Coronavirus Lockdown : रेलवे के प्लेटफार्मों पर ही हो जाएगा इलाज, रेलवे ने की यह तैयारी Gorakhpur News
Coronavirus Lockdown कोरोना से इस जंग में प्लेटफार्मों पर ही संक्रमित लोगों का उपचार हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने 217 कोच में 1953 आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिया है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस से इस जंग में विषम परिस्थिति में प्लेटफार्मों पर ही संक्रमित लोगों का उपचार हो जाएगा। पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने 217 कोच में 1953 आइसोलेशन वार्ड तैयार कर दिया है। इसमें सभी चिकित्सकीय व आवश्यक सुविधाएं मुहैया होंगी। रक्षक कोच के रूप में यह सभी रेलवे स्टेशनों पर स्थापित होने के लिए तैयार हैं।
लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल को सौंपी गई जिम्मेदारी
रेलवे प्रशासन ने मुख्यालय गोरखपुर व इज्जतनगर स्थित कारखानों के अलावा लखनऊ, वाराणसी और इज्जतनगर मंडल को भी आइसोलेशन वार्ड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। निर्धारित समय में सभी वार्ड तैयार भी हो गए हैं। प्रत्येक कोच में आठ मरीजों व एक चिकित्सक के लिए कुल नौ केबिन (वार्ड) तैयार किए गए हैं।
प्रत्येक केबिन में है यह व्यवस्था
प्रत्येक केबिन में डस्टबिन रखे गए हैं। मरीजों के लिए डिस्पोजेबल बेड, चादर, तौलिया, थाली, प्लेट, गिलास आदि की व्यवस्था रहेगी। वॉशबेसिन, बाथरूम व टॉयलेट में पानी के लिए टोटी को हाथ से नहीं छूना पड़ेगा। कोच की सभी खिड़कियां और गेट म'छरदानी से ढक दिए गए हैं। रक्षक कोच रेलवे यार्ड परिसर व कारखानों में खड़े हैं। जल्द ही उन्हें स्टेशनों पर व्यवस्थित कर दिया जाएगा।
इन स्थलों पर तैनात हुए आइसोलेशन वार्ड
गोरखपुर यांत्रिक कारखाना - 78
इज्जतनगर यांत्रिक कारखाना- 41
लखनऊ मंडल - 50
वाराणसी मंडल - 32
इज्जतनगर मंडल- 16
पूर्वोत्तर रेलवे के 3450 किमी लाइन की रिकार्डिंग पूरी
पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन पटरियों को दुरुस्त करने में युद्धस्तर पर जुट गया है ताकि लॉकडाउन के बाद यात्री ट्रेनों का संचलन भी निर्बाध गति से हो सके। फिलहाल अति आधुनिक ट्रैपिंग व अन्य मशीनों से कुल 3450 रूट किलोमीटर (किमी) रेल लाइनों की रिकार्डिंग की जा चुकी है। जहां खामियां मिली हैं, उन्हें दुरुस्त कराया जा रहा है। मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार लॉकडाउन में आम जन तक आवश्यक सामग्री पहुंचाने के लिए मालगाडिय़ां चलाई जा रही हैं। ऐसे में रेल लाइनों की निगरानी जारी है। इस मुश्किल घड़ी में ट्रैकमैन, गैंगमैन, प्वाइंटमैन, कीमैन, गेटमैन और पर्यवेक्षक संरक्षित रेल प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन रेलकर्मियों की सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। रेलकर्मियों के अलावा रेलवे कालोनियों में रहने वाले लोगों की भी थर्मल स्कैनिंग कराई जा रही है।