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कामगारों को घर पहुंचाने में गोरखपुर प्रदेश में अव्वल, बाहर से घर आए 5.47 लाख कामगार Gorakhpur News

Coronavirus Lockdown में कामगारों को घर पहुंचाने में गोरखपुर प्रदेश में अव्वल रहा। लॉकडाउन में बाहर से 5.47 लाख कामगार गोरखपुर आए।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 02:03 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 02:47 PM (IST)
कामगारों को घर पहुंचाने में गोरखपुर प्रदेश में अव्वल, बाहर से घर आए 5.47 लाख कामगार Gorakhpur News
कामगारों को घर पहुंचाने में गोरखपुर प्रदेश में अव्वल, बाहर से घर आए 5.47 लाख कामगार Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। दूसरे राज्यों में फंसे कामगारोंं को घर पहुंचाने में गोरखपुर प्रदेश भर में अव्वल रहा है। चार मई से 16 जून तक गोरखपुर और बस्ती मंडल के स्टेशनों पर 599 श्रमिक ट्रेनों से उतरे 547646 कामगारों को घर तक पहुंचाने में रोडवेज की 16446 बसें लगाई गई थीं।

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सिर्फ गोरखपुर में 310 ट्रेनों से उतरे 398541 कामगार, घर पहुंचा चुकी हैं 12028 बसें

परिवहन निगम की रिपोर्ट के अनुसार गोरखपुर जंक्शन पर निर्धारित तिथि तक कामगारों को लेकर 310 स्पेशल ट्रेनें आईं और 398541 कामगार उतरे। गोरखपुर में उतरे प्रदेश के विभिन्न जिलों के रहने वाले इन कामगारों को घर पहुंचाने के लिए 12028 बसें लगाई गई थीं। बस्ती स्टेशन पर भी 173 श्रमिक ट्रेनों से 99724 कामगार उतरे। इनको पहुंचाने के लिए 3031 बसें लगाई गईं। देवरिया स्टेशन पर 116 श्रमिक ट्रेनों से 49419 प्रवासी उतरे। उन्हें पहुंचाने के लिए रोडवेज की 1387 बसें संचालित की गईं। रोडवेज की बसें निश्शुल्क घर तक पहुंचा रही हैं। उत्तर प्रदेश के विभिन्न स्टेशनों पर पहुंची लगभग 1634 श्रमिक ट्रेनों में सिर्फ गोरखपुर-बस्ती मंडल में ही 599 ट्रेनें आई हैं।

शासन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन किया जा रहा है। लगातार बढ़ते संक्रमण के बावजूद कर्मियों ने विशेषकर चालकों और परिचालकों ने दिन-रात परिश्रम किया है। गोरखपुर परिक्षेत्र में प्रदेश भर के प्रवासी उतरे हैं, जिन्हें सकुशल घर पहुंचा गया है। - डीवी सिंह, क्षेत्रीय प्रबंधक- रोडवेज

5230 प्रवासियों को 100 दिन का रोजगार देगा वन विभाग

गरीब परिवार कल्याण योजना के तहत विभिन्न विभागों में प्रवासी कामगारों को रोजगार से जोडऩे की तैयारियां चल रही हैं। कृषि विभाग मेड़बंदी के कार्यों में प्रवासियों को जोडऩे की तैयारी कर रहा है, तो वन विभाग ने भी अपनी योजना तैयार कर ली है। वह कुल 5230 प्रवासियों को 100 दिन का रोजगार देगा। जंगल में सुरक्षा खाई, वाटर होल सहित विभिन्न कार्यों को लेकर 274 दिन में 5.23 लाख मानव दिवस रोजगार सृजित होंगे। डीएफओ अविनाश कुमार ने बताया कि वन प्रभाग क्षेत्र में 1.38 लाख मानव दिवस रोजगार, कैंपा (कंपंसेटरी एफॉरेस्टेशन मैनेजमेंट एंड प्लानिंग अथॉरिटी) के तहत सृजित होंगे।

इसमें भूमि व जल संरक्षण, वन मार्गों का जीर्णोद्धार, आपरेशनल कार्य, वन सुरक्षा में लगे कर्मचारियों के लिए आवासीय भवनों का निर्माण कार्य कराया जाएगा। कैंपा के अलावा प्रवासी कामगारों के लिए पौधशाला प्रबंधन, सामाजिक वानिकी आदि विभिन्न मदों में 3.85 लाख का मानव दिवस रोजगार सृजित होगा। उपनिदेशक कृषि डॉ. संजय सिंह का कहना है कि गरीब परिवार कल्याण योजना को लेकर कृषि विभाग भी तैयारी कर रहा है। इसके तहत मेड़मंदी, भूमि सुधार सहित विभिन्न कार्यों में प्रवासी कामगारों को रोजगार दिया जा सकता है। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.देवेंद्र कुमार शर्मा का कहना है कि उनके यहां गोआश्रय स्थलों के समतलीकरण, पौधारोपण सहित विभिन्न कार्यों को लेकर प्रस्ताव सभी खंड विकास अधिकारियों को भेजा गया है।       


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