सुरक्षित यातायात के लिए प्रधानों को करेंगे जागरूक Gorakhpur News
परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के पास एक-एक इंटरसेप्टर उपलब्ध हैं। इतनी बड़ी आबादी और वाहनों की भीड़ के बीच यह आधुनिक साधन गुम से हो गए हैं। इसके अलावा कोई अन्य साधन नहीं है जो तेज रफ्तार वाहनों को पकड़ सकें।
गोरखपुर, जेएनएन। सुरक्षित यातायात को लेकर परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के अधिकारी आज भी परंपरागत तरीकों पर ही जोर दे रहे हैं। जागरूकता अभियान और वाहनों की सामान्य जांच का कोई असर नहीं है। रोजाना सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। जिले में वर्ष 2018 में रोड सेफ्टी की छह, 2019 में चार और 2020 में अब तक चार बैठकें हो चुकी हैं। सड़कों पर रंबल स्ट्रीट, रेलिंग, स्पीड ब्रेकर और गार्डवाल के अलावा मीटर साइनेज लगाए जा रहे हैं, जिससे हादसों पर रोक लग सके। सुरक्षित यातायात के लिए इस बार ग्राम प्रधानों को जागरूक करने की तैयारी है। अभियान की शुरुआत हाईवे पर चिह्नित हाट स्पाट के आसपास वाले गांव से होगी।
परिवहन विभाग और यातायात पुलिस के पास एक-एक इंटरसेप्टर उपलब्ध हैं। इतनी बड़ी आबादी और वाहनों की भीड़ के बीच यह आधुनिक साधन गुम से हो गए हैं। इसके अलावा कोई अन्य साधन नहीं है, जो तेज रफ्तार, नशे में धुत वाहन चालकों और यातायात के नियमों की अनदेखी करने वाले लोगों को पकड़ सके। चालान काटकर कोरम पूरा किया जा रहा है। हर साल नवंबर में जागरूकता अभियान और कार्यशाला का आयोजन होता है, जिसे न विभाग ने गंभीरता से लिया और न आम जनता ने।
हादसों के लिए ब्लैक स्पाट
सोनबरसा, कोनी तिराहा, कस्बा पीपीगंज, रामनगर करजहां, गहिरा पेट्रोल पंप, जंगल धूषण से पिपराइच, चौरी चौरा से भोपा बाजार, बेलो सिधावल, मरचहवा बाबा तिराहा, देवीपुर, रामपुर बुजुर्ग, चवरिया खुर्द, बोकटा, खजांची चौराहा, चौमुखा,भीटी रावत, कसीहार, बगहावीर मंदिर, बोकटा, दाना पानी होटल, भीटीरावत, रावतगंज, फुटहवा इनार, निबियहवा ढाला और नौसढ़ तिराहा शामिल हैं।
आइटीएमएस से मनमानी पर लगा लगाम
शहर की बिगड़ी यातायात व्यवस्था को इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) के जरिए सुधारने की शुरुआत हुई है। पुलिस लाइन में कंट्रोल रूम बनाकर गोलघर, पैडलेगंज, मोहद्दीपुर, नौसढ़, टीपीनगर समेत नौ चौराहों की निगरानी की जा रही है। सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक कंट्रोल रूम में टेक्नीकल एक्सपट््र्स के साथ यातायात पुलिस का एक दारोगा मौजूद रहते हैं। चौराहों पर जाम लगने, नो पार्किंग में किसी वाहन के खड़े होने सहित अन्य समस्याएं सामने आने पर पीए सिस्टम के जरिए पुलिस कर्मचारियों को निर्देशित करते हैं। यातायात नियमों की अनदेखी करने वालों का कंट्रोल रूम से ही चालान काटा जाता है। इंट्रीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से बड़ा फायदा यह नजर आया है कि चौराहों पर तैनात पुलिस कर्मचारी मनमानी नहीं कर पा रहे। ड्यूटी समाप्त होने के बाद भी कैमरों की रिकार्डिंग जारी रहती है। शहर के 25 चौराहों पर यह व्यवस्था शुरू करने की तैयारी है।
