Move to Jagran APP

Top Gorakhpur News, 12 August 2020: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने नेशनल हाई-वे की दुर्दशा पर कसा तंज, लिखा सबका साथ-सबका विकास

गोरखपुर-बस्‍ती मंडल में कोरोना मरीजों राजनीतिक खबरों एवं अन्‍य महत्‍वपूर्ण जानकारी के लिए पढ़ते रहें जागरण डाट की खबरें। अपडेट रहने के लिए कृपया बने रहें हमारे साथ।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 08:30 PM (IST)Updated: Wed, 12 Aug 2020 08:30 PM (IST)
Top Gorakhpur News, 12 August 2020: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने नेशनल हाई-वे की दुर्दशा पर कसा तंज, लिखा सबका साथ-सबका विकास
Top Gorakhpur News, 12 August 2020: पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने नेशनल हाई-वे की दुर्दशा पर कसा तंज, लिखा सबका साथ-सबका विकास

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को तंज कसा है। उन्होंने सड़क की बदहाली व वहां लगी ट्रकों की कतार की फोटो ट्वीट किया है। उस पर लिखा है कि सबका साथ सबका विकास। गोरखपुर-बस्‍ती मंडल में कोरोना से 175 लोगों की मौत हो चुकी है और 13326 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं। अकेले गोरखपुर मंडल में 111 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 8890 लोग संक्रमित हो चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जंगल कौडिय़ा-मोहद्दीपुर मार्ग की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मार्ग पर आने वाले शहरी क्षेत्र में सड़क के निर्माण कार्य को हर हाल में एक माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। गोरखपुर मंडल के करीब 16 हजार छात्र आइटीआई(औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पास एक सुनहरा अवसर है। उनकी आईटीआई की डिग्री को 12वीं के समकक्ष मान्यता मिलेगी। इसके लिए उन्हें आइटीआई के साथ-साथ यूपी बोर्ड से व्यक्तिगत रूप में हिंदी की पढ़ाई करनी होगी। उत्तीर्ण होने पर उनकी डिग्री 12वीं के बराबर मानी जाएगी। वह दिन दूर नहीं जब 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ गोरखपुर के देवीपुर जंगल से मोर्चा खोलने वाले डुमरी रियासत के बाबू बंधु ङ्क्षसह की बलिदानी दुनिया जानेगी। देश के लिए खुद को कुर्बान कर देने वाले आजादी के इस दीवाने के किस्से को दुनिया भर में मशहूर करने की तैयारी पर्यटन विभाग ने शुरू कर दी है।

prime article banner

पूर्व सीएम अखिलेश ने नेशनल हाई वे कि दुर्दशा पर कसा तंज

गोरखपुर-वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग की बदहाली को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार को तंज कसा है। उन्होंने सड़क की बदहाली व वहां लगी ट्रकों की कतार की फोटो ट्वीट किया है। उस पर लिखा है कि सबका साथ सबका विकास।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जोडऩे वाली इस सड़क की स्थिति ठीक नहीं है। मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री ने  सर्किट हाउस की समीक्षा बैठक में इस राजमार्ग की दयनीय दशा पर नाराजगी जताई थी। उन्होंने अधिकारियों को जल्द काम पूरा करने का निर्देश दिया था। मार्ग पर जगह-जगह गड्ढे हैं। बारिश के दिनों में इनकी वजह से काफी दिक्कत होती है। गोरखपुर से बड़हलगंज तक का ही सफर पूरा करने में करीब तीन-साढ़े तीन घंटे का वक्त लगता है। इस सड़क को फोरलेन करने का काम 2017 के अप्रैल में शुरू हुआ था। लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं हो पाया है।

Coronavirus: गोरखपुर-बस्‍ती मंडल में कोरोना से अब तक 175 लोगों की मौत, जिलेवार आंकड़ा यहां देखें

