मनरेगा घोटाले का मास्टरमाइंड एपीओ समेत दो गिरफ्तार, भेजे गए जेल
मनरेगा में विवाद के कारण बंद हो चुके कार्यों की आइडी को साजिश के तहत लखनऊ मनरेगा कार्यालय से एक्टिव कर बिना काम के ही फर्जी भुगतान करा लिए जाने के मामले में महराजगंज पुलिस ने मास्टरमाइंड एपीओ विनय मौर्य सहित दो को गिरफ्तार कर लिया है।
गोरखपुर, जेएनएन : मनरेगा में विवाद के कारण बंद हो चुके कार्यों की आइडी को साजिश के तहत लखनऊ मनरेगा कार्यालय से एक्टिव कर बिना काम के ही फर्जी भुगतान करा लिए जाने के मामले में महराजगंज जिले की पुलिस ने मास्टरमाइंड एपीओ विनय कुमार मौर्य और विकास भवन के एक कंप्यूटर आपरेटर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। गिरफ्तार एपीओ द्वारा अबतक परतावल और घुघली ब्लाक में वन विभाग और उद्यान विभाग की मिलीभगत से कुल 1.54 करोड़ रुपये के गोलमाल किए जाने का पर्दाफाश हुआ है, जिसमें वन विभाग के एसडीओ, दो फर्म सहित कुल आठ आरोपितों के नाम शामिल हैं।
तहरीर मिलने पर दर्ज किया गया था मुकदमा
पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मनरेगा मामले में परतावल ब्लाक के बरियरवा तालाब सुंदरीकरण के नाम पर वन विभाग के पोर्टल से मनरेगा का 25.87 लाख, उद्यान विभाग की मिलीभगत से 48.22 लाख और घुघली ब्लाक में कराए गए सात कार्यों में 80 लाख के भुगतान कराए गए थे। इस मामले में परतावल और घुघली के प्रभारी बीडीओ प्रवीण कुमार शुक्ल व वन विभाग के सदर एसडीओ चंद्रेश्वर सिंह की तहरीर पर कोतवाली में वन विभाग के तत्कालीन एसडीओ घनश्याम राय, डीएफओ कार्यालय के लिपिक बिंद्रेश सिंह व अरविंद श्रीवास्तव के अलावा मास्टरमाइंड एपीओ विनय मौर्य व ठीकेदार दिनेश मौर्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था।
क्राइम ब्रांच की टीम ने किया गिरफ्तार
मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच टीम के निरीक्षक सलीम खान व नगर चौकी प्रभारी दिनेश कुमार की टीम ने चार पहिया गाड़ी से नेपाल भागने की फिराक में रहे आरोपित एपीओ और विकास भवन में कंप्यूटर आपरेटर रहे उसके साथी शिवराम गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपितों को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया है।
बंद आइडी खोलने के लिए लखनऊ में देते थे 50 हजार रुपये
पुलिस की पकड़ में आने के बाद बर्खास्त एपीओ विनय कुमार मौर्य से पूछताछ में अब मनरेगा घोटाले का राज खुलता जा रहा है। पुलिस अधीक्षक प्रदीप गुप्ता ने बताया कि मनरेगा में विवाद या अन्य कारणों से जिन कार्याें का मस्टरोल शून्य हो जाता था। आरोपित एपीओ उस आइडी को पुन: शुरू कराकर उसका भुगतान कराता था। इस कार्य में मनरेगा कार्यालय लखनऊ में कार्यरत एक अन्य एपीओ धर्मेंद्र त्रिपाठी मदद करता था और प्रत्येक बंद आइडी को खोलने के लिए 50 हजार रुपये लेता था।
एपीओ के खाते में मिले 11.50 लाख रुपये
गिरफ्तार एपीओ विनय कुमार मौर्य की जांच-पड़ताल में उसके पास से एक लैपटाप, तीन आइफोन, एक छोटा मोबाइल, एक पेनड्राइव, एक रजिस्टर, दो क्रेडिट कार्ड, पांच पासबुक भी बरामद हुए हैं। एसपी ने बताया कि इस बरामदगी के अलावा आरोपित एपीओ के दो बैंक खातों में 11.50 लाख रुपये भी मिले हैं। बैंक को पत्र भेजकर दोनों खातों को सीज करा दिया गया है।