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गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर एससी-एसटी एक्ट के फंदे में

गोरखपुर विश्‍वविद्यालय के शोध छात्र द्वारा उत्‍पीड़न का आरोप लगाकर आत्‍महत्‍या करने के प्रयास में दो प्रोफेसरों पर इस एक्‍ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 25 Sep 2018 11:45 AM (IST)Updated: Tue, 25 Sep 2018 05:02 PM (IST)
गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर एससी-एसटी एक्ट के फंदे में
गोरखपुर विश्वविद्यालय के दो प्रोफेसर एससी-एसटी एक्ट के फंदे में

गोरखपुर, (जेएनएन)। शोध छात्र दीपक के जहर खाने के मामले में दर्ज धमकी के मुकदमे में अनुसूचित जाति-जनजाति उत्पीडऩ निवारक अधिनियम (एससी-एसटी एक्ट) की धाराएं भी बढ़ा दी गई हैं। विवेचक ने छात्र के बयान के आधार पर दर्शन शास्त्र विभाग के दो शिक्षकों को इस मामले में अभियुक्त बना दिया है। एससी-एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने के बाद अब इस मामले की जांच सीओ कैंट करेंगे।

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र के शोध छात्र दीपक कुमार ने 20 सितंबर को जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश की थी। दोस्तों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया था। जांच में पता चला कि 18 सितंबर को दीपक ने कुलपति को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि दर्शन शास्त्र विभाग में कार्यरत शिक्षक द्वारका नाथ और चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव उसका उत्पीडऩ कर रहे हैं। पत्र में उसने लिखा था कि 18 सितंबर की सुबह छात्र संघ चौराहे के पास कुछ युवकों ने दोनों प्रोफेसर का नाम लेकर उनके खिलाफ की गई शिकायत वापस लेने की धमकी दी। बात न मानने पर जान से मारने की धमकी दी। युवकों ने जाति सूचक गाली भी दी।

मुख्य नियंता प्रो. गोपाल प्रसाद ने दीपक द्वारा कुलपति को भेजी गए शिकायती पत्र के आधार पर दो अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ धमकी देने का मुकदमा दर्ज कराया था। मामले की जांच कर रही कैंट पुलिस ने सोमवार को आरोपित शिक्षकों को नामजद करते हुए एससीएसटी एक्ट की धारा बढ़ा दी।

दीपक के पिता ने भी शिक्षकों को बताया था जिम्मेदार

22 सितंबर को दीपक के पिता जगदीश प्रसाद ने कैंट पुलिस को तहरीर देकर घटना के लिए दोनों शिक्षकों को जिम्मेदार बताते हुए कार्रवाई की मांग की थी। मेडिकल कॉलेज में भर्ती दीपक को डॉक्टर ने इसी दिन डिस्चार्ज कर दिया। 23 सितंबर को विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी ने छात्र का बयान दर्ज किया जिसमें उसने घटना के लिए दोनों शिक्षकों को दोषी बताया। सीओ कैंट प्रभात राय ने बताया कि साक्ष्य संकलन के बाद अगली कार्रवाई होगी।

शिक्षक संघ ने दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया

विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्‍यक्ष प्रो विनोद कुमार सिंह अध्यक्ष विश्वविद्यालय द्वारा प्रकरण में जांच समिति गठित करने और कुलपति द्वारा स्वयं छात्र और उसके परिजनों से बात करके न्यायोचित कार्रवाई के लिए आश्वस्त करने के बावजूद दबाव बनाकर दो वरिष्ठ शिक्षकों के विरुद्ध एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज करवाया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण और दु:खद है। परिसर के मामलों पर बाहरी राजनीति विवि के शिक्षकों और विद्यार्थियों के आपसी रिश्ते पर खतरनाक असर डालेगी। सभी शिक्षकों में इस कार्रवाई से गहरा क्षोभ आक्रोश है। मंगलवार को शिक्षक संघ की कार्यकारिणी कुलपति और जनपद के पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर इस आक्रोश की अभिव्यक्ति करेगी और स्पष्ट चेतावनी देगी कि दबाव की यह राजनीति तत्काल नही रुकी तो इसके विरुद्ध लोकतांत्रिक ढंग से अपना विरोध दर्ज कराते हुए संघ कार्य बहिष्कार तथा बेमियादी हड़ताल का निर्णय लेने के लिए बाध्य होगा।


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