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वाहनों के लिए वीआइपी नंबरों की नीलामी शुरू, 55 हजार में बिका यह नंबर Gorakhpur News

गोरखपुर में अपनी गाड़ियों के लिए वीआइपी नंबर लेने के लिए लोग नीलामी में हिस्सा ले रहे हैं। गाड़ी का एक नंबर 55 हजार रुपये में नीलाम हुआ।

By Edited By: Published: Sat, 29 Jun 2019 12:29 PM (IST)Updated: Sun, 30 Jun 2019 09:09 AM (IST)
वाहनों के लिए वीआइपी नंबरों की नीलामी शुरू, 55 हजार में बिका यह नंबर Gorakhpur News
वाहनों के लिए वीआइपी नंबरों की नीलामी शुरू, 55 हजार में बिका यह नंबर Gorakhpur News
गोरखपुर, जेएनएन। लग्जरी गाड़ियों की शोभा बढ़ाने वाले आकर्षक वीआइपी नंबर अब नीलाम होने लगे हैं। सबसे अधिक बोली लगाने वाले वाहन स्वामी को मनचाहा वीआइपी नंबर मिल जा रहा। नई व्यवस्था शुरू होने के बाद वाहन स्वामी रणधीर ने गोरखपुर संभाग में वीआइपी नंबर यूपी 53 डीई 0099 की सर्वाधिक बोली लगाई थी। रणधीर को 15 हजार वाला यह नंबर 55 हजार रुपये में मिला। प्रदेश में अप्रैल से नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई है। इस नई व्यवस्था से नंबरों के शौकीन लोगों को दफ्तर का चक्कर लगाने से मुक्ति मिल गई है, यही नहीं परिवहन विभाग के राजस्व में भी इजाफा हो गया है। लखनऊ में तो एक वीआइपी नंबर लगभग 11 लाख में बिका था।
गोरखपुर में नई सीरीज यूपी 53 डीएफ के वीआइपी नंबरों की नीलामी शुरू हो गई है। खुलेगा पोर्टल सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी श्याम लाल के अनुसार ई-आक्शन सिस्टम के तहत नीलामी प्रक्रिया के लिए 30 जून से पोर्टल खुल जाएगा। अधिक बोली लगाने वाले वाहन स्वामियों को पंजीयन नंबर आवंटित होगा। नीलामी से बचे वीआइपी नंबरों का आवंटन आनलाइन आरक्षण सिस्टम के जरिये किया जाएगा। 346 वीआइपी नंबरों के लिए यहां करें आवेदन वीआइपी नंबर के लिए वाहन स्वामी को परिवहन विभाग के पोर्टल पर अपना आनलाइन रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य होगा। बिना रजिस्ट्रेशन के कोई भी वीआइपी नंबर आवंटित नहीं किया जाएगा।
गोरखपुर में पंजीयन के लिए कुल 346 वीआइपी नंबर निर्धारित हैं। तीन से 15 हजार रुपये में इन वीआइपी नंबरों का आवंटन होता है। सात दिन में पूरी होत है नीलामी की प्रक्रिया वीआइपी नंबर के लिए प्रथम चार दिन रजिस्ट्रेशन होते हैं, अंतिम तीन दिन में बोली लगती है। यदि बोली लगाने वालों की संख्या तीन से कम हुई तो सात दिन का और समय बढ़ा दिया जाता है। यदि बढ़ाई गई अवधि में तीन बोली लगाने वाले भाग नहीं लेते हैं तो अधिक कीमत लगाने वाले आवेदक को नंबर आवंटित कर दिया जाता है।

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