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Gorakhpur Nikay Chunav आरक्षण से बदल गया BSP के दावेदारों का चेहरा, कई नेता हुए निराश- अब नए प्रत्याशी का तलाश

UP Nikay Chunav गोरखपुर में एससी ओबीसी के लिए आरक्षित पांच नगर पंचायतों में अध्यक्ष पद के एक दर्जन से अधिक दावेदार बाहर हुए हैं। इनमें कई ऐसे दावेदार थे जिन्होंने वरिष्ठ पदाधिकारियों से आशीर्वाद भी ले लिया था।

By Jagran NewsEdited By: Pragati ChandPublished: Thu, 08 Dec 2022 08:40 AM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 08:40 AM (IST)
Gorakhpur Nikay Chunav आरक्षण से बदल गया BSP के दावेदारों का चेहरा, कई नेता हुए निराश- अब नए प्रत्याशी का तलाश
आरक्षण से बदल गया BSP के दावेदारों का चेहरा। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। नगर निगम व नगर पंचायतों में आरक्षण जारी होने के बाद राजनीतिक दलों के भीतर टिकट का दावा कर रहे दावेदारों के चेहरे भी बदल गए हैं। बसपा में भी आरक्षण जारी होने का असर साफ नजर आ रहा है। जिनके अनुमान के विपरीत आरक्षण तय हुआ है, उन्होंने कदम पीछे खींच लिए हैं और उनकी जगह नए दावेदारों ने ले ली है। नगर निगम के विभिन्न वार्डों में कई ऐसे दावेदार थे जिन्होंने वरिष्ठ पदाधिकारियों से 'आशीर्वाद' भी ले लिया था लेकिन अब उन्हें घर बैठना पड़ रहा है।

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अनारक्षित किया गया है मेयर का पद

इस बार नगर निगम गोरखपुर में महापौर का पद अनारक्षित किया गया है। 11 नगर पंचायतों में से पांच एससी, ओबीसी, ओबीसी महिला के लिए आरक्षित किए गए हैं जबकि तीन पदों पर महिलाओं का आरक्षण तय किया गया है। तीन ऐसी नगर पंचायतें हैं जहां के अध्यक्ष पद अनारक्षित हैं। बसपा में सहजनवा, घघसरा बाजार, उरुवा बाजार, उनवल, बांसगांव आदि नगर पंचायतों में तीन से अधिक दावेदार ऐसे थे, जिन्होंने टिकट के लिए जोर लगाया था।

आरक्षण तय होते ही कार्यालयों पर छाया सन्नाटा

पार्टी की बैठकों में भीड़ जुटाने में भी ये दावेदार आगे नजर आते थे लेकिन जैसे ही आरक्षण तय हुआ, उनके कार्यालयों पर सन्नाटा छा गया। अब नए दावेदारों ने पार्टी पदाधिकारियों के यहां चक्कर लगाना शुरू कर दिया है। पहले से दावा कर रहे नेताओं को पोस्टर का चेहरा बनाने के लिए उनकी भी मनुहार की जा रही है। बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों का दावा है कि कई नगर पंचायतों में उनका आधार वोट बैंक अधिक है, जिससे उनके प्रत्याशी टक्कर में रहेंगे। दावेदार भले अधिक थे लेकिन चयन लगभग पूरा कर लिया गया था। आरक्षण बदलने के बाद पदाधिकारियों ने भी नए सिरे से प्रत्याशी तलाशना शुरू कर दिया है।

महापौर के लिए दो नाम पर विचार

महापौर के लिए दो नाम पर विचार किया जा रहा है। एक पुराने कार्यकर्ता व विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी पर दांव लगाया जा सकता है। इसके साथ ही अल्पसंख्यक वर्ग से भी प्रत्याशी मैदान में उतारा जा सकता है।

क्या कहते हैं जोन इंचार्ज

मंडल जोन इंचार्ज हरि प्रकाश निषाद ने बताया कि नगर निकायों में सभी पदों के लिए आरक्षण तय कर दिए गए हैं। पार्टी के मानकों पर खरा उतरने वालों को ही टिकट दिया जाएगा। हर जगह से बड़ी संख्या में दावेदारों ने आवेदन किया है। उनके दावों पर विचार कर प्रत्याशी तय किया जाएगा।


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