 कोरोना के बढ़ते संक्रमण और हो रही मौतों के बावजूद लोग संभलने का नाम नहीं ले रहे हैं। स्थिति इतनी खतरनाक होती जा रही है कि पूछिए मत, गोरखपुर-बस्‍ती मंडल में कोरोना से 175 लोगों की मौत हो चुकी है और 13326 लोग अब तक संक्रमित हो चुके हैं। अकेले गोरखपुर मंडल में 111 लोगों की मौत हो चुकी है और अब तक 8890 लोग संक्रमित हो चुके हैं। बस्‍ती मंडल में कुल 64 लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है और 4436 लोग संक्रमित हो चुके हैं। गोरखपुर में तीन कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई। मंगलवार को कोरोना संक्रमण के 719 नमूनों की जांच हुई। 524 निगेटिव व 195 में संक्रमण की पुष्टि हुई। अब जिले में संक्रमितों की संख्या 4074 हो गई है। 72 लोगों की मौत हो चुकी है। 1030 लोग स्वस्थ होकर घर गए। 1037 लोग होम आइसोलेशन से मुक्त हो गए हैं। 1935 मरीजों का इलाज चल रहा है। सीएमओ डॉ. श्रीकांत तिवारी ने इसकी पुष्टि की। वहीं महराजगंज जिले में संक्रमित मरीजों की संख्या 1288 हो चुकी  है। इसमें 11 की मौत हो चुकी है। जबकि देवरिया जनपद में संक्रमितों की संख्या बढ़कर कर 2057 हो गई है।  मरने वालों की संख्या 16 हो गई है। कुशीनगर में भी संक्रमितों की संख्या 1412 हो गई है और कोरोना से अब तक मरने वालों की संख्या 12 हो चुकी है।

बस्ती जिले में कोरोना वायरस से अब तक 36 लोगों की मौत हो चुकी है और 1718 लोग संक्रमित हो चुके हैं। जबकि सिद्धार्थनगर में कोरोना से मरने वालों की संख्‍या 14 हो चुकी है और अब तक 1301 लोग संक्रमित हो चुके हैं। इसी तरह से संत कबीरनगर जिले की स्थिति है। वहां पर भी हालत बेकाबू है। यहां पर भी 14 लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमितों की संख्या बढ़कर अब 1,417 हो गई है।

मुख्‍यमंत्री ने दिया निर्देश, गोरखपुर के शहरी क्षेत्र में फोरलेन निर्माण को एक माह में पूरा करें

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जंगल कौडिय़ा-मोहद्दीपुर मार्ग की धीमी प्रगति पर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने इस मार्ग पर आने वाले शहरी क्षेत्र में सड़क के निर्माण कार्य को हर हाल में एक माह के भीतर पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कोरोना संक्रमित मरीजों की निगरानी के साथ-साथ उनके इलाज की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ लेवल-2 व लेवल-3 श्रेणी के अस्पतालों में बेडों की संख्या बढ़ाकर एक हजार करने के निर्देश दिए। एनेक्सी भवन में बैठक के दौरान मंडलायुक्त जयंत नार्लिकर, जिलाधिकारी के. विजयेंद्र पांडियन, एनएच व पीडब्लूडी के अधिकारियों से मुखातिब मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक निर्माण विभाग के अधिकारी हर तीसरे दिन तथा जिलाधिकारी एवं मंडलायुक्त प्रत्येक सप्ताह सड़क निर्माण की प्रगति की समीक्षा करें। गोरखपुर-देवरिया व असुरन से मेडिकल कालेज तक सड़क निर्माण कार्य भी तेजी के साथ पूरा कराया जाए। महानिदेशक स्वास्थ्य, अपर निदेशक स्वास्थ्य, बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य, मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एचएमसी, वेंटीलेटर एवं मानव संसाधन की व्यवस्था कर पर्याप्त संख्या में बेड के इंतजाम किए जाएं। कोई भी मरीज वापस नहीं होना चाहिए। होम आइसोलेशन में रह रहेे संक्रमित मरीजों की निगरानी इंटीग्रेटेड कंट्रोलरूम से करते हुए दिन में दो बार फोन कर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाए।

सिर्फ हिंदी की परीक्षा देने पर आइटीआइ की डिग्री हो जाएगी 12वीं के समकक्ष

गोरखपुर मंडल के करीब 16 हजार छात्र आइटीआई(औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) की पढ़ाई कर रहे हैं। उनके पास एक सुनहरा अवसर है। उनकी आईटीआई की डिग्री को 12वीं के समकक्ष मान्यता मिलेगी। इसके लिए उन्हें आइटीआई के साथ-साथ यूपी बोर्ड से व्यक्तिगत रूप में हिंदी की पढ़ाई करनी होगी। उत्तीर्ण होने पर उनकी डिग्री 12वीं के बराबर जानी जाएगी। इससे वह आगे बीटेक, बीबीए, बीए, बीएसी आदि की पढ़ाई कर सकते हैं। आइटीआई उत्तीर्ण करने के बाद छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए 12वीं उत्तीर्ण करना होता है। इसके बाद ही वह अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी कर सकेंगे। लेकिन अब वह आइटीआई की पढ़ाई के साथ यूपी बोर्ड से व्यक्तिगत रूप में हिंदी की पढ़ाई करें तो उनकी डिग्री 12वीं के समकक्ष जानी जाएगी। इधर यूपी बोर्ड के लिए 10वीं व 12वीं के फार्म भरे जाने हैं। ऐसे में 10वीं उत्तीण छात्र 12वीं के लिए व आठवीं उत्तीर्ण छात्र 10वीं के लिए फार्म भर सकते हैं। 10वीं के लिए फार्म भरने पर उनकी डिग्री 10वीं के समकक्ष होगी। व्यावसायिक शिक्षा और तकनीकी कौशल तरक्की की रीढ़ है। भारत सरकार की मेक इन इण्डिया और स्टार्ट-अप एंड स्टैन्ड-अप योजनओं की सफलता का उर्जा स्त्रोत व्यावसायिक शिक्षित युवा है। मंडल में राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के करीब 6500 व निजी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों से करीब 10000 छात्र आइटीआई की पढ़ाई कर रहे हैं।

