यूपी के कैबिनेट मंत्री डा. संजय निषाद की मुश्किलें बढ़ीं, अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने जारी किया समन
MP MLA court summons Sanjay Nishad गोरखपुर के सहजनवां के कसरवल में नौकरियों में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर धरना- प्रदर्शन के दौरान हुए बवाल के मामले में संजय निषाद घिरते जा रहे हैं। उन्हें अब एमपी-एमएलए कोर्ट ने समन भेजा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश के मत्स्य पालन मंत्री व निषाद पार्टी के अध्यक्ष डा. संजय निषाद को अब एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो गोरखपुर ने भी समन जारी कर दिया है। आरपीएफ बस्ती पोस्ट के दारोगा ने मंगलवार को पादरी बाजार स्थित कैबिनेट मंत्री के आवास पर समन चस्पा कर दिया। तीन दिन के भीतर उन्हें कोर्ट में हाजिर होना है। इससे संजय निषाद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
आरक्षण को लेकर हुआ था बवाल
सात जून 2015 को सहजनवां के कसरवल में सरकारी नौकरियों में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर धरना- प्रदर्शन और रेल रोकने का कार्यक्रम था। कार्यक्रम की घोषणा पहले से थी। दोपहर तक प्रदेश के अलग-अलग जिले से हजारों की संख्या में निषाद कसरवल पहुंच गए। आंदोलनकारी रेलवे ट्रैक पर चारपाई लगाकर बैठे गए थे।पुलिस के हटाने पर आंदोलनकारियों ने रेलवे ट्रैक बाधित करने के साथ ही पटरी को क्षतिग्रस्त कर दिया था।
रेलवे एक्ट के तहत दर्ज है मुकदमा
इस मामले में आरपीएफ बस्ती के तत्कालीन पोस्ट प्रभारी ने डा. संजय निषाद उनके सहयोगियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई गोरखपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही है। आरपीएफ के बस्ती पोस्ट प्रभारी एसके मिश्रा ने बताया कि कैबिनेट मंत्री को तीन दिन के भीतर कोर्ट में हाजिर होना है।
यह है मामला
आरक्षण की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर बैठे आंदोलनकारियों को पुलिस ने हटाने का प्रयास किया तो किसी ने पत्थर चला दिया जिसके बाद लाठीचार्ज हुआ। आंसू गैस के गोले व रबर बुलेट का इस्तेमाल हुआ। शाम पांच को आंदोलनकारियों ने पुलिस की कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया। इस दौरान वहां कई राउंड गोली चल गई।जिसकी चपेट में आए इटावा के रहने वाले अखिलेश निषाद की मौत हो गई और कइ लोग घायल हो गए। तत्कालीन सहजनवां थानेदार श्यामलाल यादव ने डाक्टर संजय निषाद समेत 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।इस मामले में आरपीएफ ने भी रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया था।