गोरखपुर पुलिस की अनोखी पहल, पुलिस की तीन पर्चियां फरियादी को दिलाएंगी समस्याओं से निजात
गोरखपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने फरिययादियों की समस्याओं के समय से समाधान के लिए अनोखी पहल की है। अब उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देने पर तीन पर्चियां जारी की जाएंगी। इसमें से एक फरियादी के पास दूसरी थानेदार के पास व तीसरी पर्ची एसएसपी के पास रहेगी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। फरियादियों के समस्याओं के निस्तारण के लिए गोरखपुर पुलिस नई व्यवस्था लागू करने जा रही है। इस व्यवस्था के तहत पुलिस उच्चाधिकारियों को प्रार्थना पत्र देने पर तीन पर्चियां जारी की जाएंगी। इसमें से एक पर्ची फरियादी के पास, दूसरी पर्ची थानेदार के पास व तीसरी पर्ची वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के पास रहेगी। इस पर्ची पर समस्या के निस्तारण के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाएगी। पुलिस को तय समय सीमा में फरियादी की समस्या का निस्तारण करना होगा। ऐसा नहीं करने पर संबंधित थानेदार के विरुद्ध कार्रवाई होगी।
नवागत एसएसपी ने लागू की यह व्यवस्था
यह नई व्यवस्था वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने लागू की है। उन्होंने कहा कि इससे समस्याओं के निस्तारण में तेजी आएगी। फरियादी को यह पता होगा कि अधिकतम कितने दिनों के भीतर उसकी समस्या का निस्तारण हो जाएगा। थानेदार को पता होगा कि समस्या निस्तारण के लिए उसके पास कितना समय है। एसएसपी को पता होगा कि तय समय सीमा में समस्या का निस्तारण हुआ अथवा नहीं। एसएसपी ने यह व्यवस्था जन सुनवाई को प्रभावी करने के उद्देश्य से बनाया है। ताकि लोगों को अपनी समस्या को लेकर बार-बार थाने अथवा अधिकारियों का चक्कर न लगाना पड़े।
अब अपने-अपने कक्ष में बैठकर जनता की शिकायतें सुनेंगे अधिकारी
बुधवार को एसपी सिटी, एसपी साउथ, एसपी नार्थ सहित सभी पुलिस अधिकारी अपने-अपने कार्यालय में बैठकर अपनी समस्याएं सुनते मिले। जबकि पहले एक पुलिस अधिकारी की ड्यूटी एसएसपी कक्ष में लगाई जाती थी। वह एसएसपी के साथ बैठकर अथवा उनकी अनुपस्थिति में अकेले जनता की समस्याएं सुनते थे और उसके निस्तारण के लिए संबंधित थानेदार को निर्देशित करते थे। एसएसपी गौरव ग्रोवर ने बुधवार से जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वह अपने कक्ष में बैठकर जनता की समस्याएं सुनें। ताकि फरियादी को अपनी समस्याएं को लेकर अधिक परेशानी न उठानी पड़े।
थाने पर जनसुनवाई के लिए एक दारोगा को दी जाएगी जिम्मेदारी
इसके अलावा थाने पर जनसुनवाई के लिए एक दारोगा को जिम्मेदारी दी जाएगी। दारोगा के पास इसके अतिरिक्त अन्य कोई जिम्मेदारी नहीं होगी। वह मामलों की सुनवाई करके उसका निस्तारण करेगा।