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इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल से बनेगा बायो डीजल, यहां शुरू हुई तैयारी Gorakhpur News

एफएसडीए की जिला इकाई निजी संस्था के साथ मिलकर जिले की सभी दुकानों से इस्तेमाल के बाद बचे खाद्य तेल खरीद कर उसका इस्तेमाल बायो डीजल बनाने में करेगी।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Thu, 29 Aug 2019 09:19 PM (IST)Updated: Fri, 30 Aug 2019 03:47 PM (IST)
इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल से बनेगा बायो डीजल, यहां शुरू हुई तैयारी Gorakhpur News
इस्तेमाल किए गए खाद्य तेल से बनेगा बायो डीजल, यहां शुरू हुई तैयारी Gorakhpur News

गोरखपुर,जेएनएन। खाद्य तेलों का दुकानदार अब तीन बार से अधिक इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। दुकानों पर पकौड़े, कचौरी या अन्य खान-पान की चीजें तलने के बाद बचे तेल का दुकानदार कई बार उपयोग करते हैं। खाद्य तेल का कई बार इस्तेमाल करने पर लोगों में कोलेस्ट्राल तेजी से बढ़ रहा है। यह सेहत के लिए खतरनाक है। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) की जिला इकाई ने एक अनूठी पहल की है। विभाग इस्तेमाल किए जा चुके खाद्य तेल से बायो डीजल बनाएगा।

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विभाग का मानना है कि कोई भी खाद्य तेल तीन बार से अधिक गर्म या इस्तेमाल के बाद विषैला हो जाता है। इसके बाद इसका सेवन मानव स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक हो जाता है। इसकी रोकथाम के लिए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने री-यूज्ड कूकिंग आयल योजना लागू की है। इसके लिए जिला प्रशासन ने खाद्य सुरक्षा अधिकारी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है जो प्रत्येक बाजार का सर्वे कर तेल की उपलब्धता का आंकड़ा जुटाएगी। पहले चरण में बड़ी दुकानों का सर्वे कर यह बताना होगा कि इस्तेमाल हो चुका तेल कितनी मात्रा में कंपनी को उपलब्ध कराया जाएगा। बड़ी दुकानों से अनुमानित आंकड़ा लेने के बाद छोटी दुकानों पर सर्वे का कार्य किया जाएगा।

प्राइवेट एजेंसियों का विभाग लेगा सहयोग

एफएसडीए की जिला इकाई निजी संस्था के साथ मिलकर जिले की सभी दुकानों से इस्तेमाल के बाद बचे खाद्य तेल खरीद कर उसका इस्तेमाल बायो डीजल बनाने में करेगी। इसके बाद उसे संस्था के प्रोसेसिंग यूनिट में पहुंचाया जाएगा। इससे इस्तेमाल हो चुके खाद्य तेल में तली भुनी खाद्य सामग्री खाने के कारण खराब हो रही आम लोगों की सेहत को बचाने में प्रभावी मदद मिलेगी।

20 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से होगा भुगतान

जिस व्यापारी या खाद्य कारोबारी का खाद्य तेल प्राइवेट एजेंसी खरीदेगी उसे 15 से 20 रुपये प्रति लीटर की दर से भुगतान भी करेगी। विभाग के मुताबिक इससे दो फायदे होंगे। पहला यह कि बाजार से अखाद्य तेल बाहर आ जाएगा जबकि दूसरा फायदा यह होगा कि कारोबारियों को उनके तेल का उचित मूल्य भी मिल जाएगा।

सेहत के लिए बेहद खतरनाक : सहायक आयुक्त

सहायक आयुक्त (खाद्य) श्रवण मिश्र बताते हैं कि तीन बार से अधिक इस्तेमाल हो चुके तेल से तैयार खाद्य सामग्री का सेवन लोगों की सेहत पर बुरा असर डाल रहा है। ऐसे खाद्य तेल से बनी सामग्री नियमित तौर पर खाने से आंत में घाव होने, फैटी लिवर,  पीलिया, धमनियों में ब्लाकेज जैसी समस्याएं हो सकती हैं। 


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