Move to Jagran APP

Top Gorakhpur News 2 October 2020: मात्र पचास हजार से एक लाख रुपये के लिए जान ले लेते हैं यह अपराधी, पढ़ेंं- गोरखपुर की प्रमुख खबरें

Top Gorakhpur News 2 October 2020 गोरखपुर में भाड़े के हत्‍यारे पुलिस के लिए चुनौती बने हुए हैं। यह हत्‍यारे मात्र पचास हजार से एक लाख रुपये के लिए किसी की भी जान ले लेते हैं। यहां पढ़ेंं- गोरखपुर व आसपास के जिलों की प्रमुख खबरें-

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 02 Oct 2020 03:05 PM (IST)Updated: Fri, 02 Oct 2020 11:35 PM (IST)
Top Gorakhpur News 2 October 2020: मात्र पचास हजार से एक लाख रुपये के लिए जान ले लेते हैं यह अपराधी, पढ़ेंं- गोरखपुर की प्रमुख खबरें
यहां पढ़ें गोरखपुर व आसपास के जिलों की प्रमुख खबरें।

गोरखपुर, जेएनएन। यहां पढ़ेंं, गोरखपुर और आसपास के जिलों की शुक्ररवार 2 October 2020 की प्रमुख खबरें- 

loksabha election banner

नीट पास कराने का ठेका लेता रहा खुद फेल होने वाला, अभ्‍यर्थियों से वसूलता था 10 से 12 लाख रुपये

गोरखपुर। कानपुर की पुलिस ने बुधवार को जिस साल्‍वर गैंग को पकड़ा है, उसमें गोरखपुर जिले के बांसगांव थाने के ग्राम बांसगांव का अमित जायसवाल व गगहा थाना क्षेत्र के ग्राम गगहा निवासी वेदरतन सिंह उर्फ भोला सिंह भी शामिल हैं। यह गिरोह लोगों को नीट (राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा) और यूपी कैटेट (यूपी संयुक्त कृषि और प्रौद्योगिकी प्रवेश परीक्षा) उत्‍तीर्ण कराता था। अमित कानपुर पीएमटी(प्री मेडिकल टेस्‍ट) की तैयारी के लिए गया था। लेकिन वह कभी उत्‍तीर्ण नहीं हो सका। कई वर्षों की तैयारी में उसके संबंध इतने प्रगाढ़ हो गए कि वह नीट व यूपी कैटेट के लिए साल्‍वर(परीक्षा हल करने वाले) का जुगाड़ करने लगा।

पंद्रह अक्टूबर से दिए चरणबद्ध तरीके से स्कूल व कोचिंग संस्थान, कोविड-19 गाइडलाइन का करना होगा पालन

गोरखपुर। शासन के पंद्रह अक्टूबर से चरणबद्ध तरीके से स्कूल व कोचिंग संस्थानों को खोले जाने का निर्देश देने के बाद शिक्षण संस्थानों ने अपनी तैयारी शुरू कर दी है। हालांकि शिक्षण संस्थाओं को खाेलने से पहले कोरोना संक्रमण को लेकर शहर की स्थिति को देखते हुए और स्कूल प्रबंधन से बात करने तथा अभिभावक से अनुमति आदि बिंदुओं को ध्यान में रखकर ही स्थानीय जिला प्रशासन अंतिम निर्णय लेगा। शिक्षण संस्थाओं को स्कूल व कोचिंग खोलने के दौरान प्रदेश सरकार की गाइड का हर हाल में पालन सुनिश्चित कराना होगा।

गोरखपुर से दो जोड़ी और ट्रेनों को हरी झंडी, इस रूट के यात्रियों को मिलेगी राहत

गोरखपुर। यात्रियों की परेशानियों को देखते हुए रेलवे बोर्ड ने आखिरकार गोरखपुर-सिकंदराबाद एक्सप्रेस को भी साप्ताहिक सुपरफास्ट स्पेशल ट्रेन के रूप में चलाने की अनुमति दे ही दी। अब यह ट्रेन छह अक्टूबर से पूर्व निर्धारित समय और ठहराव के आधार पर चलाई जाएगी। इस स्पेशल ट्रेन में भी सिर्फ आरक्षित टिकट पर ही यात्रा की अनुमति होगी। कोरोना संक्रमण से बचाव के सभी नियम लागू होंगे। इसके अलावा रेलवे बोर्ड ने गोरखपुर के रास्ते मोतिहारी से दिल्ली के बीच चलने वाली बापूधाम एक्सप्रेस को गांधी जयंती के अवसर पर सिर्फ एक फेरा में चलाने का निर्णय लिया है।

मात्र पचास हजार से एक लाख रुपये के लिए जान ले लेते हैं यह अपराधी

गोरखपुर। हाल के दिनों जिले में हुई हत्या की वारदातों में कांट्रैक्ट किलरों का हाथ सामने आया है। ज्यादातर घटनाओं में मास्टरमाइंड ने इनका इस्‍तेमाल किया है। कई वारदातों में कांट्रैक्ट किलर तो पकड़ लिए गए लेकिन ज्‍यादातर घटनाओं में शामिल अपराधी फरार हैं। 50 हजार से एक लाख रुपये के लिए खूनी वारदात को अंजाम देने वाले कांट्रैक्ट किलर गोरखपुर पुलिस के लिए सिरदर्द बन गए हैं। सुपारी लेकर हत्या, लूट और राहजनी करने वाले बदमाशों को गोरखपुर में शरण मिल रही है। स्थानीय बदमाशों के सहयोग से वह खुलकर अपराध कर रहे हैं। छानबीन के दौरान पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाती।

