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यहां रेल ट्रैक के पास मिले दो शव, जानिए-कैसे गई दोनों की जान

गोरखपुर गोंडा रेलखंड पर अलग-अलग जगह से दो युवकों के शव बरामद हुए हैं। मृतकों में एक बस्ती तो दूसरा गोरखपुर का निवासी था। दोनों हादसे बभनान-छपिया रेलवे स्टेशनों के बीच हुए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Sun, 09 Jun 2019 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 09 Jun 2019 04:11 PM (IST)
यहां रेल ट्रैक के पास मिले दो शव, जानिए-कैसे गई दोनों की जान
यहां रेल ट्रैक के पास मिले दो शव, जानिए-कैसे गई दोनों की जान

गोरखपुर/बस्ती, जेएनएन। गोरखपुर गोंडा रेलखंड पर अलग-अलग जगह से दो युवकों के शव बरामद हुए हैं। मृतकों में एक बस्ती तो दूसरा गोरखपुर का निवासी था। दोनों हादसे बभनान-छपिया रेलवे स्टेशनों के बीच हुए।

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जानकारी के अनुसार बभनान रेलवे स्टेशन के पश्चिमी रेलवे केबिन के पास फुलवापुर चौराहे के सामने रेलवे ट्रैक पर 35 वर्षीय युवक की ट्रेन की चपेट में आने से मौत हो गई। शव कमर से दो हिस्सों में कट चुका था। शरीर के आधे हिस्से पर जीन्स का पैंट जबकि उसका शर्ट बाह में फंसा था। उसके पास से मिले कागजात के आधार पर पुलिस ने उसकी शिनाख्त राम रतन चौहान 35 पुत्र ठाकुर प्रसाद निवासी पुअरापुर थाना परशुरामपुर जनपद बस्ती के रूप में की।

इसके अलावा परसा तिवारी स्टेशन व छपिया के बीच माडा गांव के निकट ट्रैक के किनारे 20 वर्षीय युवक का शव मिला। पुलिस ने उसकी पहचान राजू पुत्र सुरेश चौहान निवासी चारपान सुअड्डा थाना बेलीपार जनपद गोरखपुर के रूप में की है। थानाध्यक्ष छपिया श्याम बहादुर सिह पटेल ने बताया दोनों युवकों की शिनाख्त हो चुकी है। परिजनों को इसकी जानकारी भी दे दी गई है। 

छत की कुंडी से लटका मिला नर्तकी का शव

उधर, महराजगंज के घुघली थाना क्षेत्र के ग्रामसभा गोपाला में किराए के मकान में रह रही एक नर्तकी का शव संदिग्ध परिस्थितियों में छत की कुंडी से लटका मिला। पुलिस ने मामले को संदिग्ध मानते हुए आर्केस्ट्रा संचालक को हिरासत में ले लिया है। नेपाल के बुटवल शहर की रहने वाली 17 वर्षीय रेशमा दो बहनों के साथ एक किराये के मकान में रहती थीं। तीनों बहनें गोपाला के एक आर्केस्ट्रा कंपनी में कार्य करती थीं। शुक्रवार को एक कार्यक्रम में उन्हें जाना था। लगभग पांच बजे दो बहनें अन्य आर्केस्ट्रा कर्मियों के साथ कार्यक्रम के लिए निकल गईं। रेशमा थोड़ी देर बाद पहुंचने की बात कह कमरे पर ही रुक गई थी। बाकी सभी कलाकार कार्यक्रम स्थल पर पहुंच गए। काफी देर तक रेशमा जब कार्यक्रम स्थल नहीं पहुंची तो आर्केस्ट्रा संचालक विनोद कुमार उसे बुलाने कमरे पर पहुंचा, जहां उसकी नजर छत की कुंडी से लटक रहे रेशमा के शव पर पड़ी।

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