यूपी चुनाव 2022 : कुशीनगर की इस सुरक्षित सीट पर भाजपा की रही बादशाहत
UP Chunav 2022 कुशीनगर जिले की नेबुआ नौरंगिया की सीट (मौजूदा समय में खड्डा) पर भाजपा की बादशाहत रही है। पहले जनसंघ और अब भाजपा के उम्मीदवार यहां पांच बार परचम लहरा चुके हैं। 108 वर्षीय श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई ने इसी सीट पर 1974 में जीत दर्ज की थी।
पडरौना, जागरण संवाददाता। अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित रही विधानसभा नेबुआ नौरंगिया की सीट (मौजूदा समय में खड्डा) पर भाजपा की बादशाहत रही है। पहले जनसंघ और अब भाजपा के उम्मीदवार यहां पांच बार परचम लहरा चुके हैं। 108 वर्षीय श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई ने इसी सीट पर 1974 में जीत दर्ज की थी। वर्ष 2012 में यह सीट सामान्य हो गई और विधानसभा क्षेत्र का नाम बदल कर खड्डा कर दिया गया था।
वर्ष 1974 में नेबुआ नौरंगिया सीट पर भारतीय जनसंघ के चुनाव चिह्न पर श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई ने 21422 वोट पाकर जीत दर्ज की थी, जबकि प्रतिद्वंदी कांग्रेस के बैजनाथ प्रसाद को 19506 मत मिले थे।
भुलई भाई ने 1974 में इस सीट पर दर्ज की थी जीत
इमरजेंसी के बाद 1977 में जनसंघ समेत कई पार्टियों का विलय कर जनता पार्टी का गठन हुआ था। जनता पार्टी के टिकट पर 30950 मत पाकर भुलई भाई ने दोबारा जीत हासिल की थी। कांग्रेस के बैजनाथ प्रसाद 22279 मत पाकर दूसरे स्थान पर रहे। 1980 में कांग्रेस के महेश प्रसाद ने सफलता पाई, उन्हें 22114 मत मिले थे। 10118 वोट पाकर जनता पार्टी के नथुनी प्रसाद दूसरे नंबर पर रहे। 1985 में कांग्रेस ने बैजनाथ प्रसाद को टिकट दिया और वह 19888 वोट पाकर जीत गए। निर्दल चुनाव लड़े पूर्णमासी देहाती को 5356 वोट मिले थे। 1989 में समाजवादी पार्टी ने पूर्णमासी देहाती को अपना उम्मीदवार बनाया। उन्होंने 22080 मत पाकर जीत दर्ज की, दूसरे नंबर पर रहे भाजपा के भुलई भाई को 18735 मत मिले थे।
कांग्रेस व सपा ने तीन-तीन बार चखा था जीत का स्वाद
1991 में चुनाव जीते भाजपा के दीपलाल भारती को 34767 और जनता दल के आद्या प्रसाद को 16011 मत मिले थे। 1993 में सपा के पूर्णमासी देहाती 52714 मत पाकर चुनाव जीते थे, भाजपा के दीपलाल भारती को 44184 मत मिले थे। 1996 में भाजपा के दीपलाल ने बाजी मारी, उन्हें 52286 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे सपा के पूर्णमासी को 37403 वोट हासिल हुए थे।
2002 में सपा ने लहराया था परचम
2002 में इस सीट पर भाजपा ने फिर से भुलई भाई को आजमाया, लेकिन वह 37845 मत पाकर चुनाव हार गए। सपा के पूर्णमासी देहाती 39845 मत पाकर चुनाव जीत गए। 2007 में भाजपा के शंभू चौधरी ने 38308 मत पाकर सपा के पूर्णमासी देहाती को हार का स्वाद चखाया, देहाती को 35118 वोट मिले थे। 2012 में इस सीट को शासन ने सामान्य घोषित किया और नाम बदलकर खड्डा कर दिया था। इस चुनाव में कांग्रेस के विजय कुमार दूबे को जीत मिली थी, उन्हें 37260 मत मिले, दूसरे नंबर पर रहे सपा के एनपी कुशवाहा को 35115 मत मिले थे। 2012 में 82537 वोट पाकर भाजपा के जटाशंकर त्रिपाठी विजयी रहे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बहुजन समाजवादी पार्टी के विजय प्रताप कुशवाहा को 44040 वोट मिले थे।