नए टैक्स को लेकर व्यापारियों का प्रदर्शन, बोले-चौपट हो जाएगा कारोबार Gorakhpur News
व्यापारियों ने कहा कि इस इस अध्यादेश के बाद कोई भी बिना लाइसेंस के खरीद-फरोख्त कर सकेगा जिससे मंडी के व्यापारियों के सामने तमाम मुश्किलें आ जाएंगी।
गोरखपुर, जेएनएन। कृषि उत्पादों की खरीद पर दो फीसदी टैक्स लिए जाने के निर्णय से नाराज महेवा स्थित नवीन गल्ला मंडी के व्यापारियों ने शुक्रवार को दुकानें बंद कर प्रदर्शन किया। व्यापारियों ने कहा कि सरकार ने निर्णय से सामान की कीमत बढ़ाना मजूबरी हो जाएगी। इसका सीधा असर बिक्री पर पड़ेगा। दूसरी तरफ मंडी के बाहर कारोबार करने वालों से किसी प्रकार का टैक्स नहीं लिया जाएगा, इससे वह लोग हमसे सस्ता सामान बेचेंगे।
मंडी के व्यापारियों के सामने होगी समस्या
सुबह थोक विक्रेताओं ने पवन सिंहानिया और अनंत गुप्ता के नेतृत्व में व्यापारियों ने दुकानें बंद कर प्रदर्शन किया। हालांकि इस प्रदर्शन में मंडी के सभी व्यापारियों का समर्थन नहीं था। दोपहर 12 बजे तक अधिकांश दुकानें खुल गई थीं। व्यापारियों ने कहा कि इस इस अध्यादेश के बाद कोई भी बिना लाइसेंस के खरीद-फरोख्त कर सकेगा, जिससे मंडी के व्यापारियों के सामने तमाम मुश्किलें आ जाएंगी। बाहरी दुकानदार मंडी में आने से कतरने लगेंगे और व्यापारी भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएंगे।
पहले से लिया जा रहा है एक फीसद यूजर चार्ज
व्यापारियों ने कहा कि हम लोगों से पहले से ही एक फीसद यूजर चार्ज लिया जा रहा है। अनंत गुप्ता ने कहा कि कहने को ये अध्यादेश किसानों केे लाभ पहुंचाने के लिए लाया गया है लेकिन, इससे किसानों को ही नुकसान होगा। उन्हें उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल सकेगा। वहीं मंडी केे व्यापारियों को भी इस अध्यादेश से परेशानी होने वाली है। इस अध्यादेेश को सरकार वापस ले। मनाेज कुमार ने बताया कि मंडी के अंदर एवं बाहर व्यापार के अलग-अलग नियम व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बनेगी। कोई भी किसान मंडी में अपना सामान बेचने नहीं आएगा।
पुराना भुगतान होगा तब करेंगे काम
कई साल से काम करने के बाद भी भुगतान न मिलने से नाराज जलकल के ठीकेदारों ने शुक्रवार को जलकर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। ठीकेदारों ने बिना भुगतान आगे कोई भी काम करने से मना कर दिया है। ठीकेदारों ने बताया कि जलकल विभाग से जुड़े सभी काम वह करते हैं। विभाग काम की स्वीकृति देता है। इसके बाद भी कराए गए काम का भुगतान नहीं मिल रहा है। ठीकेदार विवेक यादव ने बताया कि तकरीबन 30 ठीकेदारों का पांच करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। अफसरों से बात करने पर वह सिर्फ आश्वासन देते हैं। लेकिन भुगतान नहीं होता है। कहा कि अब वह काम तभी करेंगे जब बकाया का भुगतान हो जाएगा।