसरी वरीयता के वोट उन्हें जीत दिला देते हैं।

ऐसे होगी गिनती

14 मतगणना टेबल पर मतपेटिका खोली जाएगी। वहां 17 जिलों के मतों में से वैध व अवैध को अलग किया जाएगा। वैध मतों में से 50-50 की गड्डी बनायी जाएगी। उसे आरओ टेबल पर ले जाया जाएगा। वहां सभी गड्डियों को मिलाकर एक-एक हजार वोट की गड्डी बनाकर अलग-अलग टेबल पर गिनती के लिए दिया जाएगा। यह प्रक्रिया दो चरणों में होगी। हर मतगणना टेबल पर प्रत्याशियों की संख्या के अनुसार 16-16 बक्शे रखे जाएंगे। इन बक्शों में वरीयता के अनुसार वोट डाले जाएंगे। उसके बाद प्रथम वरीयता के मतों की गणना होगी। यदि निष्कर्ष नहीं निकलता है तो आरओ टेबल पर द्वितीय वरीयता के वोट गिने जाएंगे। दूसरी वरीयता के मतों की गिनती में सबसे पहले सबसे कम वोट पाने वाले प्रत्याशी के बैलेट में द्वितीय वरीयता के मतों की गिनती की जाएगी। यदि फिरभी जीत के आंकड़े तक कोई नहीं पहुंचा तो नीचे से ऊपर की ओर क्रम से प्रत्याशियों के बैलेट के दूसरी वरीयता वाले वोट गिने जाएंगे। जिस प्रत्याशी के बैलेट से गिनती होगी, उसे गिनती में शामिल नहीं किया जाएगा, गिनती में केवल उससे अधिक वोट पाने वाले प्रत्याशी ही शामिल होंगे। यदि अंतिम दो प्रत्याशी बचने तक भी 50 फीसद प्लस एक का आंकड़ा कोई नहीं पाता है तो दोनों में जिसका वोट अधिक होगा, उसे विजयी घोषित किया जाएगा। रिटर्निंग आफिसर/मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर का कहना है कि मतों की गिनती की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। तीन दिसंबर की सुबह आठ बजे से मतगणना होगी। इस चुनाव में वैध मतों के आधार पर इलेक्टोरल कोटा बनाया जाता है। उसका 50 फीसद से अधिक मत पाने वाले प्रत्याशी को विजयी घोषित किया जाता है।


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