मिट्टी से किया स्नान, दूर हो गई बेचैनी व थकान
आरोग्य मंदिर प्राकृतिक चिकित्सा का प्रमुख संस्थान है। यहां मिट्टी के लेप से कई रोगों को दूर किया जाता है। इसके अलावा प्राकृतिक चिकित्सा से कई अन्य रोगों का भी इलाज होता है।
गोरखपुर, (जेएनएन)। राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस पर विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए आरोग्य मंदिर में रविवार को मड बाथ यानी मिट्टी स्नान का आयोजन किया गया। देश के तीन हजार केंद्रों पर हुए आयोजन का उद्देश्य लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा की ओर आकर्षित करना है। आरोग्य मंदिर में 83 लोगों ने मिट्टी स्नान किया।
आरोग्य मंदिर में हवा, पानी और मिट्टी से मानसिक तनाव, बेचैनी, घबराहट, त्वचा रोगों से मुक्ति दिलाने के साथ असाध्य रोगों को दूर किया जाता है। शरीर पर कुछ समय मिट्टी का लेपन करने से जिस सुकून का अनुभव होता है वह दवाओं के लंबे कोर्स से भी नहीं मिलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नवंबर को राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाने का निर्णय लिया है। इसके तहत प्राकृतिक चिकित्सा केंद्रों में लोगों का मिट्टी, हवा और पानी से उपचार किया जाएगा।
जर्मनी की इंजीनियर करा रही उपचार
जर्मनी की इंजीनियर जूलियन सचवर्ट की उम्र 35 वर्ष है। वह काफी समय से त्वचा संबंधी रोगों से परेशान हैं। जर्मनी में उपचार से फायदा नहीं मिला तो उन्होंने प्राकृतिक चिकित्सा (नेचुरोपैथी) कराने का निर्णय लिया। दिल्ली में रहने वाले उनके एक दोस्त ने आरोग्य मंदिर के बारे में बताया तो वह यहां चली आईं। जूलियन ने रविवार को मड बाथ में हिस्सा लिया और बेहद उत्साहित नजर आईं।
वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने को हुआ मड बाथ
प्राकृतिक चिकित्सा सप्ताह के तहत रविवार को विश्व रिकॉर्ड बनाने को मड बाथ यानी मिट्टी से स्नान को शिविर लगा। आरोग्य मंदिर में सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक 83 लोगों ने मड बाथ किया। इनमें हर उम्र के लोग शामिल रहे। डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में उपलब्धि को दर्ज कराने के लिए देश में लगभग 3000 केंद्रों पर सामूहिक मड बाथ किया गया। लोगों को प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व की जानकारी भी दी गई।
आज से की जाएगी निश्शुल्क प्राकृतिक चिकित्सा
आरोग्य मंदिर के डॉ. विमल मोदी और डॉ. राहुल मोदी ने बताया कि 12 से 18 नवंबर तक सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक मिट्टी से उपचार किया जाएगा। यह उपचार पूरी तरह निश्शुल्क होगा। लोगों को अपने साथ नहाने के बाद पहनने के लिए एक कपड़ा ले आना होगा। कहा कि प्राकृतिक शिक्षा शरीर से गंदगी निकालने का काम करती है। जिस तरह हम अपने वाहन की सर्विसिंग कराते हैं, उसी प्रकार शरीर की भी सर्विसिंग होनी चाहिए।