Top Gorakhpur News Of The Day, 07 September 2019 गोरखनाथ मंदिर में संतों की जुटान, 52 साल की एक ताजिया की कहाानी, ये फेसबुक है, आल इंडिया अंतर रेलवे कबड्डी चैंपियनशिप गोरखपुर में, यहां के छात्र इंदौर में ट्रेनिंग करेंगे, Gorakhpur News
गोरखनाथ मंदिर में सिद्ध संत और महंत आ रहे हैं। वहीं यहां के छात्र अब इंदौर में ट्रेनिंग के लिए जाएंगे। सोशल मीडिया से लोगों के विचार बदलने लगे हैं। यहां पर कबड्डी प्रतियोगिता होगी।
गोरखपुर, जेएनएन। ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 125वीं जयंती व 50वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की जन्मशताब्दी व पांचवीं पुण्यतिथि पर 12 सितंबर से शुरू होने जा रही है। गोरखनाथ मंदिर में सात दिन तक चलने वाले इस परंपरागत समारोह के उद्घाटन और समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मौजूद रहेंगे। इसके अलावा आयोजन के लिए सजने वाले मंच पर हर दिन देश भर के सिद्ध संतों और महंतों की मौजूदगी रहेगी। बस्ती शहर में एक ऐसी भी ताजिया है जिसे 52 साल से दफन नहीं किया गया है। यह है इमामबाड़ा एजाज-ए-सैयदा का ताजिया। वर्तमान समय में इस इमामबाड़ा की देखरेख कर रहे सैयद जर्रार हुसेन बताते हैं कि उनके पिता मरहूम सैयद एजाज हुसेन ने इसका निर्माण अपने हाथ से खुद किया था। रहमतगंज जामा मस्जिद के पीछे अपने ही घर में इमामबाड़ा का निर्माण कर इसे यहां वर्ष 1968 में स्थापित किया गया। आभासी कही जाने वाली सोशल मीडिया हमारे सोच-विचार पर किस कदर असर डाल रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें हमारी राजनीतिक विचारधारा को बदलने तक का माद्दा है। फेसबुक पर होने वाले बहस-मुबाहिसों का असर इतना है कि वर्षों की राजनीतिक वैचारिक प्रतिबद्धता भी बदलने लगी है। यही नहीं फेसबुक से बाहर भी इन पोस्ट-कमेंट की पहुंच घरेलू बैठकों में हो चली है और एक चेन रिएक्शन की तरह फेसबुक से बाहर के लोगों को भी अप्रत्यक्ष रूप से इन बहसों से जोड़ रही है। गोरखपुर में रेलवे के कबड्डी खिलाडिय़ों का कुंभ लगेगा। प्रो कबड्डी में दम दिखाने वालेअधिकतर खिलाड़ी भी गोरखपुर की धरती पर खेलते हुए नजर आएंगे। आल इंडिया अंतर रेलवे कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी इस बार पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को मिली है। सभी मैच सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में खेले जाएंगे। मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अब भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर की मेंटॉरशिप मिलेगी। यहां के छात्र न केवल आइआइएम इंदौर के शिक्षकों के मार्गदर्शन में अपना शोध-अध्ययन कर सकेंगे, बल्कि इंटर्नशिप का भी मौका मिल सकेगा। दोनों संस्थानों के बीच इस आशय का समझौता हुआ है। इसका सीधा फायदा विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कोर्स के छात्रों को मिलेगा।
सिद्ध संतों और महंतों से सजेगा गोरखनाथ मंदिर
ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ की 125वीं जयंती व 50वीं पुण्यतिथि और महंत अवेद्यनाथ की जन्मशताब्दी व पांचवीं पुण्यतिथि पर 12 सितंबर से शुरू होने जा रही है। गोरखनाथ मंदिर में सात दिन तक चलने वाले इस परंपरागत समारोह के उद्घाटन और समापन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं मौजूद रहेंगे। इसके अलावा आयोजन के लिए सजने वाले मंच पर हर दिन देश भर के सिद्ध संतों और महंतों की मौजूदगी रहेगी। कार्यक्रम के अंतिम दो दिन क्रम से 17 सितंबर को ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और 18 सितंबर को महंत अवेद्यनाथ की स्मृति में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। 17 सितंबर के आयोजन की मुख्य वक्ता पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती और 18 सितंबर के आयोजन के मुख्य वक्ता केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान रहेंगे। महंत दिग्विजयनाथ की श्रद्धांजलि सभा में जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य मुख्य अतिथि होंगे तो महंत अवेद्यनाथ की श्रद्धांजलि सभा में महंत नृत्यगोपाल दास।
एक ताजिया ऐसी भी जो 52 साल से दफन नहीं हुई