कोबरा बाइक से मिली राहत
पिछले एक वर्ष में यातायात पुलिस के संसाधनों में इजाफा हुआ है। जाम से निपटने के लिए दस लाख रुपये की लागत से हाईटेक यंत्रों से सुसज्जित कोबरा बाइक खरीदी गई है। विभाग में सिपाहियों की कमी को देखते हुए लगभग दो सौ होमगार्ड चौराहों पर यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए लगाए गए हैं।
व्यस्त बाजारों में लगाए गए स्प्रिंग बैरियर
शहर के भीड़भाड़ वाले व्यस्त बाजारों में जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए स्प्रिंग बैरियर लगाने का काम हुआ। वहीं रेलवे स्टेशन, कचहरी बस स्टेशन, गोरखनाथ, असुरन चौक, विश्वविद्यालय रोड को चौड़ा कर डिवाइडर बनाया गया है। आंबेडकर चौराहे पर नगर निगम के सहयोग से डिवाइडर के ऊपर लोहे की राड लगाई गई हैं।
तैयार करने होंगे जिम्मेदार चालक
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले प्रशिक्षण देने की दिशा में भी सुधार होना चाहिए। परिवहन कार्यालय में गाड़ी चलाने व जांच करने के लिए न मैदान हैं, न साजो-सामान। सड़कों की दशा सुधारने के साथ जिम्मेदार चालक तैयार करने होंगे। सड़कों पर प्रशिक्षित कर्मचारियों की संख्या बढ़ानी होगी और क्लोज सर्किट कैमरे, रडार, नशे और गति की जांच हेतु उपकरण जरूरी हैं।
निर्धारित रूट से चलेंगे आटो
रूट नंबर एक धर्मशाला से गोरखनाथ, बरगदवा होते हुए पीपीगंज। रूट नंबर दो धर्मशाला पुल के उत्तर तरफ से भटहट तक। रूट नंबर तीन धर्मशाला शनिदेव मंदिर से रुस्तमपुर होते हुए टीपीनगर। रूट नंबर चार धर्मशाला पुल के उत्तर तरफ से पिपराइच तक। रूट नंबर सात छात्रसंघ चौराहा से सोनबरसा तक। रूट नंबर आठ अंबेडकर चौक से पैडलेगंज, मोहद्दीपुर होते हुए कूडाघाट से आगे। रूट नंबर 10 शास्त्री चौक से नौसढ़ होते हुए खजनी व सहजनवां। रूट नंबर शून्य : रेलवे स्टेशन प्रीपेड से गंतव्य तक। गोरखपुर एआरटीओ प्रशासन श्याम लाल का कहना है कि परिवहन विभाग का पूरा फोकस सुरक्षित यातायात पर है। इसको लेकर हेलमेट, फिटनेस और ओवरलोड आदि की जांच बढ़ा दी गई है। संबंधित अधिकारी लगातार अभियान चला रहे हैं। पकड़े जाने पर कार्रवाई की जा रही हैं। इसके अलावा जनजागरूकता अभियान के जरिये आम जनता को यातायात के प्रति जागरूक किया जा रहा है। एसएसपी जोगेंद्र कुमार का कहना है कि शहर के नौ चौराहों पर सीसीटीवी के जरिए ट्रैफिक व्यवस्था की निगरानी की जा रही है। पीए सिस्टम को भी शुरू कर दिया गया है। आइटीएमएस कंट्रोल रूम में बैठे टीआई सभी चौराहों पर नजर रखते हैं। जाम लगने, भीड़ जमा होने और किसी अन्य तरह की गड़बड़ी होने पर तत्काल सूचना दी जाती है। जिन स्थानों पर हादसे अधिक हुए उसे चिन्हित किया गया है। यातायात पुलिस सभी जगह जाकर स्थानीय लोगों को जागरूक करेगी।