मदद का झांसा देकर बच्चा बेचने का था प्लान, ऐसे खुला भेद
गोरखपुर में मदद कर बच्चा बेचने की कोशिश का मामला सामने आया है। आर्थिक तंगी से जूझ रही गुड़िया को मदद का भरोसा देकर एक व्यक्ति ने साथियों की मदद से बच्चे को बेचने का प्लान बना दिया। पुलिस ने ऐन वक्त पर मामले का पर्दाफाश कर दिया।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। शायदा खातून उर्फ गुड़िया व चिलुआताल के दुर्गापुर निवासी मनीष यादव वेटर का काम करते थे। दो साल पहले उन्होंने प्रेम विवाह किया था। एक साल पहले मनीष ने गुड़िया को छोड़ दिया तबसे वह राजेंद्र नगर में किराए पर कमरा लेकर अपने बच्चे के साथ अकेले रहने के साथ ही मजदूरी कर जीविका चलाती है। मनीष का दोस्त अनिल उसके कमरे पर आता जाता था। आर्थिक तंगी से जूझ रही गुड़िया को मदद का भरोसा देकर उसने साथियों की मदद से बच्चे को बेचने का प्लान बना दिया।
यह है मामला
एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि चिलुआताल के रहने वाले अनिल पासवान मदद के नाम पर गुड़िया को कुछ रुपये दिया करता था। एक सप्ताह पहले अनिल ने अपने दोस्त राजेंद्र नगर निवासी जितेंद्र भारती, बांसगांव के भैंसवा निवासी अनुराधा मिश्रा उर्फ गोल्डी से गुड़िया को मिलाया। इन लोगों ने कहा कि तुम्हारे बेटे को एक व्यक्ति देखना चाहता है। वह आर्थिक मदद कर सकता है। भाेजन न मिलने से दो दिन तक भूखी रही गुड़िया कुछ समझ नहीं पायी। इसी दौरान जितेंद्र ने पैथोलाजी में काम करने वाले मनीष मिश्रा से संपर्क किया। मनीष की जान पहचान हाटा, कुशीरनगर के अंकित मिश्रा से थी। इलियाज, जितेंद्र, अंकित, अंकुर सिंह और शेखर पहले से मित्र हैं।
विरोध होने पर लगाया बच्चा चोरी का आरोप
सबने मिलकर शेखर को बताया कि 10 माह का एक बच्चा जो 45 हजार रुपये मिल जाएगा। इस पर शेखर अपनी पत्नी को गोरखपुर घुमाने के बहाने आया। चालक के साथ डोमिनगढ़ पहुंचने पर अनुराधा ने गुड़िया के हाथ से बच्चा लेकर उसकी गाड़ी में रख दिया और रुपये ले लिए। इसी दौरान दूसरी गाड़ी से साथियों संग पहुंचे अंकुर ने शेखर के स्कार्पियो की चाभी निकालने के साथ ही हाथ से बच्चा और रुपये छीन लिया। विरोध करने पर बच्चा चोरी करने का आरोप लगाते हुए शोर मचाने लगा। भीड़ जुटी तो बच्चे क को लेकर फरार हो गया।
पत्नी व चालक को नहीं थी जानकारी
शेखर की पत्नी व गाड़ी को चालक को बच्चा खरीदने की जानकारी नहीं थी। थानाध्यक्ष तिवारीपुर मदन मोहन मिश्रा ने बताया कि शेखर की पत्नी आठ माह की गर्भवती है। गोरखपुर घुमाने के बहाने वह अपने साथ गाड़ी से लेकर आया था। छानबीन में पता चला कि पत्नी व गाड़ी चालक कोई भूमिका नहीं है। इसलिए उन्हें छोड़ दिया गया।