Indo-Nepal Road: फर्जी दस्तावेज के सहारे 5.60 करोड़ मुआवजा लेने की कोशिश
भारत-नेपाल रोड की जमीन की खतौनी सत्यापन के लिए एसडीएम के पास भेजी गई। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने मामले की जांच की तो आबादी घोषित होने का तहसीलदार का आदेश फर्जी मिला। तब आरोपित के खिलाफ केस दर्ज किया गया।
गोरखपुर, जेएनएन। फर्जी दस्तावेज के सहारे सिद्धार्थनगर जनपद में इंडो-नेपाल सड़क की भूमि का 5.60 करोड़ मुआवजा लेने के प्रयास का मामला पकड़ा गया है। सरकारी भूमि को आबादी दिखाकर जालसाजी की गई थी। मामला पकड़ में आने के बाद एसडीएम शोहरतगढ़ ने मुआवजा आदेश निरस्त कर दिया और नायब तहसीलदार ने ग्राम लोहटी निवासी आरोपित शिवबालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। इसमें तहसील कर्मियों की मिलीभगत की भी जांच होगी।
तहसीलदार के फर्जी आदेश का लगाया था कापी
मामला तब खुला, जब इंडो-नेपाल बार्डर खंड के सहायक अभियंता दयाशंकर ने मुआवजा की फाइल और जमीन की खतौनी सत्यापन के लिए एसडीएम के पास भेजी। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार ने मामले की जांच की तो आबादी घोषित होने का तहसीलदार का आदेश फर्जी मिला। खतौनी पर अंकित वाद में 12 दिसंबर 2013 को आबादी घोषित होने का फैसला दर्शाया गया है जबकि कोई फैसला हुआ ही नहीं है। जालसाजी के तहत फर्जी परवाना का अनुपालन वर्तमान में कराया गया है। इस मामले में लेखपाल, कानूनगो और एक पेशकार की भूमिका संदिग्ध बताई जा रही है। नायब तहसीलदार शोहरतगढ़ अवधेश राय की तहरीर पर शोहरतगढ़ पुलिस ने आरोपित शिवबालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। सीओ शोहरतगढ़ राणा प्रताप सिंह ने बताया कि मामले की जांच चल रही है। एसडीएम अनिल कुमार का कहना है कि फर्जी दस्तावेज के सहारे जो आदेश जारी हुए थे, उसे खारिज कर दिया गया है। पूरे प्रकरण की जांच चल रही है। फर्जीवाड़ा में जो भी शामिल होंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होनी तय है।
जालसाजी से बेचा मकान
उधर, गोरखपुर के गोला में जालसाजी कर मकान बेचने के आरोप में पुलिस ने एक महिला समेत चार व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है। शिकायतकर्ता वंशीधर गिरी ने अपर पुलिस महानिदेशक के यहां इससे संबंधित प्रार्थना पत्र दिया था। थाना क्षेत्र के ग्राम सुअरज बुजुर्ग निवासी वंशीधर ने प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया कि उनकी भाभी माया देवी व बड़े भाई मुरलीधर गिरी में वैवाहिक रिश्ता ठीक नहीं है। भाभी से अलग उनके बड़े भाई उनके साथ रहते हैं। भाभी ने गोला तहसील के कुछ लोगों की मिलीभगत से उनके पिता विकायन गिरी से 2013 में कृषि योग्य भूमि का बैनामा अपने नाम करा लिया। इसके बाद उन्होंने न्यायालय में नामंतरण के विरुद्ध आपत्ति दर्ज की, इससे भूमि उनकी भाभी के नाम दर्ज नहीं हो सकी। इसी दौरान उनकी भाभी ने 2014 में गोला तहसील के दस्तावेज लेखक व नगवा गांव निवासी प्रसिद्ध नारायण राय व उनके सहयोगी बाघागाड़ा निवासी रजनीश भट्ट व उनकी पत्नी रंभा देवी और मददगारों के सहयोग से कूटरचित दस्तावेज के आधार पर मकान का बैनामा करवा लिया। अपर पुलिस महानिदेशक के निर्देश पर गोला पुलिस ने आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। इस संबंध में कोतवाल संतोष ङ्क्षसह ने कहा कि तहरीर के आधार पर मायादेवी, प्रसिद्ध नारायण राय, रजनीश कुमार भट्ट, रंभा देवी व अज्ञात के विरुद्ध जालसाजी का मुकदमा दर्ज किया गया है। दस्तावेज की जांच कर अगली कार्रवाई की जाएगी।