गोरखपुर में दो नदियां खतरे के निशान से ऊपर, तीन गांवों में घुसा पानी, अलर्ट जारी
अगस्त महीने के अंत में नदियों के जलस्तर में कमी आने के बाद चैन की सांस लेने में जुटे प्रशासन की चिंत पिछले दिनों लगातार हुई भारी बारिश ने बढ़ा दी है। पानी से घिरे गांवों में आवागमन के लिए नाव लगाई गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। लगातार हुई भारी बारिश के चलते राप्ती व रोहिन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। कैंपियरगंज क्षेत्र के तीन गांवों में पानी घुस गया है। 40 परिवारों को बांध पर शरण लेनी पड़ी है। बाढ़ की स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन ने हाई एलर्ट जारी कर दिया है। जिन गांवों में पहले भी बाढ़ की समस्या आयी थी, वहां निगरानी बढ़ा दी गई है। बचाव टीमें तटबंधों पर नजर रख रही हैं। पानी से घिरे गांवों में आवागमन के लिए नाव लगाई गई है।
नेपाल से पानी आने के कारण नदियों में आई बाढ़
अगस्त महीने के अंत में नदियों के जलस्तर में कमी आने के बाद चैन की सांस लेने में जुटे प्रशासन की चिंत पिछले दिनों लगातार हुई भारी बारिश ने बढ़ा दी है। नेपाल से पानी आने के कारण राप्ती एवं रोहिन नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। त्रिमुहानी घाट में रोहिन नदी के खतरे का बिन्दु 82.44 मीटर पर है जबकि नदी रविवार की शाम 84.29 मीटर पर बह रही थी। इसी प्रकार बर्डघाट में राप्ती नदी खतरे के निशान से करीब 45 सेंटीमीटर ऊपर यानी 75.43 मीटर पर बह रही है। दोनों ही नदियां चढ़ाव पर हैं।
40 परिवारों को बांध पर पहुंचाया गया
कैंपियरगंज क्षेत्र के तीन गांव बुढ़ेली, खडख़डिय़ा व रिगौली में बाढ़ का पानी घुस जाने से कई लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना पड़ा है। आवागमन के लिए यहां नाव लगा दी गई है। बुढ़ेरी गांव का कोमर टोला जलमग्न हो गया है। वहां से 40 परिवारों को बांध पर पहुंचाया गया है। सभी को प्रशासन की ओर से तिरपाल मुहैया करा दिया गया है। खडख़डिय़ा में फाटक खुला था, उसे बंद करा दिया गया है। राप्ती नदी से लगे रेग्युलेटर दो दिन पहले ही बंद कर दिए गए थे। बांसगांव क्षेत्र के मझगांवा गांव की ओर राप्ती नदी का दबा बढ़ रहा है। यहां तटबंध की निगरानी चल रही है, अभी तक कोई नुकसान नहीं हुआ है। आमी नदी में पानी पीछे की ओर आने से कुछ गांव प्रभावित हो गए हैं। एहतियात के तौर पर वहां भी नाव लगा दी गई है।
दो दिनों तक नाजुक रहेगी स्थिति
माना जा रहा है कि अगले दो से तीन दिन स्थिति नाजुक रहेगी, उसके बाद बारिश नहीं हुई तो पानी उतरने की संभावना है। सरयू नदी का खतरे के निशान से नीचे होना भी प्रशासन के लिए राहत भरा है। प्रभारी जिलाधिकारी इंद्रजीत सिंह ने बाढ़ की स्थिति की जानकारी ली है। उन्होंने सभी जरूरी उपाय करने का निर्देश दिया है। जिले में 85 में से 64 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एनडीआरएफ) को तैयार रहने को कहा गया है।