यूजीसी ने एमएमएमयूटी के प्रोन्नत फार्मूले पर लगाई रोक Gorakhpur News
विश्वविद्यालय को इस बात की उम्मीद थी कि सरकार उसके फार्मूले को स्वीकार करेगी पर इसी बीच आई यूजीसी की गाइडलाइन ने पानी फेर दिया।
गोरखपुर, जेएनएन। वर्तमान सत्र को अंतिम रूप देने के लिए आई यूजीसी की गाइडलाइन ने मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय को अपना प्रोन्नत फार्मूला बदलने को मजबूर कर दिया है। गाइडलाइन के मुताबिक किसी भी पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय बिना परीक्षा दिए पास नहीं कर सकता। परीक्षा हर हाल में करानी होगी, चाहे वह ऑफलाइन हो या ऑनलाइन या फिर दोनों माध्यम से। परीक्षा को हर हाल में 30 सितंबर तक करा लेने की बात कही गई है।
विश्वविद्यालय ने तैयार किया था प्रोन्नत फार्मूला
अब विवि प्रशासन ने गाइडलाइन के मुताबिक परीक्षा कराने को लेकर मंथन शुरू कर दिया है। कोरोना संक्रमण के चलते ऑफलाइन परीक्षा संभव न होने के कारण विवि प्रशासन ने अपना एक प्रोन्नत फार्मूला तैयार किया था। इसके तहत 20 फीसद अंक ऑनलाइन क्विज कराकर दिया जाना था, बाकी के अंक पिछले सेमेस्टर की परीक्षाओं और लॉकडाउन से पहले हो चुकी परीक्षाओं के आधार पर दिए जाने थे। मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की विद्या परिषद और कार्यपरिषद ने इसे स्वीकृति भी दे दी थी, लेकिन इसी बीच पिछले सप्ताह सरकार ने प्रोन्नत फार्मूला खुद सुझाने की बात कह दी तो एक बारगी विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्ययोजना पर पानी फिर गया।
फार्मूला स्वीकार करने की थी उम्मीद
यूजीसी की गाइडलाइन आने के बाद मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में ऑनलाइन क्विज की तय परीक्षा स्थगित कर दी गई। बावजूद इसके कहीं न कहीं विश्वविद्यालय को इस बात की उम्मीद थी कि सरकार उसके फार्मूले को स्वीकार करेगी पर इसी बीच आई यूजीसी की गाइडलाइन ने पानी फेर दिया। इसके साथ ही एमएमएमयूटी प्रशासन ने सभी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की ऑनलाइन क्विज के नंबर बढ़ाने पर भी मंथन शुरू कर दिया है। विश्वविद्यालय का मानना है कि ऐसा करके वह गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित कर सकेंगे। बुधवार को कुलपति ने स्टीयरिंग कमेटी की बैठक बुलाई है। एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो. श्रीनिवास सिंह का कहना है कि यूजीसी की गाइडलाइन के मुताबिक सभी पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष की परीक्षा को संचालित कराने को मंथन शुरू कर दिया है। हालांकि इसे लेकर अंतिम निर्णय राज्य सरकार की ओर से दिशा-निर्देश मिलने के बाद ही लिया जाएगा।