Lockdown 3: सब्जी विक्रेताओं व ई-रिक्शा चालकों का भी होगा स्वास्थ्य परीक्षण Gorakhpur News
जिला प्रशासन ने घर तक सब्जी पहुंचाने वालों का भी स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्देश दिया है। ताकि सभी लोग निश्चिंत पूर्वक सब्जी खरीद सकें।
गोरखपुर, जेएनएन। जिला प्रशासन ने लोगों की सहूलियत के लिए घर-घर तक ठेले और ई-रिक्शा से सब्जी पहुंचाने की व्यवस्था की थी। प्रशासन का यह प्रयास हिट भी हुआ। अब जबकि कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और बाहर से भी बड़ी संख्या में कामगार जिले में आ रहे हैं ऐसे में प्रशासन ने एहतियातन सभी सब्जी बेचने वाले ठेला व ई-रिक्शा चालकों का स्वास्थ्य परीक्षण कराने का निर्णय लिया है।
20 ठेला चालक मिले अस्वस्थ
चार दिन अभियान चलाकर स्वास्थ्य विभाग की मदद से सभी की थर्मल स्कैनिंग कराई गई। इस दौरान करीब 20 ठेला चालक अस्वस्थ मिले। प्रशासन ने सभी को होम क्वारंटाइन कर दिया और पास वापस लेते हुए उन्हें हिदायत दी कि वह या उनके घर का कोई सदस्य अब 14 दिन तक सब्जी नहीं बेचेगा। जिला प्रशासन की तरफ से घर तक सब्जी पहुंचाने के लिए करीब 2500 ठेले लगाए गए हैं।
बिना स्कैनिंग मंडी में प्रवेश नहीं
दूसरे प्रांतों, प्रदेश के विभिन्न जिलों से सब्जी, फल लेकर आने वाले वाहनों के चालक-परिचालक के लिए भी सब्जी मंडी में थर्मल स्कैङ्क्षनग की व्यवस्था की गई है। सिटी मजिस्ट्रेट अभिनव रंजन श्रीवास्तव ने बताया कि बिना स्कैनिंग के किसी भी चालक-परिचालक को मंडी के भीतर प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। निगरानी के लिए 12 सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं।
निगरानी समितियों की गांवों में बढ़ी चहलकदमी
कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए गठित निगरानी समितियों की अब गांवों में चहलकदमी बढ़ गई है। जनपद के सभी गांवों में तैनात निगरानी समितियों को सुबह 10 बजे से दोपहर एक बजे तक भ्रमण करने का निर्देश दिया गया है। गुरुवार को पहले दिन मुख्य विकास अधिकारी हर्षिता माथुर ने खजनी ब्लाक के कटघर, भरोहिया और खुटहना का निरीक्षण कर समितियों के सदस्यों को उनके कार्य दायित्वों से अवगत कराया।
दरअसल, जनपद के सभी ग्राम पंचायतों में 1352 निगरानी समितियां बनाई गई हैं। प्रत्येक समितियों में ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, लेखपाल, रोजगार सेवक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा को शामिल किया गया है। इन समितियों को मुख्य रूप से बाहर से आए लोगों पर नजर रखने की जिम्मेदारी दी गई है। विशेष तौर पर जो लोग बाहर से आए हैं और होम क्वारंटाइन किए जा रहे हैं, उनकी सूची भी अब निगरानी समितियों को ही तैयार करनी होगा। समिति में शामिल आशाओं को होम क्वारंटाइन किए गए लोगों के घरों पर एक पोस्टर लगाने की जिम्मेदारी दी गई है।