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गोरखपुर में हर पांच किलोमीटर पर मिलेगी इलाज की सुविधा, दस जून तक तैयार होंगे पांच हजार कोविड बेड

गोरखपुर में हर पांच किलोमीटर पर कोविड से इलाज की सुविधा देने की तैयारी है। इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कोरोना के मामले आए हैं। इससे सबक लेते हुए प्रशासन अपनी तैयारी में ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस कर रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Tue, 18 May 2021 09:30 AM (IST)Updated: Tue, 18 May 2021 03:45 PM (IST)
गोरखपुर में हर पांच किलोमीटर पर मिलेगी इलाज की सुविधा, दस जून तक तैयार होंगे पांच हजार कोविड बेड
गोरखपुर में हर पांच किलोमीटर पर कोविड अस्पताल बनवाने की तैयारी हो रही है। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, जेएनएन। दूसरी लहर में अपर्याप्त साबित हुए इंतजामों से सबक लेते हुए जिला प्रशासन तीसरी लहर को लेकर तैयारियां जोर-शोर से कर रहा है। दावा है कि 10 जून तक जिले में पांच हजार कोविड बेड का इंतजाम कर लिया जाएगा। हर पांच किलोमीटर पर कोविड से इलाज की सुविधा देने की तैयारी है। इस बार ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर कोरोना के मामले आए हैं। इससे सबक लेते हुए प्रशासन अपनी तैयारी में ग्रामीण क्षेत्रों पर भी फोकस कर रहा है। हर ब्लाक में 50-50 बेड का कोविड अस्पताल बनाने का निर्णय लिया गया है। यानी ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 1000 बेड तो सरकारी होंगे। इसके अलावा कछ निजी चिकित्सालयों को भी कोविड इलाज की अनुमति दी जाएगी।

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ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार से अधिक बेड की व्यवस्था करने पर जोर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीसरी लहर को देखते हुए पर्याप्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं। इसी क्रम में जिला प्रशासन सुविधाओं का विस्तार करने में जुटा है। जिले में इस समय सरकारी एवं निजी मिलाकर करीब 2100 कोविड बेड उपलब्ध हैं। इस संख्या में करीब तीन हजार बेडों का इजाफा किया जाएगा। शहर क्षेत्र में इनमें करीब 500 से 1000 बेड बढ़ाए जाएंगे। अन्य बेड ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे। वहां के निजी अस्पतालों को भी कोरोना के इलाज की सुविधा दी जाएगी। कुछ बदनाम अस्पतालों की इस बार छुट्टी भी हो सकती है। विमान बनाने वाली मल्टीनेशनल कंपनी बोइंग की ओर से एम्स एवं महायोगी गुरु गोरखनाथ विश्वविद्यालय परिसर में 200-200 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। स्पोर्ट्स कालेज में एल 1 प्लस स्तर का 100 बेड का अस्पताल तैयार हो रहा है।

महिला एवं बच्चों के लिए होगी अलग व्यवस्था

ग्रामीण क्षेत्र में बेड का संख्या बढ़ाने के साथ ही महिला एवं बच्चों के लिए अलग व्यवस्था भी की जा रही है। हर ब्लाक में 50-50 बेड का डेडिकेटेड कोविड अस्पताल तैयार किया जाएगा। इसमें 10 बेड महिलाओं तथा 10 बेड बच्चों के लिए आरक्षित होंगे।

आक्सीजन की भी होगी पर्याप्त व्यवस्था

जितने भी बेड तैयार किए जाएंगे, उनपर आक्सीजन की भी सुविधा होगी। इसके लिए कई छोटे-बड़े प्लांट लगाए जाएंगे। टोरेंट गैस की ओर से भी आक्सीजन प्लांट लगाने का प्रस्ताव दिया गया है। जनप्रतिनिधि भी अपने फंड से ग्रामीण क्षेत्रों में आक्सीजन प्लांट लगाने के लिए बजट दे रहे हैं। हर ब्लाक में आक्सीजन प्लांट लगाने की योजना है।

तीसरी लहर को देखते हुए तैयारी की जा रही है। हमारी कोशिश है कि जिले में हर पांच किलोमीटर पर आक्सीजन युक्त बेड कोरोना संक्रमित मरीजों को मिले। ब्लाक स्तर पर 50-50 बेड के कोविड अस्पताल बनाए जाएंगे। उनमें 10-10 बेड महिला व बच्चों के लिए आरक्षित होंगे। उम्मीद है कि 10 जून तक हम जिले में सरकारी व निजी सेक्टर मिलाकर करीब पांच हजार बेड की व्यवस्था कर लेंगै। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों का भी पूरा सहयोग मिल रहा है। - के. विजयेंद्र पाण्डियन, जिलाधिकारी।


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