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गोरखपुर में देखिए मलेशिया और सऊदी की मस्जिदें- इराक का मकबरा, और भी बहुत कुछ Gorakhpur News

गोरखपुर में इस बार मलेशिया की हाजी सुल्तान मस्जिद इराक का मकबरा बरेली शरीफ की दरगाह सहित देश-विदेश की मस्जिदों व दरगाहों के मॉडल ताजिया के रूप में देखने को मिलेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 05 Sep 2019 09:57 AM (IST)Updated: Thu, 05 Sep 2019 03:09 PM (IST)
गोरखपुर में देखिए मलेशिया और सऊदी की मस्जिदें- इराक का मकबरा, और भी बहुत कुछ Gorakhpur News
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गोरखपुर, गजाधर द्विवेदी। मुहर्रम पर ताजिया बनाने के काम में तेजी आ गई है। अबकी बार मलेशिया की हाजी सुल्तान मस्जिद, इराक का मकबरा, बरेली शरीफ की दरगाह, कोलकाता की नाखुदा मस्जिद सहित देश-विदेश की मस्जिदों व दरगाहों के मॉडल ताजिया के रूप में देखने को मिलेंगे।

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14 गुंबद, 14 मीनारें

अहमदनगर में मलेशिया की हाजी सुल्तान मस्जिद का मॉडल ताजिया के रूप में बनाया जा रहा है। इसमें पीले कलर के 14 गुंबद व 14 मीनारें हैं। 10 फीट चौड़ाई व 14 फीट लंबाई है। ताजिया बनाने में करीब 50 हजार रुपये की लागत आई है। इसे बना रहे हैं चिरागुद्दीन, अफजल, यासीन, तौफीक, अदनान। बकरीद के बाद से ताजिया बनाने का सिलसिला जारी है।

ताजिया को आठ मुहर्रम से हुसैन चौक इमामबाड़ा अहमदनगर पर आमजन देख सकते हैं। थर्माकोल पर शानदार मस्जिद उकेरी गई है। वहीं अहमदनगर चक्शा हुसैन के अब्दुल रऊफ व उनकी टीम इराक का मकबरा बना रही है, जिसकी लागत करीब 80 हजार है। इसमें तीन गुंबद व 12 मीनारें हैं।

सवा लाख रुपये है लागत

जमुनहिया बाग के फैजान अहमद बरेली शरीफ दरगाह के मॉडल पर ताजिया बना रहे हैं। जमुनहिया के मो. हनीफ कोलकाता की मस्जिद नाखुदा के मॉडल पर ताजिया बना रहे हैं, जिसकी लागत सवा लाख रुपये है। इस ताजिया को तैयार करने में शम्स परवेज, सलमान परवेज, शहजादे जुटे हुए हैं। इसे नाव के आकार पर बनाया जा रहा है। इसमें अरबैस्क कला का प्रयोग किया गया है। इसमें फूल-पत्तियों की ज्यामितीय आकृतियां बनाई गई हैं। इसे नौ मुहर्रम से देखा जा सकता है। ताजिया सिविल लाइन इमामचौक पर रखी जाएगी। ताजिया का दरवाजा, मेहराब, मीनार लाजवाब है। ईद के बाद से यह ताजिया बन रही है। सभी ताजिया बनाने में थर्माकोल, फेविकोल, पेंट सहित तमाम चीजों का इस्तेमाल किया जा रहा है। ताजिया मुकम्मल होने पर विभिन्न प्रकार की लाइटों से इसे सजाया जाएगा।

बहरीन, ओमान, सऊदी की मस्जिदों का भी मॉडल

इसके अलावा तमाम मोहल्लों में भारत, मलेशिया, इंडोनेशिया, बहरीन, ओमान, सऊदी अरब, तुर्की आदि की मस्जिदों का मॉडल ताजिया के रूप में बनाया जा रहा है। नाजिया इमामबाड़ा साहबगंज में गेहूं की ताजिया, अस्करगंज स्थित सब्ज इमाम चौक पर रांगा-एल्यूमिनियम की ताजिया, अलीनगर चौराहे पर मौजूद इमामबाड़ा में ताजमहल जैसी शीशे की ताजिया, मिर्जापुर स्थित काठ से बनी ताजिया शहर में आकर्षण का केंद्र रहेगी, जिसे नवीं एवं दसवीं मुहर्रम को आमजन देख सकते हैं।


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