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अभी और महंगी होंगी सब्जियां, यह है कारण Gorakhpur News

बीते महीने के मुकाबले लगभग सभी सब्जियों के दाम 10 से 40 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। जिससे लोगों की जेब ढीली हो रही है। बारिश के चलते सब्जी के भाव में आग लगी है। नवंबर में स्थानीय सब्जियां बाजार में आते ही कीमत धरातल पर आ जाएगी।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 14 Oct 2020 07:37 AM (IST)
अभी और महंगी होंगी सब्जियां, यह है कारण Gorakhpur News
सब्ज्यिों की कीमत में लगातार बढ़ोत्‍तरी हो रही है। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। सब्जियों की कीमत में वृद्धि होना इन दिनों शहर के हर घर में चर्चा का विषय है। कम आमदनी वाले परिवार में तो लगभग रोज ही इसे लेकर बहस हो रही है। सब्जियों की चर्चा से न तो चौक-चौराहे अछूते हैं और न ही दफ्तर और बाजार। बीते महीने के मुकाबले लगभग सभी सब्जियों के दाम 10 से 40 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है। जिससे लोगों की जेब ढीली हो रही है। थोक कारोबारियों के मुताबिक बारिश के चलते सब्जी के भाव में आग लगी है। नवंबर में स्थानीय सब्जियां बाजार में आते ही कीमत धरातल पर आ जाएगी। तब तो लोगों को ऊंचे भाव पर सब्जियां खरीदनी पड़ेगी।

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महेवा स्थित थोक मंडी में करीब 85 फीसद सब्जियां बाहर से आती हैं। बारिश की वजह से सब्जियों की काफी नुकसान पहुंचा है। इस कारण महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश से आने वाली सब्जियों की आपूर्ति 35 फीसद तक कम हो गई है। उसमें से भी एक हिस्सा सड़ा निकल जा रहा है। क्योंकि भीगने के कारण सब्जियों को दो दिनों से ज्यादा रखा नहीं जा सकता। सब्जी ताजी न होने के बावजूद लाेगों को पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च करने पड़ रहे हैं। मोहल्ले-मोहल्ले ठेला लेकर जाने वाले सब्जी विक्रेता भी मनमानी कीमत वसूल रहे हैं। कहीं परवल 80 तो कहीं 120 रुपये किलो बेचा जा रहा है। इसी तरह हरी मिर्च 120 और धनिया की पत्ती 350 रुपये बिक रही है, जबकि थोक मंडी में दाेनों की कीमत आधी है। 

पुर्दिलपुर निवासी संजना श्रीवास्तव ने बताया कि चालीस रुपये किलो नेनुआ खरीदा जिसमें से आधा सड़ा निकल गया। पचास रुपये से कम में कोई ताजी सब्जी नहीं मिल रही है। इतनी महंगी सब्जी कभी नहीं रही। थोक कारोबारी हाजी रमजान मेकरानी के मुताबिक बारिश के सीजन में सब्जियों का उत्पादन काफी कम हो जाता है। इस वजह से लगभग हर साल इस सीजन में सब्जियां महंगी बिकती हैं, लेकिन इस बार कई जगहों पर ज्यादा बारिश की वजह से सब्जी की खेती प्रभावित हुई है। नवंबर के पहले सप्ताह से सब्जियाें के भाव बहुत हद तक कम हो जाएंगे। शास्त्री चाैक पर सब्जी का ठेला लगाने वाले संजय कुमार ने बताया कि दूर से आने वाली 25 फीसद सब्जियां सड़ जा रही हैं। इस कारण भी सब्जियों के दाम बढ़े हैं। एक किलो पर सिर्फ पांच से आठ रुपये मुनाफा रखते हैं, लेकिन लोगों को लगता है कि हम ठग रहे हैं।

सब्जियों की कीमत प्रतिकिलो रुपये में

अक्टूबर            सितंबर

आलू - 36-40      35-38

प्याज - 45-50      28-32

परवल -70-80       40-48

भिंडी - 40-48      24-32

कच्चा केला-36-40   24-30

नेनुआ - 30 से 40   20-28

लौकी - 28-30      16-20

बैगन - 40-48       24-28

हरी मिर्च - 100-120 50-60

करेला - 40-50             30-32

गोभी - 100-120          60-80

टमाटर - 50-60            40-48

अरुई : 50-60              36-40

बोरा - 56-60              40-48

कोहड़ा - 40- 44          20-24

पत्ता गोभी - 48-60 36-40

यहां से आती हैं सब्जियां

गोभी व भिंडी- कानपुर

फूल गोभी नासिक

टमाटर व प्याज- नासिक

आलू- कन्नौज, बांगरमऊ

लौकी व कोहड़ा - बरेली

बैगन- कानपुर

अरुई - मध्यप्रदेश

बोरा - बहराइच

परवल - गंगापुर, लखीमपुर खीरी, ककरहा


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