Top Gorakhpur News Of The Day, 06 June 2020, फ्रांसीसी परिवार ने कहा-असली भारत को अब समझा, याद में लगाया पौधा
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गोरखपुर, जेएनएन। फ्रांसीसी परिवार को भारत की आबोहवा भा गई है। पूरा कुनबा भारतीय सभ्यता, संस्कृति, परंपरा, धार्मिकता व भोजपुरी परिवेश के रंग में रच-बस गया है। इसकी एक बानगी विश्व पर्यावरण दिवस पर भी देखने को मिली। फ्रांस के टूलोज शहर से आए पैट्रीस पैलारे के बेटे टाम ने कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा के शिव मंदिर में निशानी के तौर पर आम का पौधा लगाया। यह पौधा ग्रामीणों के बीच फ्रांसीसी परिवार की याद को जिंदा रखेगा। उन्होंने कहा कि यदि हम यहां नहीं ठहरते तो असली भारत के बारे में परिचित होने से वंचित ही रह जाते। यहां रहने से हमें न केवल भारतीय संस्कृति का पता चला है, अपितु भारत के बारे में भी पता चल गया है। कोरोना की रोकथाम के लिए जहां प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है। वहीं बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज की लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग से कोरोना से संबंधित 152 सैंपल गायब हो गए। कमिश्नर जयंत नार्लिकर की सख्ती पर पुन: उनकी खोज हुई तो मिले। कुवैत में मृत हुए गोरखपुर शहर के जटेपुर उत्तरी निवासी रूपचंद कन्नौजिया के शव को दिल्ली एयरपोर्ट से गोरखपुर ले आने की जिम्मेदारी सांसद रवि किशन उठाएंगे। रूपचंद के परिजनों ने सांसद के सिंघडिय़ा स्थित कार्यालय पर उनसे मुलाकात की और अपनी समस्या बताई। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार ने रूपचंद का शव दिल्ली से गोरखपुर लाने में असमर्थता जताई। यह सुनकर सांसद भावुक हो गए। उसके बाद सांसद रविकिशन ने यह जिम्मेदारी खुद पर ले ली। लाकडाउन खुलने के बाद एक तरफ लोग जहां अपनी समस्या लेकर थानों में आ रहे हैं, वहीं कुछ लोग भोजन की फरियाद लेकर भी यहां पहुंच रहे हैं। समस्या तो सुनी ही जा रही है, पुलिस गरीबों के लिए भोजन का भी इंतजाम कर रही है। अंग्रेजी की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कक्षा-चार 'ए के बच्चों को नाउन (संज्ञा) समझाने के लिए पाकिस्तान का गुणगान करने वाली जीएन पब्लिक स्कूल की शिक्षिका शादाब खानम ने अपनी गलती मान ली है। जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने के साथ ही विद्यालय प्रबंधन से नौकरी से न निकालने की भी गुहार लगाई है।
फ्रांसीसी परिवार-कहा असली भारत को अब समझा Gorakhpur News
फ्रांसीसी परिवार को भारत की आबोहवा भा गई है। पूरा कुनबा भारतीय सभ्यता, संस्कृति, परंपरा, धार्मिकता व भोजपुरी परिवेश के रंग में रच-बस गया है। इसकी एक बानगी विश्व पर्यावरण दिवस पर भी देखने को मिली। फ्रांस के टूलोज शहर से आए पैट्रीस पैलारे के बेटे टाम ने कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा के शिव मंदिर में निशानी के तौर पर आम का पौधा लगाया। यह पौधा ग्रामीणों के बीच फ्रांसीसी परिवार की याद को जिंदा रखेगा। उन्होंने कहा कि यदि हम यहां नहीं ठहरते तो असली भारत के बारे में परिचित होने से वंचित ही रह जाते। यहां रहने से हमें न केवल भारतीय संस्कृति का पता चला है, अपितु भारत के बारे में भी पता चल गया है।
फ्रांस के मशहूर शहर 'टूलोज' से भारत भ्रमण करते हुए महराजगंज जनपद के कोल्हुआ उर्फ सिंहोरवा पहुंचा यह परिवार नेपाल सीमा बंद होने के चलते बीते 21 मार्च से यहां मंदिर परिसर में रुका हुआ है। पैट्रीस पैलारे, उनकी पत्नी वर्जीनी, बेटियां लोला व ओफली व बेटे टाम ने कहा कि यह पौधा लोगों के बीच हमारी यादों को जिंदा रहेगा। जब भी कोई यहां आएगा, इन पौधों को देखकर बरबस ही हमें याद करेगा। उन्होंने कहा कि नेपाल सीमा खुलते ही हम अपनी यात्रा को आगे बढ़ाएंगे, लेकिन भारत को भूलना मुश्किल है। यह हमारी यादों में जिंदा रहेगा।
