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Murder case: पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं कर पा रहे पीडि़त परिवार

हत्‍या के कई मामले में की गई आरोपितों की गिरफ्तारी से पीडि़त परिवार संतुष्‍ट नहीं है। पुलिस की कहानी पर स्‍वजनों को सहसा विश्‍वास नहीं हो पा रहा है। इसलिए उन्‍होंने पुलिस पर तमाम गंभीर सवाल उठाए हैं।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 06:36 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 06:36 PM (IST)
Murder case: पुलिस की कहानी पर यकीन नहीं कर पा रहे पीडि़त परिवार
आरोपितों की गिरफ्तारी का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। हाल के दिनों में जो घटनाएं हुई हैं, पुलिस ने एक सिरे से उनका पर्दाफाश करना शुरू कर दिया है। लगातार हो रहे पर्दाफाश के बावजूद मामलों से संबंधित वादी पक्ष संतुष्ट नहीं है। मामले एक नहीं, बल्कि कई हैं, जिन पर सवाल खड़े किए हैं खुद पीडि़त परिवार ने। हालांकि आला अफसर यही बताते हैं कि पुलिस सही ट्रैक पर है। उसने सभी तथ्यों को ध्यान में रखकर ही घटनाओं का पर्दाफास किया है।

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पकड़े गए हत्यारोपितों पर डेविना के पति को नहीं भरोसा

डेविना हत्याकांड- 20 सितंबर को शाहपुर थाना क्षेत्र के बशारतपुर में बदमाशों ने प्रधानाध्यापिका डेविना मेजर व उसकी बेटी डेल्सिया पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इससे डेविना की मौत हो गई। पुलिस ने घटना के 13 दिन बाद हत्याकांड के पर्दाफाश की जानकारी दी। बताया कि हत्यारों लूट के प्रयास में प्रधानाध्यापिका की हत्या की, लेकिन वादी व मृतका का पति मनीष मेजर इससे संतुष्ट नहीं है। उसका मानना है कि हत्यारोपितों ने हेलमेट पहन रखा था। ऐसे में सिर्फ चेन छीनने को लेकर वह उसकी हत्या क्यों करेंगे। मान लें पहचान का संकट होता तो हेलमेट पहनने के चलते वह पहचाने कैसे जाते।

बालेंद्र हत्याकांड : भाई ने खड़ा किया सवाल

28 सितंबर को सहजनवा थाना क्षेत्र में बदमाशों ने धारदार हथियर से प्रापर्टी डीलर बालेंद्र सिंह की हत्या कर दी। 10 अक्टूबर को पुलिस ने हत्याकांड के पर्दाफाश की जानकारी दी। बताया कि लेन-देन के बकाये को लेकर हत्यारोपित ने उसकी हत्या की थी। लेकिन वादी व मृतक का बड़ा भाई संदेश सिंह इससे संतुष्ट नहीं है। उसका कहना है कि हत्यारोपित पकड़े गए हैं तो मृतक की मोबाइल व बाइक कहां है। 

राहुल के स्‍वजन भी संतुष्‍ट नहीं

28 अगस्त की सुबह गोरखनाथ थाना क्षेत्र में पुलिस को हत्याकर फेका गया एक शव मिला था। बाद में पुलिस ने मृतक की शिनाख्त राहुल सिंह के रूप में की। 7 अक्टूबर को पुलिस ने पर्दाफाश की जानकारी दी कि हत्यारोपितों ने लूट की रकम को बटवारे के लिए राहुल की हत्या की थी। यहां पीडि़त परिवार का कोई सामने नहीं आया, लेकिन पुलिस इस सवाल का जवाब नहीं दे सकी कि हत्यारोपित किस लूट की रकम का बटवारा करने वाले थे।

कहीं हड़बड़ी में तो नहीं हो रही गड़बड़ी

हाल के दिनों में एक साथ कई घटनाएं हुईं। इसे लेकर पुलिस पर दबाव भी खूब था। डेविना हत्याकांड को लेकर एक समुदाय के लोग कई बार एसएसपी से मिल चुके थे। यहां तक कुछ लोगों ने व्हाट््सएप वाल पर डेविना की फोटो लगाकर हत्यारोपितों को पकड़े जाने की मांग कर रहे थे। ऐसे ही बालेंद्र ङ्क्षसह हत्या कांड को लेकर पीडि़त परिवार लगातार पुलिस से संपर्क कर रहा था। ऐसे में सवाल यह भी उठ रहे हैं कि हड़बड़ी में कहीं गड़बड़ी तो नहीं हुई है। पुलिस उपमहानिरीक्षक राजेश मोदक का कहना है कि सभी घटनाओं का पर्दाफाश तथ्यों, सीडीआर व सर्विलांस के आधार पर किया गया है। किसी भी गलत व्यक्ति को जेल नहीं भेजा गया है। डेविना हत्याकांड में किसी गलत को जेल भेजना होता तो नामजद आरोपितों को जेल भेजकर पुलिस अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली होती, लेकिन सभी घटनाओं पर पुलिस ने काम किया है। उसके

 बाद ही आरोपित पकड़े गए हैं।


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