गोरखपुर को डूबने से बचाने के लिए 144 करोड़ रुपये खर्च कर बनेगा दस किलोमीटर लंबा पक्का नाला, सर्वे शुरू
गोरखपुर के गोड़धोइया नाला को पक्का बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। नाले को पर्याप्त चौड़ा बनाने के लिए आसपास की जमीन भी अधिग्रहीत करनी होगी और इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। नाला निर्माण पर करीब 144.84 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर शहर के बड़े क्षेत्र में जलनिकासी की स्थायी व्यवस्था के लिए गोड़धोइया नाला को पक्का बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। नाले को पर्याप्त चौड़ा बनाने के लिए आसपास की जमीन भी अधिग्रहीत करनी होगी और इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। अधिग्रहण पर आने वाले खर्च का एस्टीमेट बनाने का जिम्मा पाने के बाद तहसील प्रशासन ने सर्वे का काम शुरू करा दिया है। सर्वे करने वाली कंपनी को डिजिटल राजस्व मानचित्र उपलब्ध करा दिया गया है। उसके आधार पर आठ में से दो गांवों का सर्वे पूरा भी कर लिया गया है। सभी गांवों का सर्वे हो जाने के बाद तहसील प्रशासन गाटा संख्या के आधार पर अधिग्रहण की जद में आने वाली जमीन को चिह्नित करेगा।
तहसील प्रशासन तैयार करेगा एस्टीमेट, जियोनो कंपनी को दी गई सर्वेक्षण की जिम्मेदारी
शहर में लेडार (लाइट डिटेक्शन एंड रेजिंग) तकनीक के जरिए सर्वे कर जल निकासी की कार्ययोजना बनाने वाली कंपनी जियोनो को ही डिजिटल मानचित्र के जरिए नाले के प्रस्तावित क्षेत्र में आने वाले गांव व भूखंडों का सर्वे करने को कहा गया है। कंपनी की मांग पर तहसील प्रशासन ने डिजिटल राजस्व मानचित्र उपलब्ध करा दिया है। इसी मानचित्र के आधार पर सर्वे किया जा रहा है। आठ गांवों का सर्वेक्षण का काम होना है। अभी तक दो गांवों का सर्वे पूरा हो चुका है। सभी गांवों का सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट तहसील प्रशासन को मिलेगी और वहां से एक सप्ताह के भीतर अधिग्रहण के दायरे में आने वाले गाटा संख्या को चिह्नित कर लिया जाएगा। जमीन चिह्नित होने के बाद अधिग्रहण पर आने वाले खर्च का आकलन कर शासन को भेजा जाएगा। नाला को पक्का बनाने के लिए प्रस्तावित बजट के अतिरिक्त अधिग्रहण का बजट होगा।
दस किलोमीटर नाला को पक्का बनाने पर खर्च होना है 144 करोड़
गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) ने जियोनो कंपनी के माध्यम से ही नाले को पक्का बनाने के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार कराया गया है। इस प्रोजेक्ट के मुताबिक नौ किलोमीटर 682 मीटर लंबे गोड़धोइया नाला को 20 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा। यह नाला 1.5 मीटर से लेकर 2.75 मीटर तक गहरा होगा। नाला का निर्माण मेडिकल कालेज रोड के पास महाकाली मंदिर से शुरू होगा और इसका अंतिम छोर रामगढ़ ताल रेलवे पुल के पास होगा। इसपर करीब 144.84 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है।
यह है लेडार तकनीक
लेडार तकनीक के अंतर्गत जल निकासी के लिए लेजर के जरिए एरियल सर्वे (एयरक्राफ्ट के माध्यम से) किया जाता है। इसमें जमीन की सतह कहां ऊंची है और कहां ढलान है, इसका स्पष्ट पता लग जाता है। इस सर्वेक्षण के आधार पर ही रिपोर्ट तैयार की जाती है।
गोड़धोइया नाला को पक्का बनाने के लिए कुछ जमीन अधिग्रहण की जरूरत होगी। इसके लिए जियोनो कंपनी सर्वे कर रही है। तहसील की ओर से अधिग्रहण के लिए एस्टीमेट तैयार किया जा रहा है। एस्टीमेट तैयार होने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। - प्रेम रंजन सिंह, उपाध्यक्ष जीडीए।