गोरखपुर में भ्रष्टाचार की केबिल की जांच विजिलेंस करेगी, दो अधिकारियों को नोटिस
गोरखपुर शहर में अंडरग्राउंड केबिल बिछाने में हुए भ्रष्टाचार की जांच अब विजिलेंस करेगी। यह तब हुआ जब विधानसभा में आवाज उठाई गई।
गोरखपुर, जेएनएन। पूरे शहर में बिछाए गए अंडरग्राउंड केबिल की जांच अब विजिलेंस करेगी। नगर विधायक के सवाल पर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विधानसभा में कहा कि तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शहर अवधेश सिंह और चीफ इंजीनियर को नोटिस जारी किया गया है।
उल्लेखनीय है कि नगर विधायक डॉ. राधा मोहन दास अग्रवाल ने बीते तीन जुलाई को पुर्दिलपुर में अंडरग्राउंड केबिल की जांच की थी। केबिल बिछाने में भ्रष्टाचार मिलने के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर तीन बिजली अफसरों को निलंबित कर दिया गया था। लेकिन तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शहर अवधेश सिंह और चीफ इंजीनियर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। नगर विधायक ने 19 जुलाई को विधानसभा में केबिल बिछाने में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा था कि आइपीडीएस योजना के तहत शहर के अन्य हिस्सों में केबिल बिछाने के वाली फर्म केईआइ, एनसीसी और मेसर्स अनिल कुमार सिंह के कार्यो की जांच भी जरूरी है। अधिशासी अभियंता, एसडीओ और अवर अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की गई लेकिन सारी जिम्मेदारी सिर्फ इनकी ही नहीं थी। यह सभी जूनियर स्तर के अधिकारी हैं। कान्ट्रेक्ट के अनुसार गुणवत्ता नियन्त्रण का दायित्व अधीक्षण अभियंता शहर और चीफ इंजीनियर का था। प्रोजेक्ट मॉनीटरिग एजेंसी मेघज कंसल्टेंसी की रिपोर्ट के आधार पर भुगतान करने का दायित्व चीफ इंजीनियर का था। लेकिन तत्कालीन अधीक्षण अभियंता शहर ने अपने दायित्वों का निर्वहन नहीं किया और चीफ इंजीनियर ने आपत्तियों के बाद भी फर्मो को भुगतान जारी रखा। उनके इन सवालों के जवाब में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने विजिलेंस जांच कराने का आदेश देते हुए दोनो अधिकारियों को नोटिस जारी होने की जानकारी दी।
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