थोक में सस्ती, फुटकर बाजार में आते-आते आसमान चढ़ जा रहा सब्जियों का भाव
फुटकर बाजार की अपेक्षा मंडी में अपेक्षाकृत सब्जियां सस्ती हैं। इस कृत्रिम महंगाई से निपटने को प्रशासन कोई सख्ती नहीं बरत रहा है। सब्जियों के थोक और फुटकर दामों पर नजर दौड़ाई जाए तो इसका सीधा संबंध विक्रेताओं से है जो अपनी मनमर्जी से दामों में बढ़ोतरी करते हैं।
गोरखपुर, जेएनएन। थोक और फुटकर सब्जी के दामों में दोगुने से ज्यादा का अंतर दिखाई दे रहा है। पुुटकर विक्रेता मंडी में दस रुपये किलो बैंगन और खीरा खरीदकर 40 रुपये किलो तक बेच रहे हैं। यही हाल अन्य सब्जियों का भी है। दाम को लेकर ग्राहकों और विक्रेताओं में बहस भी हो रही है।
मंडी में सस्ती हैं सब्जियां
आलू-प्याज के बाद महंगी सब्जियों से रसोई का जायका बिगड़ रहा है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की थाली से अधिकांश सब्जियां गायब ही हो गई हैं। इसकी प्रमुख वजह फुटकर विक्रेता हैं, क्याेंकि मंडी में अपेक्षाकृत सब्जियां सस्ती हैं। इस कृत्रिम महंगाई से निपटने को प्रशासन कोई सख्ती नहीं बरत रहा है। अगर सब्जियों के थोक और फुटकर दामों पर नजर दौड़ाई जाए, तो इसका सीधा संबंध विक्रेताओं से है, जो अपनी मनमर्जी से दामों में बढ़ोतरी करते हैं।
न्यूनतम दर पर आ गई हैं कई सब्जियां
थाेक कारोबारी हाजी रमजान मेकरानी ने बताया कि कई सब्जियों के दाम न्यूनतम दर पर आ गई है। मंडी के अंदर गोभी आठ रुपये किलो है, लेकिन मंडी के बाहर यही गोभी 30 से 40 रुपये किलाे तक बेची जा रही है। प्रशासन की सख्ती से ही कीमतों पर अंकुश लग पाएगा। दूसरी तरफ अालू व प्याज की कीमत स्थिर बनी हुई है। महेवा मंडी में प्याज 45 से 50 तो आलू 43 से 49 रुपये किलो तक बिका।
सब्जियों के थोक व फुटकर दामों पर नजर
सब्जी थोक रेट फुटकर रेट
परवल - 40- 42 75-80
लौकी - 10- 13 24-28
हरी मिर्च - 28-30 55-60
गोभी - 08- 10 28-32
खीरा - 10- 12 32-40
साग- 10-12 28-30
मटर - 50 -55 65-70
गाजर - 30-42 60-70
नेनुआ - 14-16 32-40
भिंडी - 15-20 40-50
बैंगन - 10-12 30-40
टमाटर - 25-28 48-50
करेला - 22-25 40-50
धनिया पत्ती 30 50-60
सोया - 20 55-60
शिमला मिर्च - 25 55-60
(सभी दाम रुपये किलोग्राम में हैं)