पड़ोसी ले रहे चुटकी, 'भाभीजी घर पर हैं,' महिलाएं नहीं देख पा रहीं पसंदीदा धारावाहिक
चैलन की नई व्यवस्था ने महिलाओं के लिए परेशानी बढ़ा दिया है। वह अपना पसंदीदा चैनल नहीं देख पा रही हैं। इसका समाधान मुश्किल हो गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। शर्माजी पिछले चार दिनों से परेशान हैं। पूरी एहतियात बरतते हैं, फिर भी शाम को घर पहुंचने पर पत्नी से झगड़ा शुरू हो जाता है। रोना वही केबिल का। मैडम के पसंदीदा चैनल और एपिसोड बंद पडे़ हैं। अब तो उन्हें डर लगने लगा है। पड़ौसी भी चुटकी लेने से नहीं चूकते। देखते ही कहते है-'भाभीजी घर पर है'। रोजाना की इस खिटपिट से परेशान शर्माजी शाम को आफिस से सीधा केबिल आपरेटर के दफ्तर पहुंच गए और औपचारिकता पूरी करने के बाद सीना तानकर घर पहुंचे। मैडम का मूड भी सही था, क्योंकि उनका पसंदीदा चैनल शुरू हो गया था।
लोगों को यह परेशानी भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) के आदेश के बाद भी चैनल न चुनने से हुई है। इधर लोकल नेटवर्क ने धीरे-धीरे पेड चैनल का प्रसारण बंद करना शुरू कर दिया है। डेन नेटवर्क ने शनिवार से पेड चैनलों को बंद करने का निर्णय लिया है। इससे महिलाएं स्टार और जी के अपने मनपसंद चैनल देखने से वंचित हो सकती हैं। शहर में लोकल नेटवर्क के एक लाख से ज्यादा उपभोक्ता हैं।
चैनलों को लेकर ट्राई के नियम एक फरवरी से लागू हो चुके हैं। इसके तहत ग्राहकों को सिर्फ उन्हीं चैनलों के रुपये देने होंगे जिसे वह देखना चाहते हैं। इससे ग्राहकों का हर महीने का बिल कम हो जाएगा। फ्री टू एयर सौ चैनलों के लिए डीटीएच ऑपरेटर 130 रुपये (जीएसटी के साथ 155 रुपये) से ज्यादा नहीं ले सकते हैं। यदि ग्राहक ने किसी पेड चैनल का चुनाव किया तो इसके अलग से रुपये देने होंगे।
नए नियमों के मुताबिक, यदि ग्राहक फ्री टू एयर के सौ चैनलों के अलावा कोई चैनल देखना चाहता है तो उसे पहले 25 चैनल के लिए 20 रुपये चुकाने होंगे।
कम लोग ही देखते हैं 50 से ज्यादा चैनल
जानकारों की मानें तो 10 से 15 फीसद लोग ही ऐसे होते हैं जो 50 चैनल से ज्यादा देखते हैं। 80 फीसद लोग 40 से ज्यादा चैनल नहीं देखते हैं। ऐसे लोगों को ज्यादा रुपये देने से मुक्ति मिलेगी। पेड चैनल की कीमत 50 पैसे से लेकर 19 रुपये तक प्रति माह है।
ग्राहकों को यह करना होगा
लोकल नेटवर्क से टीवी देखने वाले उपभोक्ताओं को संबंधित नेटवर्क के ऑफिस में जाकर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए उन्हें अपने सेट टॉप बॉक्स का नंबर लेकर जाना होगा। साथ ही एक आइडी और मोबाइल नंबर भी देना है। यहां फार्म पर जो चैनल देखना है उसका जिक्र करना होगा।अब महीने का बिल पहले ही अदा करना होगा।
महिलाएं आई आगे
टाई के आदेश के बारे में ज्यादातर लोगों को पता है लेकिन टीवी पर चैनल चलते रहने के कारण लोग इस पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोकल केबिल ऑपरेटरों ने जैसे ही पेड चैनलों पर रोक लगानी शुरू की महिलाएं पंजीकरण को आगे आने लगी हैं। रुस्तमपुर की प्रीती शुक्ला, बशारतपुर की प्रतिभा राय और मोहद्दीपुर की पूनम श्रीवास्तव ने कहा कि चैनल बंद होने की नौबत नहीं आने देंगी।
इस संबंध में डेन नेटवर्क के पार्टनर अब्दुल रहीम का कहना है कि शनिवार से पेड चैनलों पर रोक लगाने की शुरुआत की जाएगी। उपभोक्ताओं को जागरूक होना पड़ेगा। कार्यालय आकर पंजीकरण कराकर रुपये जमा करने के बाद ही चैनल शुरू किए जाएंगे।