दुनिया जानेगी गोरखपुर के बाबू बंधु सिंह का बलिदान

वह दिन दूर नहीं जब 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के खिलाफ गोरखपुर के देवीपुर जंगल से मोर्चा खोलने वाले डुमरी रियासत के बाबू बंधु ङ्क्षसह की बलिदानी दुनिया जानेगी। देश के लिए खुद को कुर्बान कर देने वाले आजादी के इस दीवाने के किस्से को दुनिया भर में मशहूर करने की तैयारी पर्यटन विभाग ने शुरू कर दी है।

बंधु  सिंह के स्मारक को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए विभाग ने करीब 70 लाख का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेज दिया है। इस धनराशि से जर्जर स्मारक की मरम्मत कराई जाएगी और उसे आकर्षक बनाया जाएगा। स्मारक के पास मौजूद तालाब को पर्यटकों को लुभाने की दृष्टि से सजाया-संवारा जाएगा। स्मारक स्थल के पत्थरों पर उनकी वीरगाथा भी दर्ज होगी, जिससे वहां आने वाले व्यक्ति को आजादी की लड़ाई में शहीद बंधु सिंह की अहमियत का अहसास हो सके। दो करोड़ 12 लाख की लागत से उनकी कुलदेवी तरकुलही देवी के मंदिर के सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण का पहले से चल रहा है। 1857 की क्रांति से जुड़े स्थलों को जोडऩे के लिए तैयार की जा रही क्रांति-पथ योजना में भी यह स्मारक शामिल हो चुका है।

दुनिया भर के लोग इस स्थल को ऑनलाइन देख और जान सकें, इसके लिए पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर इसे अपलोड करने की भी तैयारी है। ऐसा करने के लिए बंधु सिंह के स्मारक स्थल और उनकी कार्यस्थली की एक डाक्युमेंट्री फिल्म भी पर्यटन विभाग तैयार कराने जा रहा है। जल्द इसकी शूटिंग शुरू होगी। फिल्म को वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी रवींद्र कुमार मिश्र का कहना है कि अमर शहीद बंधु सिंह के स्मारक स्थल और उनकी कुलदेवी तरकुलही माता स्थल को पर्यटन के नक्शे पर लाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। तरकुलही देवी स्थल के सुदृढ़ीकरण और सुंदरीकरण का कार्य चल रहा है। स्मारक स्थल के लिए प्रस्ताव भेजा जा चुका है। 1857 की क्रांति में बंधु सिंह ने अपनी रियासत डुमरी के देवीपुर जंगल से अंग्रेजों के खिलाफ गोरिल्ला युद्ध छेड़ रखा था। बंधु ङ्क्षसह के परिवार के अजय सिंह टप्पू बताते हैं कि जब भी उस जंगल से कोई अंग्रेज गुजरता वह उसकी गर्दन धड़ से अलग कर सिर अपनी कुलदेवी को चढ़ा देते। यह बात जब अंग्रेजों को पता चली तो उन्होंने जंगल में तलाशी अभियान छेड़ दिया। एक देशद्रोही की मुखबिरी से बंधु सिंह अंग्रेजों के हाथ लग गए और उन्हें अलीनगर चैराहे पर 12 अगस्त 1858 को सरेआम फांसी दे दी गई। अजय बताते हैं कि फांसी के दौरान छह बार फंदा टूट गया। अंत में बंधु सिंह ने खुद देवी मां से अपने लिए मुक्ति मांगी तब जाकर फांसी दी जा सकी। कहते हैं कि इधर उन्हें फांसी हुई और उधर देवीपुर के जंगल में उनके द्वारा स्थापित देवी मां की पिंडी के बगल में तरकुल के पेड़ की शाखा टूट कर गिर गई और उससे खून की धारा बह निकली। तभी से उस सिद्ध स्थान की ख्याति तरकुलही माता स्थल के रूप में हो गई।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.