गोरखपुर मेडिकल कॉलेज से Coronavirus के 152 सैंपल गायब Gorakhpur News
कोरोना की रोकथाम के लिए जहां प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग लगातार काम कर रहा है। वहीं बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज की लापरवाही रुकने का नाम नहीं ले रही है। माइक्रोबायोलॉजी विभाग से कोरोना से संबंधित 152 सैंपल गायब हो गए। कमिश्नर जयंत नार्लिकर की सख्ती पर पुन: उनकी खोज हुई तो मिले।
गोरखपुर मंडल के सभी जिलों की कोरोना जांच मेडिकल कॉलेज के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में हो रही है। पूल सैंपलिंग (किसी क्षेत्र से अधिक मात्रा में सैंपल लिया जाना) शुरू होने की वजह से बड़ी संख्या में सैंपल जांच के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में चारों जिलों से करीब 3100 सैंपल जांच के लिए भेजे गए। इनमें से 152 की रिपोर्ट नहीं मिली। चारों जिलों के सीएमओ ने जब मेडिकल कॉलेज से संपर्क किया तो पता चला कि उनके रिकार्ड नहीं हैं। इसके बाद सभी सीएमओ ने कमिश्नर की मीटिंग में यह मामला उठाया। उन्होंने कॉलेज प्रशासन को मामले की जांच का निर्देश दिया। इसके बाद सभी नमूने मिल गए। कमिश्नर जयंत नार्लिकर का कहना है कि यह प्रक्रियागत चूक थी। नमूने गायब नहीं हुए थे। इसमें कर्मचारी शिफ्ट बदलने के दौरान नमूनों की एंट्री नहीं किए। इसे सुधार लिया गया है। सभी सैंपल मिल गए हैं।
रवि किशन ने ली रूपचंद के शव को गोरखपुर लाने की जिम्मेदारी Gorakhpur News
कुवैत में मृत हुए गोरखपुर शहर के जटेपुर उत्तरी निवासी रूपचंद कन्नौजिया के शव को दिल्ली एयरपोर्ट से गोरखपुर ले आने की जिम्मेदारी सांसद रवि किशन उठाएंगे। रूपचंद के परिजनों ने सांसद के सिंघडिय़ा स्थित कार्यालय पर उनसे मुलाकात की और अपनी समस्या बताई। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार ने रूपचंद का शव दिल्ली से गोरखपुर लाने में असमर्थता जताई। यह सुनकर सांसद भावुक हो गए। उसके बाद सांसद रविकिशन ने यह जिम्मेदारी खुद पर ले ली।
परिवार के सदस्यों से पूरी जानकारी लेने के बाद सांसद रविकिशन ने कुवैत के भारतीय दूतावास की तरफ से अनुबंधित एनजीओ के वालंटियर मोहम्मद हुसैन कागदी से भी दूरभाष पर वार्ता की। सांसद ने कागदी को पूरी स्थिति की जानकारी दी। उसके बाद कागदी से रूपचंद का शव लाने समेत तमाम प्रक्रियाओं के बारे में जानकारी ली। सांसद ने कागदी से सभी प्रक्रियाओं के बारे में पूछा और यथास्थिति से अवगत हुए। उन्होंने रूपचंद से संबंधित कागजात भेजने को कहा। कुछ देर बाद कागदी ने वाट्सएप के माध्यम से सभी कागजात उन्हें भेज दिया।
थानों में न्याय की फरियाद, रोटी की भी गुहार Gorakhpur News
लाकडाउन खुलने के बाद एक तरफ लोग जहां अपनी समस्या लेकर थानों में आ रहे हैं, वहीं कुछ लोग भोजन की फरियाद लेकर भी यहां पहुंच रहे हैं। सड़क किनारे झोपडिय़ों में जिंदगी गुजारने वाले गरीब परिवारों की मुश्किल यह है कि कोरोना संक्रमण के डर से कोई खरीदार उनके पास नहीं रुक रहा। इस वजह से उनके रोजगार की गाड़ी पटरी पर नहीं आ सकी है। इधर, लाकडाउन में ढील और जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य होने के चलते स्वयंसेवी संगठनों और प्रशासन ने भी भोजन का पैकेट देना बंद कर दिया है। ऐसे में इन परिवारों के सामने भुखमरी का संकट आ गया है।
