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Railway News: रेलवे के इस आइडिया से लेट नहीं होंगी ट्रेनें, एनईआर से शुरू हुआ प्रयोग

Railway News रेलवे के एक अभिनव प्रयोग से ट्रेनें लेट नहीं होंगी। कोहरे के चलते डाउन ट्रेन भले ही लेट से आए अप गाड़ी दूसरी रेक लगाकर समय से रवाना हो जाएगी। समय पालन दुरुस्त कर निर्बाध ट्रेन संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने अभिनव प्रयोग शुरू किया है।

By Jagran NewsEdited By: Pradeep SrivastavaPublished: Mon, 28 Nov 2022 07:10 AM (IST)Updated: Mon, 28 Nov 2022 07:10 AM (IST)
Railway News: रेलवे के इस आइडिया से लेट नहीं होंगी ट्रेनें, एनईआर से शुरू हुआ प्रयोग
रेलवे के अभिनव प्रयोग से एनईआर की ट्रेनें लेट नहीं होंगी। - प्रतीकात्मक तस्वीर

गोरखपुर, प्रेम नारायण द्विवेदी। अब किसी भी परिस्थिति में यात्री ट्रेनें विलंबित नहीं होंगी। सर्दियों में भी गाड़ियां समय से संचालित होंगी। कोहरे के चलते डाउन (आने वाली) ट्रेन भले ही लेट से आए, जाने वाली अप गाड़ी दूसरी रेक लगाकर समय से रवाना हो जाएगी। समय पालन दुरुस्त कर निर्बाध ट्रेन संचालन के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने अभिनव प्रयोग शुरू किया है। आधुनिक लिंक हाफमैन बुश (एलएचबी) कोच वाली रेक में जनरल, स्लीपर व एसी कोच को ऐसे समायोजित किया जा रहा है कि उसका इस्तेमाल दूसरी ट्रेन में भी किया जा सके।

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ट्रेनों की रेक में समान रूप से समायोजित किए जा रहे एलएचबी के जनरल, स्लीपर और एसी कोच

मुख्यालय गोरखपुर सहित लखनऊ और वाराणसी मंडल में एलएचबी कोचों के समान संयोजन वाली रेक तैयार होने लगी है। बनारस से चलने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस सहित तीन ट्रेनों की छह रेक एक समान तैयार की गई हैं। गोरखपुर से चलने वाली गोरखधाम और चौरी चौरा एक्सप्रेस सहित 12 ट्रेनों के लिए 20 रेक, मऊ से चलने वाली दो ट्रेनों के लिए दो रेक तथा छपरा से चलने वाली तीन ट्रेनों के लिए पांच रेक तैयार की गई हैं। इन रेकों से चलने वाली ट्रेनें अब निर्धारित समय से संचालित होने लगी हैं। साथ ही स्टेशन यार्डों में ट्रेनों की रेक में कोच को जोड़ने व हटाने में लगने वाले समय, खर्चों व मानव संसाधन में भी कमी आने लगी है।

सर्दियों में भी निर्धारित समय पर रवाना होंगी ट्रेनें, किसी भी परिस्थिति में विलंबित नहीं होंगी गाड़ियां

आने वाले दिनों में सभी ट्रेनों के लिए अधिकतम 22 कोच वाली समान रेक तैयार की जाएगी, जिनमें स्लीपर के अधिकतम पांच और जनरल (साधारण) के अधिकतम तीन कोच नहीं लगाए जा रहे हैं, शेष वातानुकूलित कोच लग रहे हैं। अभी तक समान संयोजन वाली रेक तैयार नहीं होती थीं, जिससे एक ट्रेन की रेक दूसरी में नहीं लग पाती थी। पूर्वोत्तर रेलवे में करीब 75 एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं, इनका समय-पालन 85 फीसद से अधिक चल रहा है।

बनारस से समान रेक से चलने वाली ट्रेनें

12559/12560- बनारस-नई दिल्ली-बनारस

12581/12582- बनारस-नई दिल्ली-बनारस

15127/15128- बनारस-नई दिल्ली-बनारस

छपरा से समान रेक से चलने वाली ट्रेनें

15159/15160- छपरा-दुर्ग-छपरा

22531/22532- छपरा-मथुरा-छपरा

15115/15116- छपरा-दिल्ली-छपरा

गोरखपुर से समान रेक से चलने वाली ट्रेनें

12555/12556- गोरखपुर-बठिंडा-गोरखपुर

15003/15004- गोरखपुर- कानपुर अनवरगंज-गोरखपुर

15021/15022- गोरखपुर-शालीमार-गोरखपुर

15029/15030- गोरखपुर- पुणे-गोरखपुर

22533/22534- गोखपुर-यशवंतपुर-गोरखपुर

15023/15024- गोरखपुर-यशवंतपुर-गोरखपुर

15065/15066- गोरखपुर-पनवेल-गोरखपुर

15067/15068- गोरखपुर-बांद्रा- गोरखपुर

15017/15018- गोरखपुर-एलटीटी-गोरखपुर

22537/22538- गोरखपुर-एलटीटी-गोरखपुर

12587/12588- गोरखपुर-जम्मूतवी-गोरखपुर

15045/15046- गोरखपुर-ओखा- गोरखपुर

मऊ से समान रेक से चलने वाली ट्रेनें

15025/15026- मऊ-आनंदविहार-मऊ

22539/22540- मऊ-आनंदविहार-मऊ

ट्रेनों के परिचालन को दक्ष एवं सुगम बनाने के लिए अनेक नए कार्य किए जा रहे हैं। इसीक्रम में ट्रेनों की रेकों का मानकीकरण भी किया जा रहा है, जिससे आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। इससे शंटिंग समय में बचत होने के साथ समय पालन भी बेहतर हो सकेगा। - पंकज कुमार सिंह, मुख्य जनसंपर्क अधिकारी- पूर्वोत्तर रेलवे।


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