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बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा-समाप्त होंगे बेसिक शिक्षा में नगरीय व ग्रामीण कैडर में विभाजन Gorakhpur News

सतीश द्विवेदी ने कहा कि अभी तक एक बहुत बड़ी समस्या उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में रही है कि ग्रामीण व नगर क्षेत्र में अलग-अलग भर्ती होती थी। इसको लेकर मुख्यमंत्री भी चिंतित थे। उनका ही निर्देश था कि इस तरह का विभाजन खत्म किया जाए

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 02 Dec 2020 07:02 PM (IST)Updated: Wed, 02 Dec 2020 07:02 PM (IST)
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा-समाप्त होंगे बेसिक शिक्षा में नगरीय व ग्रामीण कैडर में विभाजन Gorakhpur News
शिक्षक नियुक्ति पत्र वितरण को लेकर तैयारियों का जायजा लेते बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी।

गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के बेसिक शिक्षामंत्री राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा.सतीश द्विवेदी ने कहा कि बेसिक शिक्षा में लंबे समय से चले आ रहे नगरीय व ग्रामीण कैडर में विभाजन समाप्त किए जाएंगे। इसके लिए 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी होते ही इसी माह कैबिनेट में प्रस्ताव लाएंगे, जिससे यह विभाजन समाप्त कर ग्रामीण क्षेत्र से शिक्षकों को स्थानांतरित कर नगर क्षेत्र के रिक्त पदों को भर सकें।

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बेसिक शिक्षामंत्री बुधवार को गोरखपुर विश्वविद्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। वह यहां आगामी पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री द्वारा नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाने वाले राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों का जायजा लेने आए थे। उन्होंने कहा कि अभी तक एक बहुत बड़ी समस्या उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में रही है कि ग्रामीण व नगर क्षेत्र में अलग-अलग भर्ती होती थी। बहुत दिनों से नगर क्षेत्र में भर्ती नहीं हो पाई। इसलिए नगर क्षेत्र के ज्यादातर विद्यालयों में  पद रिक्त हैं शिक्षक नहीं है। इसको लेकर मुख्यमंत्री भी चिंतित थे। उनका ही निर्देश था कि इस तरह का विभाजन खत्म किया जाए, ताकि नगर क्षेत्र के विद्यालयों में रिक्त पदों को भी भरा जा सकें।

उन्होंने कहा कि सूबे में 69 हजार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया भी ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों के ही थी। वहीं नियुक्ति शिक्षकों की तैनाती होगी, लेकिन यह भर्ती प्रक्रिया पूरी करते ही इस विभाजन खत्म करेंगे। इसके उपरांत जिलों में आंतरिक समायोजन के माध्यम से नगरीय क्षेत्र के सारे रिक्त पदाें को भरेंगे। यह भर्ती आरटीई के मानक के तहत की जा रही है, जिससे कि एक भी स्कूल ऐसा न हो जहां शिक्षक न हो। इस भर्ती प्रक्रिया में इसकी पूरी व्यवस्था की गई है।

प्रदेश सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने को लेकर कटिबद्ध है। इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। लाकडाउन में विद्यालय बंद रहने के बाद बच्चों को किताबें, जूता-मोजा, स्कूल ड्रेस, स्वेटर उनके घरों तक पहुंचाए जा रहे हैं। मीड-डे-मील का कन्वर्जन कास्ट अभिभावकों के खाते में भेजे जा रहे हैं, लेकिन इन सब करने का मतलब तब तक निकलेगा जब तक हर स्कूल को अच्छे शिक्षक नहीं मिलेंगे और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं दी जाएगी। सरकार की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की प्राथमिकता को देखते हुए प्रत्येक स्कूलों में शिक्षकों के रिक्त पद भरे जा रहे हैं।

कार्यक्रम स्थल का लिया जाएगा, दिए आवश्यक निर्देश

बेसिक शिक्षामंत्री ने गोरखपुर विश्वविद्यालय में राज्य स्तरीय समारोह स्थल का जायजा लेकर व्यवस्थाओं की जानकारी ली। इस उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश देते हुए कहा कि नवनियुक्त शिक्षकों को बैठने की व्यवस्था ठीक होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश में 69 हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती के दूसरे चरण में बाकी बचे 36590 पदों को भरे जाने की काउंसिलिंग बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद पांच दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर-बस्ती मंडल के मेरिट के आधार पर चयनित पांच अभ्यर्थियों को अपने हाथों से नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे। गोरखपुर के सभी 647 नवनियुक्त शिक्षकों को यही नियुक्ति पत्र वितरित किया जाएगा। जबकि शेष जनपदों में प्रभारी मंत्री, सांसद, विधायक उन जिलों के नव नियुक्ति शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करेंगे।

इस दौरान बीएसए बीएन सिंह ने बेसिक शिक्षामंत्री को नियुक्ति पत्र का प्रारूप भी दिखाया। 


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