फेरी लगाकर बांस का सामान बेचने वाले रामतेज बंसफोड़ काशीराम आवासीय योजना के पास सड़क किनारे झोपड़ी में रहते हैं। वह रामगढ़ ताल थाने पर राशन का इंतजाम कराने की गुहार लेकर पहुंचे थे। थानेदार राणा देवेंद्र सिंह से रामतेज ने बताया कि लाकडाउन में उनका काम बंद हो गया था। इस दौरान पुलिस-प्रशासन के लोग खाने का इंतजाम कर दे रहे थे। कहने के लिए तो लाकडाउन खत्म हो गया, लेकिन उनका रोजगार अभी पटरी पर नहीं आ सका। ऐसे में परिवार के सामने रोटी का संकट खड़ा हो गया है। थानेदार ने रामतेज को तो राशन दिला दिया, लेकिन रामतेज जैसे कइयों का इंतजाम करना उनके लिए चुनौती बन गया है।
रेलवे स्टेशन रोड पर सिंचाई विभाग डाक बंगले के पास कई राजस्थानी परिवार झोपड़ी डाल कर रहते हैं। इन परिवारों की महिलाएं जीविकोपार्जन के लिए फेरी लगाकर रुमाल और मोजा बेचती हैं। यहां की भी कुछ महिलाएं इंस्पेक्टर कैंट रवि राय के पास खाने-पीने का इंतजाम करने की गुहार लेकर पहुंची थीं। उन्होंने बताया कि लाकडाउन खुलने के बाद वे फेरी लगाने के लिए निकल रही हैं, लेकिन कोरोना संक्रमण के डर से कोई उनसे सामान नहीं खरीद रहा है। इंस्पेक्टर ने इन परिवारों के लिए राशन की व्यवस्था कराई है। एसएसपी डा. सुनील गुप्त का कहना है कि पुलिस हर तरह की मदद कर रही है। जो लोग भी थाने पहुंचकर खाने की व्यवस्था करने को कह रहे हैं, जनसहयोग से उनके लिए इंतजाम किया जा रहा है। सभी थानेदारों को इस संबंध में निर्देश भी दिए गए हैं।
पाकिस्तान की गुणगान करने वाली शिक्षिका ने मानी गलती, नौकरी से न निकालने की गुहार Gorakhpur News
अंग्रेजी की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान कक्षा-चार 'ए के बच्चों को नाउन (संज्ञा) समझाने के लिए पाकिस्तान का गुणगान करने वाली जीएन पब्लिक स्कूल की शिक्षिका शादाब खानम ने अपनी गलती मान ली है। जांच समिति के समक्ष अपना पक्ष रखने के साथ ही विद्यालय प्रबंधन से नौकरी से न निकालने की भी गुहार लगाई है। जांच समिति ने शुक्रवार को विद्यालय प्रबंधन को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट सौंप दी।
दो जून को बुखार से पीडि़त होने के बाद भी शिक्षिका विद्यालय स्तर पर गठित चार सदस्यीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित हुईं और अपने पक्ष में सफाई दी। शिक्षिका ने कहा कि वह ग्यारह वर्षों से विद्यालय में बतौर शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रहीं हैं, लेकिन आज तक कोई गलती नहीं हुई। उस दिन मैंने गूगल से सर्च कर सबसे छोटा उदाहरण ढूढ़ा और यहीं गलती हो गई। शिक्षिका ने कहा वह स्कूल छोडऩा नहीं चाहती। ऐसे में आप सभी सहानुभूति दिखाएं।जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने के बाद समिति ने शिक्षिका से कई सवाल किए। जिसका उन्होंने एक-एक जवाब दिए। समिति व शिक्षिका के बीच हुई बातचीत की रिकार्डिंग भी की गई, ताकि जरूरत पडऩे पर उसका आगे की जांच में उपयोग किया जा सके।
शिक्षिका शादाब खानम ने नाउन (संज्ञा) समझाने के क्रम में वाट्सएप ग्रुप पर दिए गए उदाहरण में छात्रों को बताया था कि पाकिस्तान हमारी प्रिय मातृभूमि है। 'मैं पाकिस्तानी सेना में शामिल होउंगा तथा 'रशीद मिनहद एक बहादुर सैनिक था आदि। वाट्सएप ग्रुप पर दिए गए उदाहरण को जैसे ही कुछ अभिभावकों ने देखा तत्काल इसका स्क्रीन शॉट लेकर वायरल कर दिया। उसके बाद विरोध शुरू हो गया। दुश्मन देश का गुणगान करने को लेकर कई लोगों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। लोग अभी भी गुस्से में हैं।
जीएन पब्लिक स्कूल के प्रबंधक गोरक्ष प्रताप सिंह का कहना है कि जांच समिति ने शिक्षिका के पक्ष रखने के बाद प्राथमिक जांच रिपोर्ट सौंप दी है। हालांकि जांच समिति अभी कोई ठोस निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है और जांच के लिए दस दिन का और समय मांगा है। समिति अभी और जांच कर इस पूरे मामले में फाइनल रिपोर्ट सौंपेगी।