हर वर्ष मुहर्रम के मौके पर एक से एक शानदार और ऊंची-ऊंची ताजिया का निर्माण होता है। जिन्हें दसवीं मुहर्रम के दिन कर्बला में दफन कर दिया जाता है। बस्ती शहर में एक ऐसी भी ताजिया है जिसे 52 साल से दफन नहीं किया गया है। यह है इमामबाड़ा एजाज-ए-सैयदा का ताजिया। वर्तमान समय में इस इमामबाड़ा की देखरेख कर रहे सैयद जर्रार हुसेन बताते हैं कि उनके पिता मरहूम सैयद एजाज हुसेन ने इसका निर्माण अपने हाथ से खुद किया था। रहमतगंज जामा मस्जिद के पीछे अपने ही घर में इमामबाड़ा का निर्माण कर इसे यहां वर्ष 1968 में स्थापित किया गया। उसके बाद से हर मुहर्रम में यहां सवा दो माह नियमित मजलित होती है। महिलाएं और पुरुष अलग-अलग मजलिस में शामिल होते हैं। दसवीं के रोज छोटा ताजिया व सेहरा दफन किया जाता है। यह एक पाक और पवित्र जगह है जहां बड़ी श्रद्धा से लोग आकर मन्नत मांगते हैं।
ये फेसबुक है जनाब
आभासी कही जाने वाली सोशल मीडिया हमारे सोच-विचार पर किस कदर असर डाल रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसमें हमारी राजनीतिक विचारधारा को बदलने तक का माद्दा है। फेसबुक पर होने वाले बहस-मुबाहिसों का असर इतना है कि वर्षों की राजनीतिक वैचारिक प्रतिबद्धता भी बदलने लगी है। यही नहीं फेसबुक से बाहर भी इन पोस्ट-कमेंट की पहुंच घरेलू बैठकों में हो चली है और एक चेन रिएक्शन की तरह फेसबुक से बाहर के लोगों को भी अप्रत्यक्ष रूप से इन बहसों से जोड़ रही है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में एक शोधार्थी की युवाओं पर किए गए एक अध्ययन में कुछ ऐसी ही बातों की पुष्टि हुई है। शोध मेें करीब 51 फीसद युवाओं ने माना है कि फेसबुक पोस्ट उनकी राजनीतिक वैचारिकी को तय करने में अहम भूमिका निभा रही है। खास बात यह कि इन युवाओं में से करीब 58 फीसद ऐसे थे जिन्होंने फेसबुक पर प्रत्यक्ष रूप से किसी राजनीतिक परिचर्चा में हिस्सा नहीं लिया, बार-बार पोस्ट-कमेंट पढ़ते और खुद में गुनते रहे, जिसका असर उनकी राजनीतिक विचारधारा पर पड़ा। स्पष्ट है कि उन्होंने सक्रिय रूप से राजनीतिक बहसों में हिस्सा नहीं लिया,लेकिन उसके असर से बचे भी नहीं रह सके।
आल इंडिया अंतर रेलवे कबड्डी चैंपियनशिप गोरखपुर में
गोरखपुर में रेलवे के कबड्डी खिलाडिय़ों का कुंभ लगेगा। प्रो कबड्डी में दम दिखाने वालेअधिकतर खिलाड़ी भी गोरखपुर की धरती पर खेलते हुए नजर आएंगे। आल इंडिया अंतर रेलवे कबड्डी चैंपियनशिप की मेजबानी इस बार पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर को मिली है। सभी मैच सैयद मोदी रेलवे स्टेडियम में खेले जाएंगे। चैंपियनशिप को लेकर रेलवे प्रशासन और क्रीड़ा संघ ने अभी से अपनी तैयारी शुरू कर दी है। सैयद मोदी रेलवेस्टेडियम में आधुनिक कबड्डी मैदान तैयार कर लिया गया है। मैदान के ऊपर शेड लगाया गया है। यानी अब बारिश और तेज धूप में भी मैच हो सकते हैं। 14 से 17 नवंबर तक आयोजित होने वाली इस चैंपियनशिप में भारतीय रेलवे की देशभर से टॉप 16 टीमें हिस्सा लेंगी। पूर्वोत्तर रेलवे की टीम में ही प्रो-कबड्डी के तीन खिलाड़ी शामिलहैं। इसके पूर्व पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने आल इंडिया अंतर रेलवे हैंडबाल चैंपियनशिप की भी मेजबानी की थी।
यहां के छात्र अब आइआइएम इंदौर में कर सकेंगे ट्रेनिंग
मदनमोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को अब भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर की मेंटॉरशिप मिलेगी। यहां के छात्र न केवल आइआइएम इंदौर के शिक्षकों के मार्गदर्शन में अपना शोध-अध्ययन कर सकेंगे, बल्कि इंटर्नशिप का भी मौका मिल सकेगा। दोनों संस्थानों के बीच इस आशय का समझौता हुआ है। इसका सीधा फायदा विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट कोर्स के छात्रों को मिलेगा। एमएमएमयूटी के कुलपति प्रो.एसएन सिंह ने कहा कि प्रबंधन अध्ययन के लिहाज से आइआइएम भारत का शीर्ष संस्थानहै। ऐसे में वहां के संसाधनों का लाभ एमएमएमयूटी के प्रबंधन विद्यार्थियों केे लिए लाभकारी होगा। एमएमएमयूटी के शिक्षक और शोध छात्रों को आइआइएम, इंदौरकी अकादमिक सुविधाओं जैसे कि पुस्तकालय, प्रयोगशालाएं, ई-सुविधाओं का प्रयोग कर सकने की छूट होगी। साथ ही इंटर्नशिप का भी मौका मिलेगा।