गोरखपुर के अस्पतालों में वेंटीलेटर फुल, कोरोना संक्रमित मरीजों को अस्पतालों में नहीं मिल रहा इलाज
गोरखपुर के सरकारी व निजी अस्पतालों में वेंटीलेटर लगभग फुल हो गए हैं। गंभीर मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें जगह नहीं मिल पा रही है। बीआरडी मेडिकल कालेज में सोमवार को एक गंभीर मरीज ने वेंटीलेटर खाली न होने के चलते दम तोड़ दिया था।
गोरखपुर, जेएनएन। सरकारी व निजी अस्पतालों में अभी बेड तो खाली हैं लेकिन वेंटीलेटर लगभग फुल हो गए हैं। गंभीर मरीजों को वेंटीलेटर की जरूरत होती है। ऐसे में उन्हें जगह नहीं मिल पा रही है। बाबा राघव दास मेडिकल कालेज में सोमवार को एक गंभीर मरीज ने वेंटीलेटर खाली न होने के चलते दम तोड़ दिया था। वहां 150 बेड पर वेंटीलटर हैं।
छात्रसंघ चौराहा स्थित पैनेशिया हास्पिटल में 90 बेड का वार्ड है जिसमें 22 पर वेंटीलेटर है। सभी फुल हैं। बांबे हास्पिटल, रेल बिहार में मंगलवार को कोविड अस्पताल शुरू हुआ। वहां 10 वेंटीलेटर हैं। आठ फुल हो गए। फातिमा में सभी बेड व वेंटीलेटर फुल हैं।
लेवल वन
अस्पताल बेड खाली
उदय 05 05
टीबी 60 57
आरके इमरजेंसी 08 08
लेवल टू
अस्पताल बेड खाली
बीआरडी 150 114
टीबी 30 30
फातिमा 54 00
उदय 14 14
बांबे 19 19
आरके इमरजेंसी 04 04
दुर्गावती में 20 20
पैनेशिया 48 00
लेवल थ्री
अस्पताल बेड खाली
बीआरडी 150 05
पैनेशिया 22 00
दुर्गावती 20 20
बांबे हास्पिटल 10 02
चार और निजी अस्पतालों को मिली अनुमति
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा कोविड अस्पतालों व बेडों की संख्या तेजी से बढ़ाने के निर्देश के बाद मंगलवार को चार और निजी अस्पतालों को कोविड मरीजों के इलाज की अनुमति प्रदान की गई है। इसके साथ ही जिले में निजी क्षेत्र के 12 अस्पताल कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए सक्रिय कर दिए गए हैं।
एसीएमओ डा. एनके पांडेय ने बताया कि मल्ल हास्पिटल, बाम्बे हास्पिटल, मेडीहब हास्पिटल व गोरखपुर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर को भी कोविड मरीजों को भर्ती करने व इलाज की अनुमति प्रदान की गई है। इन चारों अस्पतालों के क्रियाशील होने से करीब 100 बेड अतिरिक्त सुलभ होंगे।
किसी मरीज को दिक्कत नहीं होने पाएगी। सभी का समुचित इलाज किया जाएगा। लगातार कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जा रही है। अभी हमारे पास बड़ी संख्या में बेड खाली हैं। टीबी अस्पताल सहित अनेक निजी अस्पतालों में वेंटीलेटर भी उपलब्ध हैं। जरूरत पड़ने पर मरीजों को भर्ती कर इलाज किया जाएगा। - डा. सुधाकर पांडेय, सीएमओ