Driving License: आवेदन तो मंगा लिया, अब टेस्‍ट लेने में छूट रहा पसीना- छह माह तक हुई वेटिंग 

गोरखपुर। इसे सिस्टम की खामी कहें या विभागीय उदासीनता। परिवहन विभाग ने लॉकडाउन में लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस का आवेदन स्वीकार तो कर लिया। अब लाइसेंस बनाने में पसीना छूट रहा है। लगभग छह हजार अभ्यर्थी छह माह से लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट के डेट का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन डेट नहीं मिल पा रहा। लाइसेंस जारी करने की यही रफ्तार रही तो अभ्यर्थियों को अभी और छह माह इंतजार करना पड़ सकता है। अब तो नए आवेदन पर भी डेट नहीं मिल रहा। अभ्यर्थियों को रात भर जागना पड़ रहा है। रात 1.00 बजे आसपास डेट के लिए विभाग का सारथी वेबसाइट खुलता है। मिनटों में ही 120 अभ्यर्थियों का स्लाट (निर्धारित संख्या ) भर जाता है। सैकड़ो अभ्यर्थी डेट लेने के लिए रात भर जग रहे हैं। मुश्किलें और बढ़ती जा रही हैं। कहीं कोई सुनवाई नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ताल सुमेर सागर का मामला, यथास्थिति बनाए रखने का आदेश

गोरखपुर। ताल सुमेर सागर में प्रशासन की ओर से अतिक्रमण हटाने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद आशीष कुमार सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए तीन जजों की बेंच ने प्रशासन से दो सप्ताह के भीतर शपथ पत्र दाखिल करते हुए जवाब मांगा है। जिला प्रशासन की ओर से 16 अक्टूबर को शपथ पत्र दाखिल किया जाएगा। तब तक ताल सुमेर सागर में यथास्थिति कायम रहेगी।

घर बनेगा क्लास रूम, बच्चे स्टूडेंट- परीक्षा लेंगे मम्मी-पापा

गोरखपुर। अभी तक आपने सुना होगा कि परीक्षा के लिए स्कूलों में पेपर व कापियां स्कूल शिक्षक की निगरानी में आती हैं, लेकिन कोरानाकाल में स्कूलों से काॅपी और पेपर का किट स्कूलों से अभिभावक लेकर आएंगे और घर पर अपनी देखरेख में बच्चों की परीक्षा लेंगे। परीक्षा लेने के बाद उत्तर पुस्तिका सुरक्षित स्कूल पहुंचाएंगे। स्कूल कापियों का मूल्यांकन कर नंबर देते हुए बच्चों का परिणाम घोषित करेंगे। कोरोना के मद्देनजर स्कूल एलकेजी और यूकेजी के बच्चों की परीक्षा घर पर ही ले रहा है। स्कूलों ने अभिभावकों को शपथ दिलाई है कि अभिभावक अपने बच्चों के साथ खिलवाड़ नहीं करेंगे। परीक्षा लेते समय नंबर अधिक बढ़ाने के लिए बच्चे को कोई मदद नहीं पहुंचाएंगे। 

MMMUT भी कर रहा आनलाइन क्लासेज की तैयारी, एसाइनमेंट और मूल्यांकन का कार्य भी हो सकेगा संभव

गोरखपुर। कोरोना संक्रमण को लंबा खिंचता देख मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय आनलाइन क्लासेज का पुख्ता इंतजाम करने जा रहा है। इसके लिए वह लर्निंग मैनेजमेंट सिस्टम (एलएमएस) की व्यवस्था करने जा रहा है। यह सिस्टम एक ऐसा साफ्टवेयर है, जो अन्य मीटिंग साफ्टवेयर से कक्षाओं के संचालन के मुकाबला ज्यादा उपयोगी और कारगर है। इसके लिए कार्यदायी संस्था से संपर्क हो चुका है। संस्था ने विश्वविद्यालय प्रशासन के सामने अपनी प्रस्तुति भी दे दी है।\

आरआरटी की रिपोर्ट के बाद अस्पताल नहीं गए तो मरीज पर होगी एफआइआर

गोरखपुर। कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों के लिए महत्वपूर्ण खबर है। रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) ने यदि आपको घर पर रहने लायक नहीं पाया तो 24 घंटे के भीतर कोविड अस्पताल जाना होगा। अस्पताल जाने से मना करने की दशा में मरीज के खिलाफ उत्तर प्रदेश महामारी अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज करायी जाएगी। इस सख्त निर्देश के पीछे तर्क देते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि मरीज की जीवन रक्षा करना सबका दायित्व है। मंडलायुक्त ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी से कहा कि कोविड अस्पताल में बेहतर खाना एवं साफ-सफाई की व्यवस्था की जाए। आयुक्त सभागार में कोविड 19 से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि आरआरटी होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की नियमित निगरानी करे और रिपोर्ट दे कि वे घर पर रहने लायक हैं या उन्हें अस्पताल ले जाने की जरूरत है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.