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    गोरखपुर के यूको बैंक में ग्राहकों से जालसाजी में एक और केस, तेज हुई कैशियर की तलाश

    Updated: Fri, 20 Dec 2024 09:00 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में बैंक से जुड़ी एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां यूको बैंक में ग्राहकों से धोखाधड़ी का मामला उजागर हुआ है। कैशि ...और पढ़ें

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    यूको बैंक की शाखा में रुपये निकालने के लिए गुरुवार को पूरे दिन लाइन लगी रही। - जागरण

    जागरण संवाददाता, उरुवा बाजार। यूको बैंक शाहपुर में ग्राहकों से धोखाधड़ी कर धन हड़पने का मामला अब और जटिल होता जा रहा है। बैंक के मुख्य कैशियर कलीम और उसके भाई शमीम द्वारा की गई इस जालसाजी में अब तक लाखों रुपए की हेराफेरी का पर्दाफाश हुआ है।

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    गुरुवार को इस मामले में फिर से एक नया मुकदमा दर्ज किया गया।जांच कर रही टीम बैंक के करीब 30 हजार खातों में लेन-देन का ब्योरा खंगाल रही है। पुलिस और जांच टीम को यह हैरानी हो रही है कि, कलीम, जो पहले भी 2013 में एक बड़े घोटाले में शामिल था, को आखिरकार बैंक में प्रोन्नति कैसे दी गई?

    बैंक के कैशियर कलीम और उसके भाई शमीम के फरार होने के बाद, पुलिस उनकी तलाश में छापेमारी कर रही है।पुलिस की जांच में सामने आया है कि कलीम और शमीम सगे भाई हैं और इन लोगों ने ग्राहकों से रुपये लेकर उन्हें फर्जी रसीदें दी थीं, लेकिन जमा की गई राशि को उनके खातों में नहीं डाला गया।

    गुरुवार को कुरावल में रहने वाले रामशंकर यादव ने अपनी शिकायत दर्ज कराई।उनका कहना है कि कैशियर को पौने चार लाख रुपए दिए थे, लेकिन उसने फर्जी रसीद थमा दी और कहा कि प्रिंटर खराब है, बाद में पासबुक लेकर आइएगा प्रिंट कर दूंगा।

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    इसी तरह मीरपुर निवासी दयानंद चौधरी ने भी शिकायत दर्ज कराई कि उन्होंने कैशियर को 2.80 लाख रुपए दिए थे, लेकिन वह रकम खाते में जमा नहीं की गई, केवल एक फर्जी रसीद दी गई। इस पर बेलघाट थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया। एसपी दक्षिणी जितेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपितों के ठिकानों पर दबिश दी जा रही है,जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

    यूको बैंक की शाखा में रुपये निकालने के लिए गुरुवार को पूरे दिन लाइन लगी रही।- जागरण


    जांच में सामने आई गंभीर बातें

    इस मामले की जांच में अब तक कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं। कलीम, जो पहले 2013 में किसानों से फर्जी दस्तावेज तैयार करके रुपये हड़पने के मामले में आरोपी था, उसे प्रोन्नति कैसे दी गई, यह एक बड़ा सवाल बन गया है। 2005-06 में दैनिक मजदूर के रूप में काम शुरू करने वाला कलीम केवल 5-6 साल में लिपिक और फिर 2017-18 में मुख्य कैशियर कैसे बन गया,इसकी जांच चल रही है।

    ग्राहक खाते से निकाल रहे रकम

    यूको बैंक में ग्राहकों के साथ जालसाजी होने का मामला सामने आने के बाद खाता धारकों का व्यवस्था से भरोसा उठ गया है।गुरुवार को पूरे दिन खाता धारकों का जमावड़ा लगा रहा। सभी लोग अपनी जमा राशि निकालने के लिए बैंक आए थे।रुपये निकालने के लिए लाइन में लगे लोग अपनी मेहनत की कमाई को लेकर परेशान थे। वहीं, शाखा प्रबंधक और अन्य अधिकारियों से लगातार सवाल किए जा रहे हैं कि वे इस घोटाले को रोकने में विफल क्यों रहे।

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    फर्जी रसीदों का सत्यापन कर रही जांच टीम

    जांच टीम ने आरोपियों द्वारा दी गई फर्जी रसीदों और अन्य दस्तावेजों को कब्जे में ले लिया है और उनका सत्यापन किया जा रहा है। पुलिस की कोशिश है कि आरोपितों को जल्द पकड़ा जाए और पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जाए। कलीम और शमीम की गिरफ्तारी के बाद मामले में नया मोड़ आ सकता है।क्योंकि अभी तक की छानबीन में यह बात सामने आयी है कि इसमें कई और लोग भी शामिल हैं।