कभी गुमनामी की जिंदगी जी रही थीं, अब रैंप पर कैटवाक करेंगी यह महिलाएं, जानें- कैसा है इनका जीवन Gorakhpur News
गोरखपुर में वनटांगियां महिलाएं अब रैंप पर कैटवाक करेंगी। इसके लिए उन्हें ट्रेनिंग दी जा रही है।
गोरखपुर, जेएनएन। समाज की मुख्यधारा में शामिल हो चुके वनटांगिये अब आधुनिकता की दौड़ में भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए तैयार हैं। जानकर आश्वर्य होगा कि अब वनटांगियां महिलाएं रैंप पर कैटवाक करने जा रही हैं। वह भी बकायदा ट्रेनिंग के साथ। नौ नवंबर को इंटरनेशनल दिल्ली पब्लिक स्कूल, खोराबार में आयोजित होने वाले पूर्वी फेस्टिवल के दौरान फैशन-शो में हिस्सा लेने के लिए वनटांगियां महिलाओं को जयपुर के ट्रेनर हिमांशु राय ने ट्रेंड किया है।
15 महिलाओं को दी गई ट्रेनिंग
पूर्वी फेस्टिवल का आयोजन करने वाले यामिनी कल्चरल इंस्टीट्यूट इंटरटेनमेंट की चेयर पर्सन सोनिका सिंह ने बताया कि वनटांगियां महिलाओं को रैंप पर कैटवाक कराने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ी। पहले उन्हें और उनके परिवार वालों की सहमति लेने में और फिर उन्हें ट्रेंड करने में पर अब वह पूरी तरह तैयार हैं मंच पर उतरने के लिए। रैंप पर उतरने के बाद महिलाओं का आत्मविश्वास बना रहे, इसके लिए हमने हेयर स्टाइलिस्ट, मेकअप आर्टिस्ट, डिजाइनर कपड़ों का इंतजाम भी किया है। कैटवाक के लिए 15 वनटांगियां महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई है। आयोजन के दौरान नृत्य, गायन और फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता भी होगी, जिसमें बच्चे हिस्सा लेंगे। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों की नामचीन विभूतियों और समाज के अंतिम व्यक्तियों के लिए कार्य करने वाले लोगों को सम्मानित भी किया जाएगा।
स्वदेशी पर रहेगा जोर
सोनिका सिंह ने बताया कि पूर्वी फेस्टिवल की थीम स्वदेशी वस्त्र होगी। इसमें शामिल होने वाले कलाकारों और अतिथियों से यह अनुरोध किया गया है कि वह स्वदेशी वस्त्रों में आए। इसका मुख्य उद्देश्य स्वेदशी को बढ़ावा देना है। आयोजन में शामिल होने वाले प्रतिभागियों के स्वेदशी कपड़ों को डिजाइनर कपड़ों की तरह तैयार किया जा रहा है। कार्यक्रम के माध्यम से समाज को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि स्वदेशी कपड़ों में भी महिलाएं खूबसूरत लग सकती हैं।