Move to Jagran APP

UP: वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा, पूर्वांचल बनेगा इको टूरिज्म का हब Gorakhpur News

यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि गोरखपुर का रामगढ़ ताल आने वाले दिनों में पूर्वांचल के इको टरिज्म का नेतृत्व करेगा। इसके साथ ही संतकबीरनगर में बखिरा झील महराजगंज का सोहगीबरवा सोनभद्र का मसूरी के केंपटी फाल जैसा नजारा आदि पर्यटकों को आकर्षित करेंगे।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 13 Dec 2020 12:29 PM (IST)Updated: Sun, 13 Dec 2020 12:29 PM (IST)
UP: वन मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा, पूर्वांचल बनेगा इको टूरिज्म का हब Gorakhpur News
यूपी के वन मंत्री दारा सिंह चौहान। - फाइल फोटो

गोरखपुर, जेएनएन। प्रदेश के वन, पर्यावरण एवं जंतु उद्यान मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि पूर्वांचल में इको टूरिज्म के क्षेत्र में विकास और रोजगार की अपार संभावनाएं हैं और सरकार इस क्षेत्र को इको टूरिज्म का हब बनाएगी। वन मंत्री गोरखपुर विश्वविद्यालय एवं नियोजन विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से आयोजित तीन दिवसीय पूर्वांचल का सतत विकास : मुद्दे, रणनीतियां एवं भावी दिशा विषयक राष्ट्रीय वेबिनार के अंतर्गत आयोजित प्राथमिक क्षेत्र के आठवें तकनीकी सत्र को बतौर अध्यक्ष संबोधित कर रहे थे।

loksabha election banner

आने वाले दिनों में पूर्वांचल के इको टरिज्म का नेतृत्व करेगा रामगढ़ ताल

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की विशेष रुचि से यह क्षेत्र इको टूरिज्म का हब बनने जा रहा है। उपेक्षित पड़े विशाल नैसर्गिक झील रामगढ़ ताल का कायाकल्प कर दिया गया। यह ताल आने वाले दिनों में पूर्वांचल के इको टरिज्म का नेतृत्व करेगा। इसके साथ ही संतकबीरनगर में बखिरा झील, महराजगंज का सोहगीबरवा, सोनभद्र का मसूरी के केंपटी फाल जैसा नजारा आदि पर्यटकों को आकर्षित करने वाले हैं। उन्होंने कहा कि महराजगंज में टाइगर रेस्क्यू सेंटर ओर गिद्ध संरक्षण केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। जनवरी 2021 में गोरखपुर में चिडिय़ाघर खुल जाएगा, इससे भी इको टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के वनवासी क्षेत्रों में प्रदेश सरकार की योजना है कि वनवासी क्षेत्रों में स्टे होम बनाकर ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दिया जाए। इससे वन क्षेत्रों में रहने वालों की आय भी बढ़ेगी। वन मंत्री ने बताया कि पिछले तीन सालों में प्रदेश के इको टूरिज्म स्थलों पर लोगों के आने का सिलसिला 20 गुना तक बढ़ा है। उन्होंने कहा कि अगले साल पौधारोपण के मामले में एक नया रिकार्ड बनाया जाएगा।

एडवेंचरस टूरिज्म की असीम संभावनाएं

मुख्य वक्ता के रूप में इस तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए प्रमुख सचिव, वन सुधीर गर्ग ने कहा कि ब्रिटिश काल में जंगलों में बसाए गए वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा देकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वनटांगियों को मुख्य धारा से जोड़ दिया है। वन भू भाग के इन वनटांगिया गांवो में स्टे होम की सुविधा विकसित कर यहां के निवासियों के लिए आय सृजन का नया द्वार खोला जा सकता है। उन्होंने कहा कि ताल तलैयों के प्राकृतिक सौंदर्य से समृद्ध पूर्वांचल में इको टूरिज्म और एडवेंचरस टूरिज्म की बहुत संभावनाएं हैं। प्रमुख सचिव नेकहा कि  जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को लेकर सभी को सचेत रहने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन के खतरों को कम करने के लिए अधिकाधिक पौधारोपण करना समय की मांग है।

प्राथमिक क्षेत्र के आठवें तकनीकी क्षेत्र में मुख्य वन संरक्षक, गोरखपुर भीमसेन ने पूर्वांचल में वन क्षेत्र के विकास की स्थिति, देहरादून से फारेस्ट पैथालोजी के वैज्ञानिक डा. अमित पांडेय ने पूर्वांचल में साखू के पेड़ों के सूखने के पैथालोजिकल कारणों, सेंटर फार रिसर्च एंड डेवलपमेंट, गोरखपुर के डा. बीएन सिंह ने पूर्वांचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सांभा सब-1 प्रजाति के चावल पर किए गए शोध अध्ययन, संजय मल्ल ने पूर्वांचल में वन संपदा पर आधारित उद्योग की संभावनाओं पर विचार व्यक्त किए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.