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पथ विक्रेताओं को मिला ऋण, प्रदेश में चौथे स्थान पर गोरखपुर

सुबह 1030 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा वाराणसी और लखनऊ के लाभार्थियों से बात की। उन्होंने लाकडाउन में पैदा हुई विपरीत परिस्थितियों और उससे निबटने के इंतजामों की जानकारी ली।उसके बाद प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम शुरू हुआ।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 05:01 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 05:01 PM (IST)
पथ विक्रेताओं को मिला ऋण, प्रदेश में चौथे स्थान पर गोरखपुर
प्रमाण पत्र के साथ खड़े पथ विक्रेता।

गोरखपुर, जेएनएन। पटरी व्यवसायियों के लिए प्रधानमंत्री पथ विक्रेता आत्मनिर्भर निधि योजना का मंगलवार को शुभारंभ हो गया। नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना की शुरुआत की। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का एनेक्सी भवन में वर्चुअल प्रसारण किया गया। शहर के पथ विक्रेताओं को महापौर सीताराम जायसवाल, राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद और विधायक ग्रामीण विपिन सिंह ने 10 हजार रुपये ऋण उपलब्ध कराने का प्रमाण पत्र दिया।

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सुबह 10:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आगरा, वाराणसी और लखनऊ के लाभार्थियों से बात की। उन्होंने लाकडाउन में पैदा हुई विपरीत परिस्थितियों और उससे निबटने के इंतजामों की जानकारी ली। प्रधानमंत्री का संबोधन समाप्त होने के बाद प्रमाण पत्र वितरण कार्यक्रम शुरू हुआ। राज्यसभा सदस्य जयप्रकाश निषाद ने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबकी चिंता करते हैं। महापौर सीताराम जायसवाल ने कहा कि सरकार अब गरीबों के द्वार पहुंच रही है। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने मिलकर गरीबों के लाभ के लिए योजना बनाई। इससे पूर्व राज्यसभा सदस्य शिवप्रताप शुक्ल भी कार्यक्रम में पहुंचे थे। संचालन नगर आयुक्त अंजनी कुमार सिंह ने किया। इस दौरान उपसभापति अजय राय, डीएम के. विजयेंद्र पाण्डियन, अपर नगर आयुक्त डीके सिन्हा, संयुक्त नगर आयुक्त अवनींद्र कुमार, उप नगर आयुक्त संजय शुक्ल, सहायक नगर आयुक्त वैभव त्रिपाठी, डूडा के परियोजना अधिकारी विकास सिंह, डा. मुकेश रस्तोगी आदि मौजूद रहे।

यह है योजना

लाकडाउन में पटरी व्यवसायियों का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ था। इन्हें फिर से व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऋण योजना शुरू की है।  10 हजार रुपये ऋण लेने वालों को एक साल में यह रकम वापस करनी है। डिजिटल विधि से रुपये वापस करने वालों को ऋण में छूट भी दी जा रही है।

यह कर सकते हैं आवेदन

नाई, मोची, पान के दुकानदार, धोबी, सब्जी व फल बेचने वाले, सड़क किनारे खाद्य पदार्थ बेचने वाले, चाय का ठेला लगाने वाले, ब्रेड, पकौड़े व अंडे बेचनेवाले, घर-घर कपड़ा बेचने वाले, सड़क पर किताब व स्टेशनरी की दुकान लगाने वाले, कारीगर, सिलाई की दुकान चलाने वाली महिलाएं। बिंदू देवी का कहना है कि लाकडाउन में कोई काम नहीं कर सके। जो रुपये बचाए थे वह खाने में खर्च कर दिए। प्रधानमंत्री ने व्यापार शुरू करने के लिए बड़ी मदद की। कंचन विश्‍वकर्मा का कहना था कि इस समय एक-एक रुपये का इंतजाम करना बड़ी बात है। एकमुश्त 10 हजार रुपये मिलने से व्यापार शुरू करने में आसानी हो गई है। गुड्डी का कहना है कि बाजार से कर्ज लेने में बहुत ज्यादा ब्याज देना पड़ता है। प्रधानमंत्री की ओर से मिले ऋण को एक साल में वापस करना है। ज्‍योति का कहना है कि पटरी व्यवसायियों को बड़ी राहत मिली है। बिना भाग-दौड़ रुपये मिलने से सभी खुश हैं। अब इन रुपयों से व्यापार को आगे बढ़ाने में जुटे हैं।


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