प्रधान पुत्र सहित दो किशोर कठिनइया नदी में डूबे, तलाश जारी
खरवनिया कला निवासी ग्राम प्रधान राकेश सिंह का 12 बर्षीय पुत्र प्रांजल और गांव के ही संजय सिंह का पुत्र 13 वर्षीय पुत्र शिवा गांव के सीवान मे बहने वाली कठिनईया नदी मे सोमवार की दोपहर नहा रहे थे।
गोरखपुर, जेएनएन। संतकबीर नगर जनपद के महुली थाना क्षेत्र के ग्राम खरवनिया कला मे सोमवार की दोपहर कठिनईया नदी मे नहाते समय प्रधान पुत्र समेत दो किशोर पानी डूब गये। ग्रामीणों के लाख प्रयास के बाद भी जब उनका पता नही चला तो पुलिस ने गोताखोरों की मदद लेने का प्रयास किया। अभी तक दोनों किशोरों का पता नही चल पाया है। घटना से घर मे मातम छाया हुआ है। गांव सन्नाटा पसरा हुआ है।
डूबते हुए देख स्नान कर रहे बच्चों ने मचाया शोर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ग्राम खरवनिया कला निवासी ग्राम प्रधान राकेश सिंह का 12 बर्षीय पुत्र प्रांजल और गांव के ही संजय सिंह का पुत्र 13 वर्षीय पुत्र शिवा गांव के सीवान मे बहने वाली कठिनईया नदी मे सोमवार की दोपहर नहा रहे थे। अचानक दोनों बालक नदी के गहराई मे डूबने लगे। नदी मे मौजूद अन्य बच्चों ने भी उन्हें डूबता देख कर शोर मचाया। जब तक गांव के ग्रामीण मौके पर पहुंचते दोनो बालक नदी की धारा के तेज बहाव मे समा गये।
गांव में मातम, पसरा सन्नाटा
लाख प्रयास के बाद भी जब दोनो बच्चों का पता नही चला तो मौके पर मौजूद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रदीप सिंह ने एसओ महुली को मामले से अवगत कराकर गोताखोरों की मदद मांगी। एसओ प्रदीप सिंह ने घटना स्थल की तरफ पुलिस बल रवाना करके स्थानीय गोताखोरों की सेवाएं लेने का प्रयास शुरू कर दिया है। इधर इस घटना से स्वजनों का रो रोकर बुरा हाल है। गांव के दो किशोरों के डूब जाने से मातम सा सन्नाटा पसरा हुआ है। गोताखोरों और ग्रामीणों की मदद से पुलिस डूबे बच्चों की तलाश मे जुटी हुई है।
लाइसेंसी बंदूक से 9वीं में पढऩे वाले किशोर ने की आत्महत्या
देवरिया के सदर कोतवाली के ग्राम तिलई बेलवा में सोमवार की दोपहर में 9 वीं कक्षा में पढऩे वाले किशोर ने घर में पिता की लाइसेंसी बंदूक से खुद को गोली मार खुदकुशी कर ली। पुलिस ने घटना स्थल से बंदूक बरामद किया है। गांव के सर्वेद्र विक्रम बहादुर विश्वकर्मा पुत्र उमाशंकर ने दोपहर को अचानक घर में रखे लाइसेंसी असलहे से अपने गले पर गोली दागकर आत्म हत्या कर ली। गोली की आवाज सुनकर आसपास के लोग पहुंचे, लेकिन तब तक सर्वेद्र की मौत हो चुकी थी। यह देख लोगों ने पुलिस को सूचना दी। लाइसेंसी बंदूक उमाशंकर के नाम से है। पिता उमाशंकर का कहना है कि सर्वेंद्र उनका इकलौता पुत्र था। सर्वेंद्र कक्षा नौ का छात्र था। मां की तबीयत खराब होने से सर्वेंद्र भी परेशान रहता था। जेल चौकी प्रभारी ब्रदी प्रसाद का कहना है कि घटना के असली कारण का पता नहीं चल सका है। किशोर ने अपने पिता के लाइसेंसी असलहे से ही गोली मारी है। घटना में प्रयुक्त बंदूक बरामद कर ली गई है।